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CIBIL Score: लोन लेने से पहले जानिए CIBIL स्कोर के नए नियम

सिबिल स्कोर एक तीन अंकों का नंबर होता है, जो यह दर्शाता है कि बैंक या वित्तीय संस्थाओं के साथ आपका वित्तीय व्यवहार कैसा रहा है। यह स्कोर आपके द्वारा लिए गए लोन, क्रेडिट का
 
CIBIL Score: लोन लेने से पहले जानिए CIBIL स्कोर के नए नियम
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सिबिल स्कोर एक तीन अंकों का नंबर होता है, जो यह दर्शाता है कि बैंक या वित्तीय संस्थाओं के साथ आपका वित्तीय व्यवहार कैसा रहा है। यह स्कोर आपके द्वारा लिए गए लोन, क्रेडिट कार्ड के भुगतान, ईएमआई चुकाने की नियमितता, और अन्य वित्तीय गतिविधियों के आधार पर तैयार होता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अधीन मान्यता प्राप्त कंपनियां इस स्कोर की निगरानी करती हैं।

RBI का नया नियम:
हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने सिबिल स्कोर को लेकर नए नियम जारी किए हैं। देश में करोड़ों बैंक उपभोक्ताओं को इन नए नियमों की जानकारी होना जरूरी है, क्योंकि ये नियम लोन प्राप्ति में सीधा प्रभाव डाल सकते हैं।

क्या होता है सिबिल स्कोर?
सिबिल स्कोर एक प्रकार का क्रेडिट स्कोर होता है, जो यह बताता है कि आपने अपने कर्जों की अदायगी कितनी समय पर की है। इसमें शामिल होते हैं:

लोन की EMI का भुगतान

क्रेडिट कार्ड के बिल का निपटान

लोन की समय पर अदायगी

बैंक चार्जेज और अन्य वित्तीय दायित्व

RBI की मान्यता प्राप्त कंपनियां इस डेटा को ट्रैक करती हैं और हर व्यक्ति का एक सिबिल स्कोर तैयार करती हैं। बैंक और वित्तीय संस्थाएं किसी को भी लोन देने से पहले इस स्कोर को जरूर चेक करती हैं।

अच्छा सिबिल स्कोर: लोन की प्रक्रिया होती है आसान
अगर आपका सिबिल स्कोर अच्छा है, तो बैंक आपको बिना किसी कठिनाई के लोन दे देते हैं। उच्च सिबिल स्कोर का मतलब होता है कि आपका वित्तीय व्यवहार भरोसेमंद है।


अगर आपका सिबिल स्कोर खराब है, तो बैंक आपकी लोन एप्लिकेशन को अस्वीकार भी कर सकते हैं। RBI के दिशा-निर्देशों के अनुसार, लोन तभी दिया जाएगा जब सिबिल स्कोर संतोषजनक हो।

RBI का नया नियम: हर 15 दिन में होगा अपडेट
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सिबिल स्कोर को लेकर एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब सिबिल कंपनियों को हर 15 दिन में क्रेडिट स्कोर अपडेट करना अनिवार्य होगा।

अब बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान हर 15 दिन में ग्राहक का क्रेडिट स्कोर अपडेट करेंगे।

प्रत्येक माह की 15 तारीख और महीने की आखिरी तारीख को डेटा अपडेट किया जाएगा।

यदि किसी बैंक या वित्तीय संस्था ने कोई विशेष तारीख तय नहीं की है, तो यह अपडेट ऑटोमोड पर रहेगा।

नियम का फायदा:
RBI द्वारा किए गए इस बदलाव से उपभोक्ताओं और बैंकों दोनों को लाभ मिलेगा।

उपभोक्ताओं को लाभ:

यदि आपकी EMI की भुगतान तिथि चली जाती है, तो 15 दिन के भीतर आपका क्रेडिट स्कोर अपडेट हो जाएगा।

अगली किस्तें समय पर चुकाने पर यह स्कोर जल्दी बेहतर होता दिखाई देगा।

अगर किसी कारणवश आपका स्कोर गिरता है, तो अगली पेमेंट के बाद इसे सुधारने का मौका भी जल्दी मिलेगा।

बैंकों को लाभ:

बैंक को यह जल्दी पता चल जाएगा कि किस ग्राहक ने किस्त चुकाई है और किसने नहीं।

डिफॉल्टर्स का पता 15 दिन के भीतर चल जाएगा, जिससे बैंक को लोन रिकवरी में आसानी होगी।

बैंकों का निर्णय लेने का समय भी कम हो जाएगा, जिससे लोन प्रोसेसिंग तेजी से होगी।

कैसे सुधारे अपना सिबिल स्कोर?
अगर आपका सिबिल स्कोर कम है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। इन आसान तरीकों से आप अपने क्रेडिट स्कोर को सुधार सकते हैं:

समय पर EMI का भुगतान करें:
किसी भी लोन या क्रेडिट कार्ड की EMI को समय पर भरें।

क्रेडिट कार्ड का समझदारी से उपयोग करें:
क्रेडिट लिमिट का 30% से कम उपयोग करने की कोशिश करें।

पुराने लोन का निपटारा करें:
यदि आपके पास कोई पुराना लोन बकाया है, तो उसे जल्द से जल्द चुकता करें।

एक से अधिक लोन न लें:
एक ही समय में कई लोन लेने से आपका सिबिल स्कोर प्रभावित हो सकता है।

RBI के नए नियम से बदलाव:
RBI के नए नियमों के अनुसार, अब क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियों को हर 15 दिन में डेटा अपडेट करना होगा। पहले यह अपडेट महीने में एक बार होता था, जिससे उपभोक्ताओं को अपने स्कोर में सुधार देखने में ज्यादा समय लगता था। अब यह प्रक्रिया तेज हो जाएगी।