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अपनी सैलरी के हिसाब से जानिए होम लोन का पूरा गणित

Home Loan : होम लोन लेने वालों के लिए खबर बहुत काम की होने वाली है आज हम आपको अपनी सैलरी के हिसाब से होम लोन का पूरा गणित समझाएंगे कि आपकी अगर इतनी सैलरी है तो आपको होम लोन लेने में कितनी आसानी होगी और आपकी ईएमआई क्या होगी नीचे जाने पूरी डिटेल
 
अपनी सैलरी के हिसाब से जानिए होम लोन का पूरा गणित

Haryana Update, Home loan EMI : लोग अपना घर खरीदने के सपने को पूरा करने के लिए सबकुछ छोड़ सकते हैं। घर खरीदना सिर्फ सपना ही नहीं होता बल्कि इसका एक भावनात्मक पहलू भी होता है। आज के समय में देखा जाता है कि लोग नौकरी लगते ही घर खरीदने के सपने को पूरा करने में लग जाते हैं। वे तुरंत घर खरीद लेते हैं।

मेट्रो शहरों में चलन

मेट्रो शहरों में घर और फ्लैट खरीदने का चलन जोरों पर चल रहा है। वहीं, होम लोन ने भी आज के समय में घर खरीदना आसान बना दिया है। लोग अपनी बचत के पैसे होम लोन (होम लोन सैलरी) के डाउन पेमेंट में लगाते हैं या रिश्तेदारों से पैसे उधार लेते हैं।


किसको लेना चाहिए होम लोन?

अब आज के समय में इस बात पर भी चर्चा होती है कि किसे घर खरीदना चाहिए। होम लोन (होम लोन का फैसला) लेना चाहिए या नहीं। वहीं, कुछ लोग कहते हैं कि किराए पर रहना बेहतर है। लेकिन आपको लोन लेकर घर खरीदना है या किराए पर रहना है। यह आपकी आमदनी पर निर्भर करता है। यह फैसला आपकी आर्थिक स्थिति पर निर्भर करता है।


कितनी आय पर होम लोन लेना सही है?

जब आपकी नौकरी लगती है तो सवाल उठता है कि आपको किस सैलरी (होम लोन मिनिमम सैलरी) पर घर खरीदना चाहिए? घर की कीमत कितनी होनी चाहिए? EMI कितनी होनी चाहिए? सैलरी और EMI में संतुलन बनाना जरूरी है. इसका सीधा सा फॉर्मूला यह है कि अगर आप घर खरीदने के लिए होम लोन ले रहे हैं तो उसकी EMI आपकी सैलरी का 20-25 फीसदी होनी चाहिए. अगर आपकी सैलरी एक लाख है तो आप 25000 की EMI अफोर्ड कर सकते हैं.


50 से 70 हजार की सैलरी में क्या करें?

अब हर किसी की सैलरी एक लाख नहीं होती. कई लोगों की सैलरी 50 से 70 हजार रुपये होती है. तो ऐसे में 25 हजार EMI का होम लोन बिल्कुल न लें. यह फैसला आर्थिक रूप से गलत होगा. होम लोन चुकाने में कम से कम बीस साल लग जाते हैं. तो ऐसे में हर महीने आधी सैलरी EMI में देना बेवकूफी होगी. इसके लिए किराए पर रहिए.

20 हजार तक की EMI पाएं

अगर आप 50 से 70 हजार रुपये की सैलरी में भी घर खरीदना चाहते हैं तो ऐसा लोन लें जिसमें EMI (होम लोन की EMI) 20 हजार रुपये या 20 हजार से कम हो. इसमें आपको 25 लाख रुपये तक का ही घर खरीदना चाहिए. महंगा घर खरीदना आपको महंगा पड़ सकता है.

किस सैलरी में कौन सा घर खरीदें और कितना?

हमने बताया कि अगर महीने की सैलरी 50-70 हजार रुपये है तो 25 लाख तक का ही घर खरीदें. ऐसे में तीस लाख रुपये का घर खरीदना सही नहीं होगा. इसलिए किराए पर रहें और अपनी महीने की बचत पर ध्यान दें. अपनी सैलरी के एक लाख रुपये तक पहुंचने का इंतजार करें. वहीं, अच्छी बचत करने के बाद ज्यादा डाउन पेमेंट करें. इससे EMI कम हो जाएगी.

वहीं, अगर आपकी सैलरी एक लाख है तो आप 30 से 35 लाख रुपये का होम लोन लेकर अपना घर खरीद सकते हैं. इससे ऊपर, मान लीजिए सैलरी 1.5 लाख रुपये प्रति महीना है, तो इतनी सैलरी वाले लोग 50 लाख रुपये प्रति महीना तक का होम लोन ले सकते हैं. वह इस लोन की EMI (होम लोन EMI कैलकुलेटर) आसानी से चुका सकते हैं. सीधे शब्दों में कहें तो इसका मतलब है कि सैलरी का सिर्फ 25 फीसदी तक ही EMI (लोन EMI) पर खर्च होना चाहिए.


नौकरी के हिसाब से फैसला लें

लोगों को अपनी नौकरी और करियर की ग्रोथ के हिसाब से फैसला लेना चाहिए. आपको देखना चाहिए कि आप क्या काम कर रहे हैं. उसमें सैलरी ग्रोथ कितनी है. क्या महंगाई के हिसाब से आपकी सैलरी बढ़ेगी. नौकरी का प्रोफाइल क्या है. इस आधार पर होम लोन लेने का फैसला लें. कई बार लोग अपनी पहली नौकरी में ही घर खरीद लेते हैं. इससे वे एक शहर से बंध जाते हैं. इसलिए तुरंत घर न खरीदें. क्योंकि नौकरी की शुरुआत में ग्रोथ के लिए आपको दूसरे शहरों में शिफ्ट होना पड़ सकता है. ऐसे में अगर आप शिफ्ट होते हैं तो आपको अपना घर किराए पर देकर दूसरे शहर में किराए पर रहना पड़ेगा. कौन जानता है कि आपको अपने शहर से कितनी दूर जाना पड़ेगा. प्रॉपर्टी का सही से चुनाव करें

अगर आपको होम लोन लेकर घर खरीदना है तो उसे यूं ही कहीं भी न खरीद लें। ऐसी जगह प्रॉपर्टी लोन लें जहां जमीन की कीमत में बढ़ोतरी हो। घर खरीदने के लिए आप जितना लोन लेंगे, लोन चुकाने तक उस घर की कीमत उससे तीन गुना हो जानी चाहिए। तभी उस घर को खरीदने का आपका फैसला सही माना जाएगा।

दूसरी EMI शुरू न करें

कई बार लोग कम सैलरी में घर में सभी सुविधाएं पूरी करने में लग जाते हैं। आजकल हर चीज EMI पर मिल जाती है। ऐसे में लोग होम लोन लेने के बाद कार और दूसरी चीजों की EMI शुरू कर देते हैं। इस तरह EMI का बोझ न बढ़ाएं। अपनी बचत पर ध्यान दें। नौकरी मिलते ही बचत शुरू कर दें।
 

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