OIL Price Down : खाने के तेलों में आई गिरावट, जानिए ताजा भाव
OIL Price Down : भारत का हर व्यक्ति तेल और घी का इस्तेमाल तो करता ही है साथ ही खाने की चीज तेल और घी के बिना बनती नहीं है कुछ समय से तेल के रेट काफी महंगे चल रहे थे जिससे लोगों को बहुत ज्यादा परेशानी हो रही थी लेकिन अब लोगों के लिए खुशी की खबर सामने आई है क्योंकि तेलों के रैटों में गिरावट आई है अगर आप दिन के नए रेट जानना चाहते हैं तो नीचे जानिए विस्तार से

Haryana Update, Oil Price : वैसे तो खाद्य Oils के Rate एक ही दिशा में न तो बढ़ते हैं और न ही घटते हैं। इनमें समय - समय पर उतार-चढ़ाव देखने को मिलता रहता है। खाद्य Oils के Rate में बदलाव से लोगों पर अलग-अलग प्रRate पड़ता है जहां एक ओर खाद्य Oils के Rate में गिरावट देख उपभोक्ताओं को राहत मिलती हैं। वहीं, दूसरी ओर दुकानदारों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
Sarso की नई फसल से जुड़ी उम्मीदें -
हाल ही में मलेशिया एक्सचेंज में गिरावट के चलते भारत के तेल-तिलहन Market में ज्यादातर Oils और तिलहनों जैसे Sarso तेल-तिलहन, मूंगफली तेल, सोयाबीन तेल, कच्चा पामOil या सीपीओ एवं पामोलीन तथा Binola Oil के दाम नीचे आये हैं, जिससे भारी नुकसान हुआ है।
हालांकि, कुछ Oils जैसे मूंगफली और सोयाबीन के दाम स्थिर रहे। मलेशिया एक्सचेंज में गिरावट के बावजूद शिकागो एक्सचेंज में सुधार देखा गया। Sarso Oil और तिलहन के दाम गिरने का मुख्य कारण आने वाली Sarso की नई फसल की संभावना है। इस साल Sarso की फसल पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ा क्योंकि हाफेड और नाफेड जैसी सरकारी संस्थाएं Sarso के स्टॉक को Market में नियंत्रित तरीके से वितरित कर रही हैं।
खाद्य Oils में गिरावट का कारण -
हाल ही के दिनों में खाद्य Oils और तिलहन के दाम में गिरावट देखने को मिली है रही है। मूंगफली और Binola खल के दाम में 15-20 रुपये Quintal का सुधार हुआ है, जिससे मूंगफली और Binola Oil के दाम पहले से काफी ज्यादा घट गए हैं। इसके अलावा, सोयाबीन Oil की Rate में भी कमी आई है, क्योंकि आयातक इसे बंदरगाहों पर कम Rate यानी 97 रुपये किलो पर बेच रहे हैं, जबकि असल में इसकी आयात लागत 102 रुपये किलो है।
मलेशिया एक्सचेंज में गिरावट और खरीदारों की कमी के कारण पामोलीन और सीपीओ Oil के दाम भी गिर गए हैं। इन Oils के दाम ऊंचे होने के बावजूद, खरीददारों की कमी के कारण इनकी बिक्री प्रभावित हुई है।
क्यों घटा कपास का उत्पादन -
कपास का उत्पादन पिछले कुछ वर्षों में घटता जा रहा है। जिसका उलटा प्रRate इसकी मांग पर पड़ रहा है जो बढ़ती जा रही है। सबके मन में एक सवाल उतपन्न हो रहा है कि इस कमी को पूरा करने के लिए क्या किया जा रहा है। अक्सर यह देखा गया है कि जब कपास की फसल Market में आती है, तो इसकी Prices को बहुत घटा दिया जाता है,
जिससे किसानों को अपनी फसल का सही मूल्य नहीं मिल पाता और किसानों को अपनी फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से भी कम दाम पर बेचनी पड़ती है। जब तक किसानों को उनकी फसल का अच्छा दाम नहीं मिलेगा, तब तक कपास का उत्पादन कम होता रहेगा। इसके अलावा, नकली उत्पादों के व्यापार को रोकने के लिए सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
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खल के दामों का दूध के दामों पर असर -
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि हमें विदेशी Oil Prices और आयात शुल्क पर ज्यादा ध्यान देने के बजाय, घरेलू Market की असमानताओं पर ध्यान देना चाहिए। जब कुछ Oils की कीमतें बढ़ती हैं तो दूध की कीमतें भी तुरंत बढ़ जाती हैं, लेकिन जब Oil की कीमतें गिरती हैं, तब भी दूध के दाम क्यों नहीं घटते?
