Property Rules : जमीन की रजिस्ट्री से पहले इन 4 चीजों का रखें ध्यान, बचा सकते हैं लाखों

Haryana update : जमीन की रजिस्ट्री (Property Registry) कराना एक बड़ी प्रक्रिया है, जिसमें काफी खर्चा होता है। आमतौर पर प्रॉपर्टी की कुल कीमत का 5-7 प्रतिशत तक रजिस्ट्रेशन चार्ज देना पड़ता है। उदाहरण के तौर पर, अगर आप 50 लाख रुपये की प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं, तो यह चार्ज 2.5 से 3.5 लाख रुपये तक हो सकता है। हालांकि, कुछ आसान उपाय अपनाकर इस खर्च को काफी हद तक कम किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि रजिस्ट्रेशन चार्ज बचाने के 4 कारगर तरीके कौन-कौन से हैं।
1. मार्केट वैल्यू पर स्टांप ड्यूटी दें
कई बार ऐसा होता है कि प्रॉपर्टी का सर्किल रेट (Circle Rate) अधिक होता है, जबकि उसकी मार्केट वैल्यू (Market Value) कम होती है। ऐसी स्थिति में, सर्किल रेट के आधार पर स्टांप ड्यूटी अधिक चुकानी पड़ती है। लेकिन अगर आप रजिस्ट्रार या सब-रजिस्ट्रार के पास मार्केट वैल्यू के आधार पर स्टांप ड्यूटी की अपील करते हैं, तो आपको खर्च कम करना पड़ सकता है।
-
प्रक्रिया: रजिस्ट्रार या सब-रजिस्ट्रार आपकी अपील को डीसी ऑफिस भेजता है। डीसी कार्यालय मार्केट वैल्यू का आकलन करता है और उसी के आधार पर स्टांप ड्यूटी तय करता है।
-
फायदा: इस प्रक्रिया से आप सर्किल रेट की तुलना में कम स्टांप ड्यूटी चुकाकर बचत कर सकते हैं।
2. बिना बंटवारे वाली जमीन की रजिस्ट्री करें
Family ID 2025 : हरियाणा वालों के लिए BIG UPDATE !
बिना बंटवारे वाली जमीन (Undivided Land) की रजिस्ट्री करना अपेक्षाकृत सस्ता होता है, खासतौर पर निर्माणाधीन प्रोजेक्ट्स में। इस मामले में, खरीदार और बिल्डर के बीच दो अलग-अलग एग्रीमेंट किए जाते हैं:
-
सेल एग्रीमेंट (Sale Agreement): जिसमें जमीन के अनडिवाइडेड शेयर का उल्लेख होता है।
-
कंस्ट्रक्शन एग्रीमेंट (Construction Agreement): जिसमें जमीन पर होने वाले निर्माण की लागत शामिल होती है।
उदाहरण:
अगर एक अपार्टमेंट की कुल लागत 50 लाख रुपये है, जिसमें जमीन की कीमत 20 लाख रुपये और निर्माण की लागत 30 लाख रुपये है, तो रजिस्ट्रेशन चार्ज केवल जमीन के हिस्से यानी 20 लाख रुपये पर लगेगा। इससे आपका खर्च काफी कम हो सकता है।
3. महिला खरीदारों के लिए छूट का लाभ उठाएं
अगर प्रॉपर्टी की खरीदारी में महिला शामिल हो, तो कई राज्यों में स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज में छूट मिलती है।
-
उदाहरण: दिल्ली में पुरुष के नाम पर रजिस्ट्रेशन पर 6 प्रतिशत चार्ज लगता है, जबकि महिला के नाम पर यह केवल 4 प्रतिशत है।
-
अतिरिक्त लाभ: महिला खरीदार रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी पर रजिस्ट्रेशन खर्च पर अधिकतम 1.5 लाख रुपये का टैक्स छूट भी प्राप्त कर सकती हैं।
यह सुविधा हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में उपलब्ध है।
4. लोकल स्टांप एक्ट का लाभ उठाएं
प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आता है, और हर राज्य के स्टांप एक्ट (Stamp Act) में अंतर होता है।
-
छूट वाले अवसर: कई बार राज्य सरकारें स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज में छूट देती हैं। ऐसे समय में रजिस्ट्री कराने पर अच्छा-खासा पैसा बचाया जा सकता है।
-
विशेष नियम:
-
महाराष्ट्र, पंजाब और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में अगर प्रॉपर्टी ब्लड रिलेटिव (Blood Relative) को गिफ्ट की जाती है, तो स्टांप ड्यूटी नहीं लगती।
-
इसी तरह के अन्य नियमों का ध्यान रखकर रजिस्ट्रेशन चार्ज बचाया जा सकता है।
-
इन चार तरीकों को अपनाकर आप प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के दौरान होने वाले भारी खर्च को काफी हद तक कम कर सकते हैं। सही जानकारी और समझदारी से आप न सिर्फ पैसे बचा सकते हैं, बल्कि अपनी रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल और किफायती बना सकते हैं।