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RBI ने बढ़ाई बैंकों की जिम्मेदारी, जल्द बदल जाएगा लोन लेने का तरीका!

Bank Loan: ग्राहक को यह समझने में आसानी होगी कि उनका लोन कितना महंगा है। इसमें बैंक से लिए जा रहे सभी करों और शुल्कों का उल्लेख होना चाहिए।

 
Bank Loan

Haryana Update: आपको बता दें, की 1 अक्टूबर के बाद बैंकों से लोन लेने की प्रक्रिया काफी बदल जाएगी। रिजर्व बैंक (RBI) ने सभी बैंकों और एनबीएफसी को एक नोटिफिकेशन जारी किया है जिसमें ग्राहक को दिए गए लोन पर अधिक सावधानी की आवश्यकता है। इसके लिए बैंक फैक्ट्स स्टेटमेंट (KFS) जारी करेगा। यह ग्राहक को लोन की कुल लागत को बहुत ही सरल शब्दों में बताएगा। नए नियम के अनुसार, लोन लेने वाले ग्राहक वास्तविक लागत जान सकेंगे। ग्राहक को अभी बैंक की प्रोसेसिंग फीस और ब्याज दर के अलावा कोई जानकारी नहीं दी जाती है।

अप्रैल की एमपीसी बैठक में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि बैंकों को अब लोन लेने वाले ग्राहकों को एनुअलाइज्ड पर्सेंटेज रेट (APR), यानी लोन की कुल लागत का खुलासा करना होगा। इससे ग्राहक को पता चलेगा कि बैंक या एनबीएफसी से लिया गया लोन का असली मूल्य क्या है। यह बैंकिंग प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने और ग्राहकों को सही जानकारी देने के लिए बनाया गया है।

क्या है KFS? बैंकों की ओर से जारी KFS में लोन से जुड़ी सभी जानकारी शामिल होगी, जिससे ग्राहक को यह समझने में आसानी होगी कि उनका लोन कितना महंगा है। इसमें बैंक से लिए जा रहे सभी करों और शुल्कों का उल्लेख होना चाहिए। KFS में बताया गया है कि बैंक कोई भी हिडन चार्जेज नहीं वसूल सकेंगे। इसमें ब्याज, प्रोसेसिंग फीस सहित बैंक से वसूले जाने वाले सभी खर्चों और खर्चों का विवरण होगा।

क्या APR है? रिजर्व बैंक ने एक नोटिफिकेशन में कहा कि सभी बैंक लोन लेने वाले ग्राहक को APR बताया जाएगा। APR साल भर में लोन पर कितनी लागत आनी है। इसमें इंश् योरेंस चार्ज और लीगल चार्ज सहित बैंकों से लिए जाने वाले अन्य शुल्क भी शामिल हैं। APR में भी लोन की पूरी गणना और इसे चुकाने की अवधि का उल्लेख होगा।

यह क्या लाभ देगा? KFS ग्राहक को APR का पूरा कैलकुलेशन मिलेगा। इससे ग्राहक को पता चलेगा कि उसका लोन असल में कितना महंगा है। इससे ग्राहकों को दूसरे बैंकों के प्रस्तावों की आसानी से तुलना होगी। अगर कोई बैंक आपको KFS नहीं देता तो आप लोकपाल से शिकायत कर सकते हैं। शिकायत मिलने के 30 दिन के भीतर इसका समाधान किया जाना चाहिए।

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