अगर इन समस्याओं का हल नहीं किया गया तो खाद्य Oil का उत्पादन बढ़ाना मुश्किल होगा। इसके अलावा, यह धारणा सही नहीं है कि Oil की Prices में थोड़ी सी बढ़ोतरी से आर्थिक स्थिति खराब हो जाती है। दरअसल, Oil की Prices में बढ़ोतरी से किसानों को तिलहन की पैदावार बढ़ाने के लिए प्रेरणा मिलेगी और देश की विदेशी मुद्रा की बचत होगी।
किस जगह कितने हैं तेल-तिलहनों के दाम -
Sarso तिलहन की Rate 6,553 से लेकर 6,602 रुपये Per Quintal तक पहुंच गई है, जो किसानों के लिए एक अच्छा अवसर है।
मूंगफली की Rate 5,852 से लेकर 6,178 रुपये Per Quintal तक बिकी, जो Market में स्थिरता को दर्शाता है।
गुजरात में मूंगफली Oil मिल डिलिवरी की Rate 13,855 रुपये Per Quintal है, जो व्यापारियों के लिए एक महत्वपूर्ण मूल्य है।
मूंगफली रिफाइंड Oil की Rate 2,103 से लेकर 2,408 रुपये प्रति टिन है, जो उपभोक्ताओं के लिए एक किफायती विकल्प है।
दादरी में Sarso Oil की Rate 13,552 रुपये Per Quintal तक है, जो Oil की मांग में वृद्धि का संकेत है।
Sarso पक्की घानी की Rate 2,303 से लेकर 2,406 रुपये प्रति टिन के आसपास है, जो विशेष रूप से ग्रामीण Market में अधिक खरीदी जा रही है।
Sarso कच्ची घानी की Rate 2,304 से लेकर 2,428 रुपये प्रति टिन है, जो गुणवत्ता और खपत को प्रभावित करता है।
तिल Oil मिल डिलिवरी की Rate 18,905 से लेकर 21,010 रुपये Per Quintal के बीच है, जो Oil उत्पादक उद्योग के लिए एक उच्च मूल्य है।
दिल्ली में सोयाबीन Oil मिल डिलिवरी की Rate 13,506 रुपये Per Quintal है, जो वाणिज्यिक उपयोग के लिए एक लोकप्रिय विकल्प है।
इंदौर में सोयाबीन मिल डिलिवरी की Rate 13,305 रुपये Per Quintal तक है, जो व्यापारिक नेटवर्क में गतिशीलता को दर्शाता है।
कांडला में सोयाबीन Oil डीगम की Rate 9,653 रुपये Per Quintal है, जो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए आकर्षक Rate है।
कांडला में सीपीओ की Rate 12,954 रुपये Per Quintal है, जो विशेष रूप से खाद्य उद्योग में उपयोग की जाती है।
हरियाणा में Binola मिल डिलिवरी की Rate 12,102 रुपये Per Quintal है, जो किसानों के लिए एक अच्छा Market मूल्य है
दिल्ली में पामोलिन आरबीडी की Rate 14,203 रुपये Per Quintal है, जो एक महत्वपूर्ण उत्पाद है Market में
कांडला में पामोलिन एक्स की Rate 13,306 रुपये Per Quintal (बिना जीएसटी के) है, जो व्यापारियों के लिए एक लाभकारी मूल्य है।
सोयाबीन दाना की Rate 4,403 से लेकर 4,453 रुपये (soyabean dana price)Per Quintal है, जो कृषि उत्पादों के व्यापार में एक स्थिर मूल्य दर्शाता है।
सोयाबीन लूज की Rate 4,102 से लेकर 4,202 रुपये Per Quintal है, जो छोटे व्यापारियों के लिए एक उचित मूल्य है।