सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी! सैलरी में हुई बढ़ोतरी, EPF में हुई बढ़ोतरी

Haryana update : साल 2025 की शुरुआत में ओडिशा सरकार ने राज्य के शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की सरकार ने जूनियर शिक्षकों का मासिक वेतन बढ़ाने और उनके ईपीएफ में योगदान बढ़ाने का ऐलान किया है। इस फैसले से राज्यभर के 13,740 शिक्षकों को सीधे लाभ मिलेगा, और यह कदम उनके आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से लिया गया है।
वेतन में 5,000 रुपये की बढ़ोतरी
ओडिशा सरकार ने जूनियर शिक्षकों के मासिक वेतन में 5,000 रुपये की बढ़ोतरी की है। पहले इन शिक्षकों को 11,000 रुपये प्रति माह का वेतन मिलता था, जो अब बढ़कर 16,000 रुपये हो गया है। यह वृद्धि 26 जनवरी से पहले लागू कर दी जाएगी, ताकि शिक्षक जल्दी ही अपनी बढ़ी हुई आय का लाभ उठा सकें।
ईपीएफ में भी इजाफा
वेतन बढ़ोतरी के अलावा, राज्य सरकार ने जूनियर शिक्षकों के कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में भी योगदान बढ़ाया है। पहले सरकार हर महीने 1,443 रुपये का योगदान करती थी, जिसे अब बढ़ाकर 1,950 रुपये कर दिया गया है। इस कदम का उद्देश्य शिक्षकों की भविष्य सुरक्षा को और मजबूत करना है, ताकि उनका सामाजिक और आर्थिक स्थिति बेहतर हो।
सरकार की प्रतिबद्धता और खर्च
मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी बयान में कहा गया कि यह कदम शिक्षकों के कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस निर्णय से राज्य के खजाने पर 89.15 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा, लेकिन सरकार ने इसे स्वीकार कर लिया है। मुख्यमंत्री ने इसे राज्य की शिक्षा प्रणाली में सुधार और शिक्षकों के योगदान को सम्मान देने का एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।
दोगुनी खुशी: वेतन और ईपीएफ दोनों में बढ़ोतरी
इस फैसले के साथ, जूनियर शिक्षकों को दोहरा फायदा मिल रहा है। न केवल उनका मासिक वेतन बढ़ा है, बल्कि उनके ईपीएफ में भी इजाफा किया गया है। इससे उनके लिए बचत और भविष्य सुरक्षा दोनों को मजबूती मिलेगी।
शिक्षकों के कल्याण की दिशा में एक और कदम
यह कदम ओडिशा सरकार के उन प्रयासों का हिस्सा है, जिनका उद्देश्य शिक्षकों की स्थिति को सुधारना और उन्हें बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि उनकी सरकार भविष्य में भी शिक्षकों के हित में ऐसे कदम उठाती रहेगी।इस फैसले से ओडिशा के शिक्षकों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, और यह उनके समर्पण को सम्मान देने का एक महत्वपूर्ण तरीका है।