आम आदमी के लिए दिल्ली में प्रॉपर्टी खरीदना होगा मुश्किल, जानिए क्यों ?
Delhi Property : अब आम आदमी की पहुंच से बाहर हो जाएगा दिल्ली में प्रॉपर्टी खरीदना दिल्ली में प्रॉपर्टी खरीदना लोगों के लिए मुश्किल होता जा रहा है क्योंकि आए दिन दिल्ली में प्रॉपर्टी के रेट बढ़ते जा रहे हैं पिछले साल से लेकर अब तक दिल्ली के प्रॉपर्टी के रेट में बहुत ज्यादा इजाफा हुआ है फटाफट जानिए दिल्ली में प्रॉपर्टी के नए रेट

Haryana Update : बड़े शहरों में घर लेने का सपना तो हर किसी का होता है लेकिन यहां पर दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे रेट इस सपने को पूरा करने में बाधा बन जाते हैं। Delhi NCR की बात करें तो यहां के आसपास के ही कई Area ऐसे हैं जहां केवल 12 महीने में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ौतरी हुई है। इन इलाकों में महंगे और आलीशान घरों की मांग भी तेजी से बढ़ी है। यहां पर अब घर खरीदना खासकर उन लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण हो गया है जो सीमित Budget में घर ढूंढ रहे हैं।
रेट बढ़ने के ये हैं कारण -
निर्माण सामग्री की Rates में बढ़ोतरी और श्रमिकों की मजदूरी में इजाफा होने से देशभर में Property Rates भी उतार-चढ़ाव पर रहते हैं। पिछले साल की बात करें तो Delhi NCR के कई Area में Property Rates में तेजी से बढ़ौतरी हुई है। यह 140 % से भी कहीं ज्यादा आंकी गई है। महंगी भवन निर्माण सामग्री, बढ़ती घरों की मांग व आधुनिक सुविधाओं के कारण Property की Rates सातवें आसमान पर जा पहुंची हैं। 2024 के अंत तक कई शहरों में घरों की Rates में बढ़ोतरी हुई थी।
एक रिपोर्ट के अनुसार यह बढ़ोतरी सभी जगहों पर समान नहीं थी। कुछ शहरों में दाम तेजी से बढ़े, जबकि कुछ में यह बढ़ोतरी धीमी रही। खासकर, हैदराबाद के कुछ हिस्सों में मकान के दाम पिछले कुछ सालों के मुकाबले कम बढ़े। इस बीच, अन्य प्रमुख शहरों में घरों की Rates में तेज़ी से बढ़ोतरी देखने को मिली।
निवेशकों पर भी पड़ा यह असर-
रिपोर्ट में बताया गया कि इन सभी स्थानों में पिछले साल की तुलना में दामों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। इन बदलावों का प्रभाव न केवल निवेशकों पर पड़ा, बल्कि आवास की मांग और आपूर्ति पर भी इसका असर दिखा। यह बदलाव रियल एस्टेट के भविष्य को प्रभावित करने वाला है और इसने विभिन्न शहरों के बाजारों के बीच अंतर को भी उजागर किया है। इससे निवेशक लग्जरी घरों की ओर अधिक रुझान दिखाने लगे हैं।
इन शहरों में भी बढ़े रेट-
बढ़ते Property Prices के विश्लेषण में Delhi NCR (गुरुग्राम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद) के अलावा अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई महानगर क्षेत्र (मुंबई, नवी मुंबई और ठाणे) और पुणे शामिल हैं।
शहर Q4 23 Q4 24 YoYप्रतिशत
अहमदाबाद 4,010 4,441 11
बैंगलोर 6,774 7,542 12.5
चेन्नई 6,220 7,181 17
दिल्ली एनसीआर 5,435 8,161 50
हैदराबाद 6,862 7,081 4
कोलकाता 5,130 5,662 10.6
MMR 10,792 12,630 19
पुणे 6,180 7,168 16.9
गुरुग्राम में इतनी बढ़ी घरों की कीमत -
पिछले साल दिल्ली के आसपास के इलाकों में खासकर गुरुग्राम रियल एस्टेट बाजार में जबरदस्त बदलाव आया। खासकर एक शहर में संपत्ति की Rates 144 % से ज्यादा बढ़ीं। यहां के प्रीमियम क्षेत्र में निवेश करने वालों की संख्या बढ़ी, जिससे मांग में 54 % इजाफा हुआ। अन्य इलाकों में भी कुछ खास बढ़ोतरी देखने को मिली, हालांकि एक जगह पर तुलना में कम वृद्धि हुई। इन बदलावों ने इन स्थानों के बाजार को आकर्षक बना दिया, और आने वाले समय में इस क्षेत्र में निवेश और विकास के और मौके बन सकते हैं।
मुंबई में Property के इतने बढे़ दाम -
मुंबई, भारत का व्यावसायिक केंद्र है, जहां हाल ही के वर्षों में संपत्ति की Rates में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी है। यह शहर एक महत्वपूर्ण व्यापारिक और सांस्कृतिक स्थल है, जहां कई प्रमुख उद्योगपतियों, फिल्म स्टार्स और खेल हस्तियों का निवास है। यहां की संपत्ति की Rates में 18 % की बढ़ोतरी हुई है, जो बाकी देश के मुकाबले काफी ज्यादा है।
हालांकि, भारत के अन्य हिस्सों में संपत्ति की Rates गिर गई हैं, और साल दर साल 26 % की कमी देखी गई है। मुंबई का आवासीय बाजार अन्य शहरों के मुकाबले सबसे महंगा है, क्योंकि यहां प्रमुख उद्योगपतियों, फिल्म स्टार्स और अन्य के हिसाब से सामान की खरीद फरोख्त की जाती है।
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लाइफस्टाइल पर पड़ा यह प्रभाव-
जमीन की Rates को लेकर मूल्य वृद्धि को लेकर जो चिंता है, वह मुख्य रूप से यह है कि इससे लोगों की जीवनशैली प्रभावित हो सकती है। जब Property के दाम बढ़ते हैं, तो लोगों की खरीदारी की क्षमता पर असर पड़ता है, खासकर उन परिवारों पर जो पहले ही आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहे हैं। इस स्थिति में, अगर Sarkar उन लोगों के लिए सब्सिडी की उपयुक्त सहायता प्रदान करती है, तो वे अपनी बुनियादी जरूरतें पूरी कर सकेंगे। इसके अलावा, जैसे-जैसे विकास की संभावना बढ़ती है, मांग में भी वृद्धि होती है, जिससे हालात और जटिल हो सकते हैं।
मिडिल क्लास को ऐसे मिल सकती है राहत-
Sarkar को मुद्रास्फीति में वृद्धि और विकास में मंदी के आर्थिक दबावों से निपटने के लिए विशेष कदम उठाने की आवश्यकता है। यदि Sarkar किफायती आवास के लिए ठोस नीतियां बनाती है, तो वह न केवल लोगों की समस्याओं को हल कर सकती है, बल्कि देश की समग्र विकास दर में भी सुधार कर सकती है।
इसके अलावा, अगर आगामी Budget 2025 में कराधान के नियमों में सुधार होता है और आरबीआई दरों में कटौती करता है, तो इससे मध्यम वर्ग को राहत मिल सकती है। इससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो सकती है और वे अपने जीवन स्तर को सुधारने में सक्षम हो सकते हैं। इससे मिडिल क्लास वालों को अपना घर खरीदने का सपना पूरा हो सकता है।