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Potato Rate : आलू के रेट ने सबको चौकांया, एक किलो आलू 50,000 रुपए में मिल रहा है

Haryana Update : आलू (Potato) सब्जियों का राजा है, भारत में यह पूरे साल पकाया और खाया जाता है, हमारे यहां आलू का भाव (Potato Rate) जैसे ही 20 रुपये किलोग्राम से ऊपर जाता है, तो लोगों को आलू बहुत महंगा लगने लगता है
 
आलू के रेट ने सबको चौकांया

Potato Rate : आलू एक ऐसी सब्जी है जो बारहमासी चलता है, लेकिन इसका भाव भी इतना ज्यादा नहीं होता है, आराम से मिडिल क्लाश के लोग इसको खरीद सकते है, लेकिन आज आलू की एक ऐसी किस्म के बारे में बताने जा रहे है जिसकी एक किलो की कीमत 50 हजार रुपए है, आइए जानते है इस आलू के किस्म के बारे में 

अपने देश में अगर बताया जाए कि दुनिया में आलू की किस्‍म ऐसी भी है, जिसकी कीमत 100-200 रुपये किलोग्राम नहीं, बल्कि हजारों रुपये में है, तो बहुत से लोग तो इस बात पर विश्‍वास ही नहीं करेंगे. 

लेकिन, ये सच है. फ्रांस में पैदा होने वाला ले बोनोटे (Le Bonnotte Price) आलू की कीमत सोने और चांदी के भाव को टक्‍कर देती है. 1 किलो आलू की कीमत में पूरे महीने का राशन बड़ी आसानी से आ सकता है.

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ले बोनोटे (Le Bonnotte) आलू का भाव 50,000 रुपये किलोग्राम है. मतलब कि 1 किलो फ्रांसीसी आलू को खरीदने में आपके जितने पैसे खर्च होंगे, उतने में फिलहाल आप उत्‍तर प्रदेश के आलू उत्‍पादक किसी जिले की मंडी से 100 क्विंटल आलू खरीद सकते हैं. यूपी और हरियाणा में आलू का थोक भाव इस समय 5 किलो किलो या 500 रुपये क्विंटल चल रहा है. 


इस आलू को लोग लाइन में लगकर खरीदने को तैयार रहते हैं. लेकिन, सभी को महंगा Le Bonnotte आलू मिलता भी नहीं है. इसका कारण है इसका कम उत्‍पादन. पूरी दुनिया में इस आलू का का उत्‍पादन केवल 100 टन ही है. यह फ्रांस में उगाया जाता है, वो भी बहुत कम एरिया में.

क्‍यों है इतना महंगा?

ले बोनोटे (Le Bonnotte) आलू की एक दुर्लभ किस्‍म है. इसे हर जगह नहीं उगाया जा सकता है. इसकी खेती फ्रांस के द्वीप Ile de Noirmoutier में की जाती है.

द्वीप का ही केवल 50 वर्ग मीटर का क्षेत्र ले बोनोटे के उत्‍पादन के लिए इस्‍तेमाल होता है.

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इसे पैदा करने में समुद्री शैवाल का उपयोग किया जाता है.इसे पैदा करना बहुत मेहनत का काम है. समुद्र से आती नमकीन हवा, रेतीली मिट्टी और समुद्री शैवाल इसमें अनूठा स्‍वाद और गुण भरते हैं. सालभर में इसका केवल 100 टन ही उत्‍पादन होता है.

90 दिन में होता है तैयार

ले बोनोटे 90 दिन में तैयार हो जाता है. हालांकि इसकी खुदाई इसके पूरे तरह तैयार होने से पहले ही कर ली जाती है. इसकी बुआई फरवरी में होती है और मई आते-आते इसे खेत से निकाल लिया जाता है.

इसका टेस्‍ट नमकीन होता है. इसे छीला नहीं जाता क्‍योंकि इसके छिलके में ही इसका यूनिक टेस्‍ट और कई औषधीय गुण होते हैं.

100 टन की खुदाई में लगते हैं 2500 आदमी

ले बोनोटे (Le Bonnotte) आलू की खुदाई बहुत सावधानीपूर्वक करनी होती है. इसका छिलका काफी नाजुक तो है ही साथ ही कीमती भी है.

यही कारण है कि एक-एक आलू को सावधानीपूर्वक हाथ से निकाला जाता है. 1 सप्‍ताह में इसकी खुदाई कर ली जाती है. इस काम में कम से कम 2,500 लोग लगते हैं.

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10 दिन में बिक जाता है

ले बोनोटे (Le Bonnotte) आलू 10 दिन में ही बिक जाता है. बाकायदा इसकी बोली लगती है. इस आलू का उपयोग सब्‍जी के साथ ही साबुन और क्रीम बनाने में भी होता है.

डॉक्‍टर्स का कहना है कि कई गंभीर बीमारियों के इलाज की दवा बनाने में भी होता है.

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