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Property Rule: बदल गए जमीन रजिस्ट्री के 4 अहम नियम, जानें अब कैसे होगी रजिस्ट्री

जमीन रजिस्ट्री के 4 महत्वपूर्ण नियमों में बदलाव किया गया है। अब रजिस्ट्री के लिए नए दस्तावेज़ों की जरूरत होगी, जैसे आधार कार्ड और पैन कार्ड की कॉपी। इसके अलावा, रजिस्ट्री के लिए नई फीस संरचना भी लागू की गई है और सभी लेन-देन को डिजिटल रूप से दर्ज किया जाएगा। इन नए नियमों का पालन करने से रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी। जानें पूरी जानकारी।
 
Property Rule: बदल गए जमीन रजिस्ट्री के 4 अहम नियम, जानें अब कैसे होगी रजिस्ट्री
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Haryana update : जमीन और प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री एक महत्वपूर्ण कानूनी प्रक्रिया है, जो संपत्ति के स्वामित्व को वैध बनाती है। हाल ही में, सरकार ने जमीन रजिस्ट्री प्रक्रिया में कई बड़े बदलाव किए हैं, जिनका उद्देश्य इस प्रक्रिया को और भी आसान, पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बनाना है। यह बदलाव 2025 से लागू होंगे, और इसके तहत कई नई तकनीकी सुविधाओं और सुरक्षा उपायों को शामिल किया जाएगा। आइए जानते हैं इन नियमों का आम जनता पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

जमीन रजिस्ट्री 2025: प्रमुख बातें

योजना का नाम: जमीन रजिस्ट्री 2025
लागू होने की तिथि: 1 जनवरी 2025
उद्देश्य: प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और सुरक्षित बनाना
लाभार्थी: सभी प्रॉपर्टी खरीदार और विक्रेता
प्रमुख बदलाव: डिजिटल रजिस्ट्रेशन, आधार लिंकिंग, वीडियो रिकॉर्डिंग, ऑनलाइन फीस भुगतान
लागू क्षेत्र: पूरे भारत में
नोडल मंत्रालय: भूमि संसाधन मंत्रालय
अपेक्षित लाभ: धोखाधड़ी में कमी, समय की बचत, पारदर्शिता में वृद्धि

जमीन रजिस्ट्री 2025 के 4 प्रमुख नए नियम

1. डिजिटल रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
अब तक प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए कागजी दस्तावेजों की आवश्यकता होती थी, लेकिन अब प्रॉपर्टी रजिस्ट्री पूरी तरह से डिजिटल हो जाएगी। इससे कागजी दस्तावेजों का काम खत्म हो जाएगा और रजिस्ट्रेशन का पूरा काम इंटरनेट और कंप्यूटर के माध्यम से किया जाएगा। इसके तहत:

  • सभी दस्तावेजों को डिजिटल फॉर्मेट में अपलोड किया जाएगा।
  • रजिस्ट्रार के दफ्तर में जाने की कोई आवश्यकता नहीं होगी, सभी काम ऑनलाइन हो सकेंगे।
  • डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे प्रक्रिया की वैधता सुनिश्चित होगी।
  • रजिस्ट्री के बाद तुरंत डिजिटल सर्टिफिकेट मिलेगा।

इस बदलाव से प्रक्रिया न केवल तेज होगी, बल्कि भ्रष्टाचार और मानवीय गलतियों की संभावना भी कम हो जाएगी।

2. आधार कार्ड से लिंकिंग
प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के नए नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव है आधार कार्ड से लिंकिंग। इस नियम के तहत:

  • प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने वाले व्यक्ति को अपना आधार कार्ड लिंक करना होगा।
  • आधार कार्ड से बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन किया जाएगा, ताकि रजिस्ट्री में धोखाधड़ी की संभावना खत्म हो सके।
  • यह सुनिश्चित करेगा कि रजिस्ट्री करने वाला व्यक्ति वही है जो होना चाहिए।
  • फर्जी रजिस्ट्री की संभावना को समाप्त कर देगा।

