logo

Personal Loan लेने से पहले जान लें ये जरूरी बात, नहीं तो हो सकती है परेशानी

Personal Loan Tips: जब आप लोन जल्दी चुका देते हैं, तो पैसा नहीं आता। आप लोन जारी करने से पहले जान सकते हैं कि अगर आप लोन को समय से पहले चुकता करना चाहते हैं तो आपको कुछ जुर्माना देना पड़ेगा।

 
Personal Loan Tips
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Haryana Update: आपको बता दें, की हम में से अधिकांश लोग कर्ज से हमेशा बच रहे हैं, लेकिन पर्सनल लोन आज के समय में कोई बड़ा कर्ज नहीं माना जाता है। हमारे पास क्रेडिट कार्ड और संस्थागत लोन के अधिक विकल्प हैं। व्यापार भी इसमें शामिल है। 

लेकिन अक्सर लोगों को पर्सनल लोन का बोझ लगता है। अगर सही जानकारी है, तो कर्ज को लेकर समझदारी भरा रुख अपनाया जा सकता है। यदि आप पर्सनल लोन लेने का विचार कर रहे हैं, तो आपको कुछ मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए. ऐसा करने से आप एक बेहतर ऋणी बन जाएंगे और लोन को लोन की तरह ही व्यवहार कर पाएंगे, न कि बोझ की तरह।

लोन मिलेगा?
आप पर्सनल लोन लेना चाहते हैं या नहीं, ये कई बातों पर निर्भर करता है। पर्सनल लोन में कोई कॉलेटरल शर्त नहीं होती, लेकिन बैंक आपको पहले जांचते हैं, फिर लोन देते हैं। आपकी उम्र, आय और क्रेडिट स्कोर सबसे अधिक मायने रखते हैं। बैंक आपको 15,000 से 25,000 रुपये प्रति महीना की सैलरी पर लोन देते हैं। 

बैंक ये जानना चाहते हैं कि आप लोन चुका सकते हैं या नहीं। और आपको सैलरी के हिसाब से कितना लोन मिल सकता है 21 से 60 साल के बीच लोन मिलता है। साथ ही, आपकी कामकाजी अवधि भी देखी जाती है। 1 वर्ष का अनुभव आम तौर पर पसंद किया जाता है

ज्यादातर लोगों को पता है कि बैंक लोन लेने से पहले आपका सिबिल स्कोर देखना अनिवार्य है। CIBIL Score 3 डिजिट स्कोर (300-900) बताता है कि आप कर्ज कैसे लेते हैं और कितनी आसानी से चुकाते हैं। 

सिबिल स्कोर में आपका क्रेडिट इतिहास होता है। आपके क्रेडिट रिपोर्ट में आपकी क्रेडिट का इतिहास और रेटिंग देख सकते हैं। पर्सनल लोन के लिए बैंक 750 के ऊपर के स्कोर को वरीयता देते हैं। आप अपना क्रेडिट स्कोर ऑनलाइन बड़ी आसानी से देख सकते हैं।

पर्सनल लोन इंटरेस्ट दरों को देखें
व्यक्तिगत लोन के लिए आवेदन करने से पहले, आपको बैंक की ब्याज दर को जानना चाहिए। लोन अमाउंट के हिसाब से ब्याज दरें अलग हो सकती हैं। इंटरेस्ट रेट एक महत्वपूर्ण घटक है क्योंकि यह कैलकुलेट करता है कि आपको प्रिंसिपल लोन अमाउंट पर कितना ब्याज चुकाना होगा।

EMI पर क्या सुधार है?
बता दें कि व्यक्तिगत ऋण में दो भाग होते हैं: मूलधन, यानी मूलधन, और इस मूलधन पर इंटरेस्ट, यानी ब्याज दर। इन्हें किस्तों में चुकाना होगा या एकल मासिक भुगतान (EMI) में। यदि आप लोन ले रहे हैं, तो आपको हर महीने कितनी EMI भरनी होगी। कुछ बैंकों और NBFCs आपको फ्लेक्सिबल EMI अमाउंट के अलावा स्टैंडर्ड EMI अमाउंट भी देते हैं। नियमित EMI के तहत आप हर महीने एक बंधी-बंधाई किस्त भुगतान करते हैं। फ्लेक्सिबल ईएमआई में, आप कम किस्त से शुरू करके इसे धीरे-धीरे बढ़ाते हैं। 

लोन चुकाने की क्या शर्तें हैं?
अब आपको पर्सनल लोन चुकाने से पहले लोन अमाउंट टेन्योर पूरा होने से पहले चुकाने की शर्तें भी देखनी चाहिए। लोन के प्रीपेमेंट पर कई बैंक या NBFCs पेनाल्टी लगाते हैं। यानी लोन की अवधि पूरी होने से पहले ही लोन चुका देने पर आपको जुर्माना देना पड़ता है,

ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बैंक आपको लोन देकर हर महीने ब्याज (personal loan interest rate) देता है, और जब आप लोन जल्दी चुका देते हैं, तो पैसा नहीं आता। आप लोन जारी करने से पहले जान सकते हैं कि अगर आप लोन को समय से पहले चुकता करना चाहते हैं तो आपको कुछ जुर्माना देना पड़ेगा।

लोन लेने से पहले बैंकों का ट्रैक रिकॉर्ड भी देखना जरूरी है। पहले आपको लेंडर का ट्रैक रिकॉर्ड देखना चाहिए, जो उसके बाजार में रहने की अवधि, मजबूतता और ग्राहकों का अनुभव बताता है। पर्सनल लोन आपकी कई आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है, और यह अब कई प्लान्ड और अनप्लान्ड आवश्यकताओं के लिए उपलब्ध है, इसलिए आपको इसके लिए आवेदन करने से पहले ऊपर बताई गई बातों पर गहन विचार करना चाहिए।