Property Tax Rules: जमीन की खरीद-बिक्री पर देना होगा इतना टैक्स, जानिए नए नियम
सरकार ने प्रॉपर्टी टैक्स के नए नियम लागू किए हैं। जमीन की खरीद-बिक्री पर स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क का भुगतान करना अनिवार्य है। साथ ही, कैपिटल गेन टैक्स भी लागू होगा यदि प्रॉपर्टी से मुनाफा कमाया गया हो। इन नियमों का पालन न करने पर जुर्माना लग सकता है। खरीद-बिक्री से पहले सभी टैक्स नियमों की जानकारी जरूर लें। जानें नए नियमों की पूरी डिटेल।
Updated: Jan 13, 2025, 23:13 IST
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Haryana update : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट 2024-25 में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) Tax को लेकर कई बड़े बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों का प्रभाव खासतौर पर प्रॉपर्टी और सोने जैसी संपत्तियों में निवेश करने वाले लोगों पर पड़ेगा। सरकार ने LTCG Tax की दर को 10% से बढ़ाकर 12.5% कर दिया है। इसके साथ ही, इंडेक्सेशन का लाभ भी हटा दिया गया है, जो महंगाई के प्रभाव को समायोजित करने का काम करता था।
क्या है इंडेक्सेशन और इसे क्यों हटाया गया?
- इंडेक्सेशन का उपयोग महंगाई के असर को कम करने के लिए किया जाता था।
- प्रॉपर्टी या सोने की बिक्री के समय, महंगाई के प्रभाव को हटाकर जो पूंजीगत लाभ (Capital Gains) निकलता था, उस पर 20% Tax लगाया जाता था।
- अब सरकार ने इसे हटाते हुए LTCG Tax की दर को फ्लैट 12.5% कर दिया है।
- इससे कर व्यवस्था को सरल बनाने में मदद मिलेगी, लेकिन यह बदलाव निवेशकों पर आर्थिक दबाव बढ़ा सकता है।
प्रॉपर्टी बिक्री पर LTCG Tax की गणना कैसे होगी?
आयकर विभाग ने स्पष्ट किया है कि 1 अप्रैल 2001 से पहले और बाद में खरीदी गई प्रॉपर्टी पर LTCG Tax की गणना अलग-अलग तरीके से की जाएगी:
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2001 से पहले खरीदी गई प्रॉपर्टी:
- 1 अप्रैल 2001 की स्टांप ड्यूटी वैल्यू या फेयर मार्केट वैल्यू (जो भी कम हो) को प्रॉपर्टी की मूल लागत माना जाएगा।
- इस प्रॉपर्टी पर इंडेक्सेशन का लाभ नहीं मिलेगा।
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2001 के बाद खरीदी गई प्रॉपर्टी:
- इन प्रॉपर्टी पर भी अब इंडेक्सेशन का लाभ नहीं मिलेगा।
- बिक्री मूल्य पर सीधे 12.5% LTCG Tax लागू होगा।
आयकर विभाग द्वारा दिया गया उदाहरण
आइए, इसे एक उदाहरण से समझते हैं:
- किसी व्यक्ति ने 1990 में ₹5 लाख में एक प्रॉपर्टी खरीदी।
- 1 अप्रैल 2001 को इस प्रॉपर्टी की स्टांप ड्यूटी वैल्यू ₹10 लाख और फेयर मार्केट वैल्यू ₹12 लाख हो गई।
- इस प्रॉपर्टी को 2024 में ₹1 करोड़ में बेचा गया।
पुरानी व्यवस्था (इंडेक्सेशन लागू)
- इंडेक्सेशन के बाद खरीद मूल्य: ₹36.3 लाख।
- कैपिटल गेन: ₹1 करोड़ - ₹36.3 लाख = ₹63.7 लाख।
- 20% LTCG Tax: ₹63.7 लाख का 20% = ₹12.74 लाख।
नई व्यवस्था (इंडेक्सेशन हटाया गया)
- कैपिटल गेन: ₹1 करोड़ - ₹10 लाख (1 अप्रैल 2001 की स्टांप ड्यूटी वैल्यू) = ₹90 लाख।
- 12.5% LTCG Tax: ₹90 लाख का 12.5% = ₹11.25 लाख।
बदलावों का निवेशकों पर असर
- प्रॉपर्टी निवेशकों को नुकसान:
इंडेक्सेशन खत्म होने से निवेशकों पर महंगाई का असर नहीं हट सकेगा। इससे उनके LTCG Tax का बोझ बढ़ेगा। - सरल प्रक्रिया:
सरकार ने LTCG Tax की गणना को सरल बनाने के लिए इंडेक्सेशन का लाभ खत्म किया है।
महत्वपूर्ण बिंदु
- इंडेक्सेशन खत्म होने का मतलब:
1 अप्रैल 2001 के बाद खरीदी गई प्रॉपर्टी के लिए महंगाई को समायोजित करने का कोई विकल्प नहीं होगा। - LTCG Tax की नई दर:
सभी प्रॉपर्टी और सोने जैसी संपत्तियों पर फ्लैट 12.5% LTCG Tax लागू होगा। - सरल लेकिन महंगा:
नई व्यवस्था से Tax प्रक्रिया को सरल बनाया गया है, लेकिन निवेशकों को अधिक Tax चुकाना होगा।