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OPS Scheme: UP के कर्मचारियों को बड़ा झटका, OPS पर विधान परिषद में मुद्दा उठा तो ये मिली प्रतिक्रिया

OPS Scheme in UP : उत्तर प्रदेश (UP) विधान परिषद में पुरानी पेंशन योजना (OPS) का मामला फिर से  जोरों शोरों से उठाया गया। सपा (समाजवादी पार्टी) और शिक्षक विधायक ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने ओपीएस (OPS) का अधिकार मांगा। जिस पर राज्य सरकार ने स्पष्ट किया कि प्रदेश में ओपीएस (OPS) को...
 
OPS Scheme: UP के कर्मचारियों को बड़ा झटका, OPS पर विधान परिषद में मुद्दा उठा तो ये मिली प्रतिक्रिया

OPS Pension Scheme : विधान परिषद में पुरानी पेंशन का मुद्दा फिर जोर-शोर से उठा। सपा के साथ ही शिक्षक विधायक ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने इस मुद्दे को उठाया। सदन में पूछा गया कि क्या न्यू पेंशन स्कीम (NPS) के स्थान पर यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) की तरह ही ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) चुनने का अधिकार मिलेगा। इस पर राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि प्रदेश में पुरानी पेंशन स्कीम बहाली का प्रकरण विचाराधीन नहीं है।


सपा के डा. मान सिंह यादव ने प्रश्नकाल में पुरानी पेंशन का मुद्दा उठाया। कहा कि भाजपा शासित राजस्थान, छत्तीसगढ़ सहित कई प्रदेशों में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू है। उन्होंने कहा कि एनपीएस पूरी तरह गलत है। कर्मचारियों का जबरिया 10 फीसदी पैसा जमा कराया जाता है। 
 

यदि कोई व्यक्ति 52 साल पर वीआरएस लेना चाहे तो उसे पेंशन के लिए आठ साल इंतजार करना पड़ेगा। सपा के आशुतोष सिन्हा ने कहा कि पेंशन निदेशालय में भ्रष्टाचार के चलते शिक्षकों को पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा। उन्होंने आजमगढ़, प्रयागराज सहित कई जगह के उदाहरण दिए। उन्होंने कहा कि 25 जिलों में घोटाला हुआ। शिक्षक विधायक ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने कहा कि घोटालों के मामले में नेता सदन ने एसआईटी जांच कराने की बात कही थी। मगर उसका कोई अता-पता नहीं है। ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने इस मामले को नियम 115 के तहत भी उठाया।

नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि यूपीएस प्रदेश में लागू नहीं है। जहां तक गड़बड़ी की जांच का सवाल है तो जब जांच रिपोर्ट आएगी तो उसे सदन के पटल पर रखा जाएगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि पुरानी पेंशन योजना लागू करने की अभी प्रदेश सरकार की कोई योजना नहीं है। 
 

संसदीय कार्य राज्यमंत्री जसवंत सैनी ने कहा कि ओल्ड पेंशन स्कीम के लाभ के लिए विकल्प चुनने के संबंध में 22 अगस्त 2024 को शासनादेश जारी किया गया था। इसमें प्रदेश सरकार के कार्मिकों, परिषदीय विद्यालयों, सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं, राज्य सरकार द्वारा अनुदानित स्वायत्तशासी संस्थाओं जिनमें राज्य कर्मचारियों की भांति पेंशन योजना लागू रही है। 
ऐसे सभी कार्मिकों को उस पद या रिक्ति के सापेक्ष नियुक्त किया गया है, जिसे 28 मार्च 2005 के पूर्व विज्ञापित किया गया था। ऐसे लोगों को उत्तर प्रदेश रिटायरमेंट बेनिफिट्स रूल्स 1961 के अधीन कवर किए जाने के लिए एक बार विकल्प चुनने का अवसर दिया गया है।

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