Income Tax : क्या टैक्स बचाने के लिए पति-पत्नी भर सकते हैं ज्वाइंट ITR?
इनकम टैक्स भरने वालों के लिए यह खबर बेहद काम की है। आज हम आपको बताएंगे कि क्या टैक्स बचाने के लिए पति-पत्नी मिलकर ज्वाइंट ITR भर सकते हैं। अगर आप और आपके पार्टनर टैक्स प्लानिंग कर रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए फायदेमंद होगी। जानें कि इस तरह टैक्स बचाने के क्या नियम हैं और इससे आपको कितनी राहत मिल सकती है। नीचे जानें पूरी डिटेल।

Haryana update : आजकल ज्यादातर लोग टैक्स बचाने के नए-नए तरीके अपनाते हैं। इसमें से एक तरीका यह भी है कि पति-पत्नी मिलकर अपनी आय को एक साथ दिखाते हैं और टैक्स रिटर्न भरते हैं। उन्हें लगता है कि इससे टैक्स में बचत हो सकती है। हालांकि, यह तरीका हर किसी के लिए सही नहीं होता क्योंकि इसमें कई कानूनी और वित्तीय नियमों का ध्यान रखना जरूरी है।
ICAI ने दिया नया सुझाव
इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) ने सरकार से यह सुझाव दिया है कि शादीशुदा जोड़ों को एक साथ टैक्स रिटर्न फाइल करने की सुविधा दी जाए। इस सुझाव का मुख्य उद्देश्य परिवारों पर टैक्स का बोझ कम करना है। यदि यह नियम लागू होता है, तो पति-पत्नी की संयुक्त आय पर छूट बढ़कर 6 लाख रुपये हो सकती है। साथ ही, इससे टैक्स चोरी पर भी रोक लगाई जा सकेगी। इस योजना के तहत टैक्स की दरों को सरल बनाने का भी प्रस्ताव दिया गया है।
दूसरे देशों में पहले से लागू है यह सिस्टम
कुछ देशों में शादीशुदा जोड़ों को संयुक्त टैक्स रिटर्न फाइल करने की सुविधा पहले से है। जैसे अमेरिका और इंग्लैंड में इस प्रकार का सिस्टम लागू है। अगर भारत में भी यह योजना लागू होती है, तो पति-पत्नी की औसत आय के आधार पर उनकी टैक्स लायबिलिटी कम हो सकती है। इससे परिवारों को राहत मिलेगी।
स्टैंडर्ड डिडक्शन को लेकर नया प्रस्ताव
ICAI ने यह भी सुझाव दिया है कि 6 लाख रुपये तक की सालाना आय पर टैक्स नहीं लगना चाहिए।
- 6 से 14 लाख रुपये की आय पर: 5% टैक्स।
- 14 से 20 लाख रुपये की आय पर: 10% टैक्स।
- 20 से 24 लाख रुपये की आय पर: 15% टैक्स।
- 24 से 30 लाख रुपये की आय पर: 20% टैक्स।
- 30 लाख रुपये से अधिक आय पर: 30% टैक्स।
अगर पति-पत्नी दोनों काम करते हैं, तो उन्हें स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ अलग-अलग मिलना चाहिए।
वर्तमान छूट सीमा और विकल्प
अभी टैक्सपेयर्स के पास दो विकल्प हैं:
- सेक्शन 115BAC के तहत डिफॉल्ट टैक्स योजना।
- सामान्य टैक्स नियम।
डिफॉल्ट योजना के तहत व्यक्तिगत छूट सीमा 2.5 लाख से बढ़कर 3 लाख रुपये हो सकती है, जिससे टैक्सपेयर्स को राहत मिलेगी।
भारत में मौजूदा टैक्स सिस्टम पर्याप्त नहीं
भारत में अधिकतर परिवारों में केवल एक व्यक्ति कमाने वाला होता है। बढ़ती महंगाई और खर्चों के चलते यह टैक्स व्यवस्था काफी नहीं है। वर्तमान में मिलने वाली टैक्स छूट कम है, खासकर चार सदस्यीय परिवारों के लिए। ऐसे में लोग टैक्स बचाने के लिए अपनी आय को परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर दिखाते हैं।
1 करोड़ से ज्यादा आय पर सरचार्ज का प्रस्ताव
ICAI ने यह भी सुझाव दिया है कि 1 करोड़ रुपये से अधिक आय वालों पर अतिरिक्त टैक्स लगाया जाए।
- 1 से 2 करोड़ रुपये की आय पर: 10% सरचार्ज।
- 2 से 4 करोड़ रुपये की आय पर: 15% सरचार्ज।
- 4 करोड़ रुपये से अधिक आय पर: 25% सरचार्ज।
ज्वाइंट टैक्सेशन के फायदे
जिन शादीशुदा जोड़ों की आय में बड़ा अंतर होता है, उनके लिए संयुक्त रूप से टैक्स रिटर्न फाइल करना फायदेमंद हो सकता है। इस तरीके से उन्हें अलग-अलग रिटर्न भरने की तुलना में कम टैक्स देना पड़ सकता है। यह सुझाव बजट 2025 में शामिल किया जाएगा या नहीं, यह देखना बाकी है।