सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट से जुड़े नियमों की नई गाइडलाइन हुई जारी!
Employee Retirement Rules Change (Haryana Update) : सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर सरकार की ओर से कई तरह के लाभ दिए जाते हैं। इसमें ग्रेच्युटी और पेंशन जैसे लाभ शामिल हैं। कई नौकरियों में रिटायरमेंट से कुछ समय पहले एक पद पर पदोन्नति देकर कर्मचारियों को रिटायरमेंट भी दे दिया जाता है। अब सरकारी कर्मचारियों के रिटायरमेंट से जुड़े नियमों में बदलाव किया गया है। सरकार कर्मचारियों के लिए नियमों में बदलाव कर रही है। सरकारी कर्मचारियों के रिटायरमेंट से जुड़े कुछ बदलाव किए जा रहे हैं। सरकारी कर्मचारियों के लिए इन नियमों को विस्तार से जानना जरूरी है, नहीं तो रिटायरमेंट के समय उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
योग्यता सेवा प्रमाण पत्र अनिवार्य-
कार्मिक मंत्रालय की ओर से सरकारी कर्मचारियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की गई है। इसके मुताबिक 18 साल की सेवा पूरी होने पर सभी कर्मचारियों को रिटायरमेंट से 5 साल पहले योग्यता सेवा प्रमाण पत्र (क्यूएससी) जमा कराना अनिवार्य होगा। कार्मिक मंत्रालय के तहत पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने नया आदेश जारी किया है। इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि 18 साल की सेवा पूरी करने के बाद कर्मचारियों को अनिवार्य सत्यापन से गुजरना होगा। सभी विभागों को निर्देश जारी कर सभी प्रक्रियाओं का पालन करने को कहा गया है। इसका हर हाल में पालन करना होगा।
रिटायरमेंट से पहले व्यवस्थित होंगे सारे रिकॉर्ड-
पेंशन एवं पेंशनर्स कल्याण विभाग ने कर्मचारियों के लिए जारी अधिसूचना में स्पष्ट किया है कि 18 साल की सेवा पूरी होने पर सभी कर्मचारियों को सत्यापन कराना होगा। यह उन लोगों को कराना होगा, जिनकी नौकरी में पांच या उससे कम साल बचे हैं। कर्मचारियों की अर्हकारी सेवा का निर्धारण समय-समय पर सत्यापन (Retirement Rules Change) से होगा। ऐसा करने से रिटायरमेंट से पहले कर्मचारियों के जरूरी रिकॉर्ड व्यवस्थित हो जाएंगे।
कैसे होगा कर्मचारियों का सत्यापन?
मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार कर्मचारी विभाग के प्रमुख और लेखा कार्यालय मिलकर कर्मचारी रिकॉर्ड का सत्यापन करेंगे। यह सब सेवा नियमों के तहत किया जाएगा। सत्यापन के बाद कर्मचारी को इसका प्रमाण पत्र भी मिलेगा। यह प्रमाण पत्र निर्धारित प्रारूप के अनुसार होगा।
कब शुरू होगी प्रक्रिया?
यह सत्यापन कराना अनिवार्य होगा। केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियम 2021 के अनुसार यह अनिवार्य है। हर हाल में रिटायरमेंट से पांच साल पहले सत्यापन हो जाना चाहिए। कर्मचारी को अपनी अर्हकारी सेवा स्थिति प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। यह प्रक्रिया 31 जनवरी के बाद शुरू होगी।
कर्मचारियों को होगी जानकारी-
अधिसूचना का उद्देश्य कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति से पहले उनकी सेवा स्थिति के बारे में जानकारी देना है। इसे सभी विभागों में अनिवार्य रूप से लागू किया गया है। सेवानिवृत्ति से पहले कर्मचारियों की सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली जाएंगी।