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Low Interest : सस्ते लोन का लालच कहीं बन न जाए परेशानी का कारण, जानें ये बाते

Low Interest : कम ब्याज दर पर लोन लेना फायदेमंद हो सकता है, लेकिन कुछ जरूरी बातों का ध्यान न रखने पर यह परेशानी का कारण बन सकता है। जानिए लोन लेने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि भविष्य में वित्तीय संकट से बचा जा सके।
 
 
Low Interest : सस्ते लोन का लालच कहीं बन न जाए परेशानी का कारण, जानें ये बाते
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Low Interest : अगर आप पैसों की कमी को पूरा करने के लिए पर्सनल लोन लेना चाह रहे हैं और आपको कम ब्याज दर पर लोन का ऑफर मिल रहा है, तो कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। कई बार हम लोन की जल्दीबाजी में कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जो आगे चलकर परेशानी का कारण बनती हैं। इसलिए, लोन लेने से पहले कुछ खास टिप्स को ध्यान में रखना जरूरी है। इसके साथ ही, बैंक पर्सनल लोन देने से पहले आपके क्रेडिट स्कोर की जांच भी करते हैं।

क्रेडिट स्कोर का महत्व

पर्सनल लोन की ब्याज दर को प्रभावित करने में आपका क्रेडिट स्कोर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक अच्छा क्रेडिट स्कोर (750 या उससे अधिक) होने पर, आपको कम इंटरेस्ट रेट पर लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए, लोन अप्लाई करने से पहले अपने क्रेडिट स्कोर को जरूर चेक करें। अगर स्कोर कम है, तो इसे सुधारने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं:

  1. क्रेडिट रिपोर्ट की जांच: समय-समय पर अपनी क्रेडिट रिपोर्ट को चेक करते रहें और किसी भी प्रकार की गलत जानकारी होने पर तुरंत सुधार करवाएं।

  2. क्रेडिट यूटिलाइजेशन कम रखें: अपने क्रेडिट कार्ड के लिमिट का 30% से कम उपयोग करें। इससे स्कोर में बढ़ोतरी होती है।

  3. समय पर बिलों का भुगतान: क्रेडिट कार्ड और लोन की EMI का समय पर भुगतान करने से क्रेडिट स्कोर बेहतर होता है।

डेट-टू-इनकम (DTI) रेश्यो कम करना है जरूरी

डेट-टू-इनकम (DTI) रेश्यो यह दर्शाता है कि आपकी मासिक आय का कितना हिस्सा आपके मौजूदा कर्ज को चुकाने में खर्च हो रहा है। अगर आपका DTI रेश्यो कम है, तो यह बैंकों को यह विश्वास दिलाता है कि आप एक और लोन को आसानी से संभाल सकते हैं।

DTI को कैसे कम करें:

  • सबसे पहले, जिन लोन पर ब्याज दर अधिक है, उन्हें चुकाने का प्रयास करें।

  • अनावश्यक खर्चों को कम करें और बचत बढ़ाने की कोशिश करें।

  • क्रेडिट कार्ड के बकाया राशि को समय पर चुकता करें।

अच्छी रीपेमेंट हिस्ट्री का महत्व

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लोन देने से पहले बैंक आपकी रीपेमेंट हिस्ट्री को भी चेक करते हैं। अगर आपने पूर्व में अपने सभी लोन और क्रेडिट कार्ड बिल्स का समय पर भुगतान किया है, तो बैंक आपके लोन को मंजूरी देने में अधिक विश्वसनीयता महसूस करते हैं।

कैसे मेंटेन करें अच्छी रीपेमेंट हिस्ट्री:

  1. हर महीने समय पर EMI का भुगतान करें।

  2. क्रेडिट कार्ड की पूरी राशि का भुगतान करें, सिर्फ न्यूनतम राशि चुकाने से बचें।

  3. ऑटो-डेबिट का विकल्प चुनें, ताकि समय पर भुगतान हो सके।

लोन के लिए करें सही निगोशिएशन

लोन लेते समय पहले ही ऑफर पर सहमत न हों। हमेशा कोशिश करें कि आप ब्याज दर पर कुछ बातचीत करें। अधिकतर बैंक ग्राहकों के अच्छे क्रेडिट स्कोर को देखते हुए ब्याज दर में कुछ कमी कर सकते हैं। इसके लिए:

  • विभिन्न लेंडर्स से तुलना करें: ऑनलाइन टूल्स का उपयोग करके विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा दी जा रही ब्याज दरों की तुलना करें।

  • प्रारंभिक ऑफर को तुरंत न स्वीकारें: हमेशा अच्छे ऑफर की तलाश करें।

  • निगोशिएशन का प्रयास करें: अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है, तो बैंक से ब्याज दर कम करने की मांग करें।

लोन लेने से पहले ध्यान रखें ये बातें

  1. लोन राशि की आवश्यकता का सही आंकलन करें: जितनी जरूरत है, उतना ही लोन लें। अधिक लोन लेने से ब्याज का बोझ भी अधिक होता है।

  2. ईएमआई कैलकुलेटर का उपयोग करें: EMI कैलकुलेटर की मदद से पहले ही यह जान लें कि आपकी मासिक किस्त कितनी होगी।

  3. फिक्स्ड या फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट का चुनाव करें: दोनों विकल्पों के लाभ और हानि को समझकर ही निर्णय लें।

  4. प्रोसेसिंग फीस और अन्य शुल्क समझें: कई बार ब्याज दर कम होती है, लेकिन प्रोसेसिंग फीस अधिक होती है। इसे समझना जरूरी है।

  5. फोरक्लोज़र और प्री-पेमेंट चार्जेस जानें: अगर आप लोन को जल्दी चुकाना चाहते हैं, तो इस पर कोई अतिरिक्त शुल्क तो नहीं लगेगा, यह भी देख लें।

लोन रीपेमेंट की सही योजना बनाएं

लोन लेने के बाद सबसे जरूरी होता है कि आप उसकी रीपेमेंट की सही योजना बनाएं। इसके लिए:

  • बजट बनाएं: हर महीने एक निश्चित राशि EMI के लिए रखें।

  • प्राथमिकता दें: सबसे पहले हाई इंटरेस्ट वाले लोन को चुकाएं।

  • सेविंग्स को न भूलें: लोन चुकाने के साथ-साथ कुछ बचत भी करें।

पर्सनल लोन लेते समय सामान्य गलतियां जिनसे बचें

  1. बिना तुलना किए लोन लेना: एक ही बैंक से लोन लेना जरूरी नहीं, विभिन्न विकल्पों की जांच जरूर करें।

  2. ओवर-बोरोइंग: जितनी आवश्यकता है, उतना ही लोन लें।

  3. छुपे हुए चार्जेस को न समझना: प्रोसेसिंग फीस, डॉक्यूमेंट चार्ज, फोरक्लोज़र चार्ज इत्यादि की जानकारी जरूर लें।

  4. लंबी अवधि का लोन चुनना: छोटी अवधि में ब्याज कम लगता है, इसलिए इसे ध्यान में रखें।

पर्सनल लोन एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है अगर आप इसे सही तरीके से प्लान करें। क्रेडिट स्कोर सुधारें, EMI को समय पर चुकाएं और सही लेंडर का चुनाव करें। इसके साथ ही लोन लेते समय सभी शर्तों को ध्यानपूर्वक पढ़ें और समझें ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।