Income Tax : एक दिन में ज्यादा कैश लेनदेन पड़ सकता है भारी, जानें इनकम टैक्स नियम
इनकम टैक्स विभाग ने एक दिन में कैश लेनदेन की सीमा तय की है। अगर आप इस सीमा से ज्यादा लेनदेन करते हैं, तो इनकम टैक्स की नजर में आ सकते हैं। जानें क्या है नियम और इससे कैसे बचें।

Haryana update : आजकल incomeम tax विभाग (Income Tax Department) बड़े नकद लेनदेन पर कड़ी नजर रख रहा है। यदि आप बिना सावधानी के कोई बड़ी रकम नकद में लेते या देते हैं, तो आपको incomeम tax नोटिस (Income Tax Notice) मिल सकता है। इसके पीछे मुख्य वजह है incomeम tax एक्ट के सेक्शन 269ST, जिसके तहत एक दिन में 2 लाख रुपये से अधिक नकद लेना प्रतिबंधित है। यह नियम चाहे लेनदेन एक बार में हो या कई हिस्सों में, दोनों पर लागू होता है।
नकद लेनदेन पर नया नियम क्या है?
सेक्शन 269ST के अनुसार कोई भी व्यक्ति या संस्था एक ही दिन में 2 लाख रुपये से अधिक नकद प्राप्त नहीं कर सकता। इस नियम का उद्देश्य नकद लेनदेन को कम करना और वित्तीय पारदर्शिता बढ़ाना है। यदि कोई इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उस पर भारी जुर्माना लग सकता है। उदाहरण के लिए, यदि आप एक दिन में 5 लाख रुपये नकद लेते हैं और विभाग को इसकी जानकारी मिलती है, तो आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है।
नकद लेनदेन की तीन मुख्य स्थितियाँ
यह नियम तीन खास परिस्थितियों में लागू होता है:
एक ही व्यक्ति से — यदि आप एक दिन में किसी एक व्यक्ति से 2 लाख रुपये से अधिक नकद लेते हैं, तो यह नियम लागू होगा।
एक ही लेनदेन में — यदि किसी एक ट्रांजेक्शन के तहत 2 लाख रुपये से अधिक नकद लेते हैं।
एक ही अवसर या घटना से जुड़े लेनदेन — जैसे शादी, जश्न, या किसी अन्य मौके पर हुए कुल नकद लेनदेन अगर 2 लाख से ऊपर हो।
क्या इस नियम के कुछ अपवाद भी हैं?
हाँ, इस नियम के कुछ अपवाद भी हैं। सबसे पहले, बैंक और पोस्ट ऑफिस से नकद निकासी इस नियम के दायरे में नहीं आती। इसके अलावा, सरकार द्वारा अधिकृत संस्थान और कुछ विशेष लेनदेन भी इस सीमा से मुक्त हैं।
नकद भुगतान और प्राप्ति से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण सेक्शन
incomeम tax एक्ट में नकद लेनदेन से जुड़ी कई धारा (Sections) हैं जिनका पालन जरूरी है:
सेक्शन 40A(3) और 43 — नकद भुगतान से संबंधित नियम।
सेक्शन 269SS और 269ST — नकद प्राप्ति से जुड़े प्रावधान।
सेक्शन 269T — नकद लोन या जमा राशि की वापसी पर लागू होता है।
करदाताओं के लिए क्या सलाह है?
अगर आप किसी को बड़ी रकम देने या कहीं से प्राप्त करने वाले हैं, तो कोशिश करें कि यह राशि बैंकिंग माध्यमों जैसे NEFT, RTGS, या UPI के जरिए ही ट्रांसफर हो। इससे आप न केवल incomeम tax विभाग की नजर से बचेंगे बल्कि आपके वित्तीय रिकॉर्ड भी साफ-सुथरे रहेंगे।
डिजिटल भुगतान के बढ़ते चलन में नकद लेनदेन की भूमिका
आज के डिजिटल युग में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके कारण नकद लेनदेन पर भी विभाग की पैनी नजर बनी हुई है। नकद लेनदेन में नियमों का उल्लंघन करना भारी जुर्माने का कारण बन सकता है। इसलिए 2 लाख रुपये से अधिक की नकद राशि लेने या देने से बचें। यह न केवल आपकी वित्तीय सुरक्षा के लिए जरूरी है, बल्कि कानून का पालन भी आवश्यक है।
जुर्माने की संभावना
अगर कोई भी व्यक्ति या संस्था सेक्शन 269ST के नियमों का उल्लंघन करती है, तो उसे उस नकद राशि के बराबर का जुर्माना देना पड़ सकता है। मतलब अगर आपने बिना अनुमति 3 लाख रुपये नकद लिए, तो 3 लाख रुपये जुर्माना भी भरना होगा। यह जुर्माना काफी बड़ा आर्थिक बोझ बन सकता है।
इस तरह के नियम आपको वित्तीय लेनदेन को सुरक्षित, पारदर्शी और कानूनी बनाने में मदद करते हैं। इसलिए इन नियमों का पालन करना हर करदाता के लिए जरूरी है ताकि वे अनावश्यक नोटिस या जुर्माने से बच सकें।