आधार लिंकिंग से प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुरक्षा दोनों बढ़ेगी, और यह बेनामी संपत्ति के मामलों को भी रोकेगा।

3. वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य
तीसरा बड़ा बदलाव है रजिस्ट्री प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग। अब रजिस्ट्री के दौरान पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी। इसके तहत:

  • खरीदार और विक्रेता दोनों का बयान वीडियो में रिकॉर्ड किया जाएगा।
  • यह वीडियो सरकारी सर्वर पर सुरक्षित रखी जाएगी।
  • भविष्य में किसी विवाद की स्थिति में यह वीडियो एक सबूत के रूप में काम आएगी।
  • यह सुनिश्चित करेगा कि रजिस्ट्री पूरी तरह से स्वेच्छा से और बिना किसी दबाव के की गई है।

वीडियो रिकॉर्डिंग से रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और भविष्य में विवादों की संख्या कम होगी।

4. ऑनलाइन फीस भुगतान
चौथा नया नियम है ऑनलाइन फीस भुगतान। इसके तहत:

  • रजिस्ट्री फीस और स्टांप ड्यूटी का भुगतान अब ऑनलाइन किया जाएगा।
  • डिजिटल पेमेंट गेटवे का उपयोग किया जाएगा, जिसमें क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग और UPI जैसी सुविधाएं शामिल होंगी।
  • भुगतान की तुरंत पुष्टि मिल जाएगी।
  • अब तक नकद लेन-देन को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा, जिससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।

ऑनलाइन फीस भुगतान से प्रक्रिया तेज और पारदर्शी होगी, और इससे काले धन के इस्तेमाल को रोकने में मदद मिलेगी।

जमीन रजिस्ट्री 2025: क्या बदलेगा?

1. रजिस्ट्री प्रक्रिया में सुधार

  • समय की बचत: डिजिटल प्रक्रिया से रजिस्ट्री का समय घटकर कुछ घंटों का हो जाएगा।
  • कागजी कार्रवाई में कमी: सभी दस्तावेज डिजिटल होंगे, जिससे कागज की बचत होगी।
  • 24x7 सुविधा: अब किसी भी समय रजिस्ट्री की जा सकेगी, और कार्यालय समय की बाध्यता नहीं होगी।
  • गलतियों में कमी: कंप्यूटरीकृत प्रक्रिया से मानवीय गलतियां कम होंगी।

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2. सुरक्षा में वृद्धि

  • फर्जी रजिस्ट्री पर रोक: आधार लिंकिंग से फर्जी रजिस्ट्री की संभावना समाप्त हो जाएगी।
  • बेनामी संपत्ति पर अंकुश: हर प्रॉपर्टी का मालिक आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा।
  • विवादों में कमी: वीडियो रिकॉर्डिंग भविष्य में होने वाले विवादों को कम करेगी।
  • डेटा सुरक्षा: सभी जानकारी सुरक्षित सरकारी सर्वर पर रखी जाएगी।

3. पारदर्शिता में वृद्धि

  • ऑनलाइन रिकॉर्ड: किसी भी प्रॉपर्टी का रिकॉर्ड ऑनलाइन देखा जा सकेगा।
  • फीस की जानकारी: रजिस्ट्री फीस और स्टांप ड्यूटी की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी।
  • प्रक्रिया की जानकारी: रजिस्ट्री की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन ट्रैक की जा सकेगी।
  • भ्रष्टाचार में कमी: डिजिटल भुगतान से रिश्वत और काले धन पर रोक लगेगी।

4. उपभोक्ता सुविधा

  • घर बैठे सेवा: अब रजिस्ट्रार के दफ्तर जाने की कोई आवश्यकता नहीं होगी।
  • कम खर्च: यात्रा और अन्य खर्चों में कमी आएगी।
  • तेज प्रक्रिया: अब रजिस्ट्री के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
  • आसान भुगतान: विभिन्न डिजिटल भुगतान विकल्प उपलब्ध होंगे, जिससे भुगतान सरल और जल्दी होगा।