एमक्यू-9बी ड्रोन: अमेरिकी सरकार ने भारत को 31 एमक्यू-9बी ड्रोन की दी मंजूरी, चीन और पाक के लिए बना खतरा
एमक्यू-9बी ड्रोन:भारत को अमेरिकी सरकार ने 31 एमक्यू-9बी रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट (RPA) और उनके साथ जुड़े उपकरणों की बिक्री की अनुमानित लागत 3.99 बिलियन डॉलर है।
Haryana Update: एमक्यू-9बी ड्रोन: चीन और पाकिस्तान को गहरे समुद्र तटों और हाई एल्टीट्यूड क्षेत्रों में भारत से डरने की एक और वजह आने वाली है। अमेरिकी सरकार ने 31 एमक्यू-9बी रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट (RPA) और संबंधित उपकरणों की बिक्री को भारत को मंजूरी दी है, जिसकी अनुमानित लागत 3.99 बिलियन डॉलर है, और इसकी जानकारी अमेरिकी कांग्रेस को दी गई है।
भारत सरकार ने 31 एमक्यू-9बी स्काई गार्जियन विमानों और संबंधित उपकरणों को शामिल किया है, जिसमें 161 एंबेडेड ग्लोबल पोजिशनिंग और इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम (EGI), 35 L3 रियो ग्रांडे कम्युनिकेशंस इंटेलिजेंस सेंसर सूट, 170 AGM-114R हेलफायर मिसाइलें, 16 M369 हेलफायर कैप्टिव एयर ट्रेनिंग मिसाइलें, 310 GBU-39B/B लेजर छोटे इसमें ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन भी हैं। TPE-331-10-GD इंजन, M299 हेलफ़ायर मिसाइल लॉन्चर, KIV-77 क्रिप्टोग्राफ़िक एप्लाइक्स और अन्य फ्रेंड एंड फो (IFF) उपकरण खरीदने का अनुरोध किया गया है। अब आर्मड ड्रोन MQ-9B के सौदे पर हस्ताक्षर हो सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान जारी हुआ निर्णय: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमरीकी राष्ट्रपति बाइडन की मुलाकात के बाद जारी हुआ बयान ने कहा कि MQ-9B हाई ऑलटेट्यूड लांग एंडोरेंस ड्रोन को भारत में ही असेंबल किया जाएगा. दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने इस निर्णय का स्वागत किया। इस प्रीडेटर ड्रोन के कई वर्जन हैं, जिसमें स्काई गार्डियन, सी गार्डियन और MQ-9 रीपर शामिल हैं।
जैसा कि आप जानते हैं, यह डील पिछले कुछ समय से असफल रही है। भारत अमेरिका से 31 एमक्यू-9 प्रिडेटर ड्रोन खरीदेगा। 15 ड्रोन भारतीय नौसेना, 8 थल सेना और 8 वायुसेना के पास होंगे। नौसेना को सबसे अधिक क्योंकि तीनो सेनाओं में उनकी निगरानी का क्षेत्र सबसे बड़ा है।
हिंद महासागर रीजन की निगरानी करना सबसे बड़ा कठिनाई है। हमेशा हिंद महासागर क्षेत्र में बाहरी देशों के जंगी जहाज़ों की संख्या 50 से 60 से अधिक होती है, जबकि मर्चेंट वेसेल 20 हजार से भी अधिक होते हैं जो भारतीय ओशन रीजन से गुजरते हैं। ऐसे में ये दुश्मन या भारत को गलत देखने वाले देशों की साजिशों को देखने के लिए सबसे उपयुक्त हैं।
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