Income Tax: सैलरी क्लास और सीनियर सिटीजन को मिली राहत, इनकम टैक्स में 5 बड़े बदलाव

Haryana update : भारत के केंद्रीय बजट 2025 का इंतजार अब एक महीने से भी कम समय में खत्म हो जाएगा, क्योंकि यह 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। इस बार के बजट से करदाताओं (Taxpayers) को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है, खासकर सैलरी बेस्ड और सेवानिवृत्त पेंशनभोगी सीनियर सिटीजन्स को। इन वर्गों के लिए आयकर स्लैब में बदलाव और आयकर छूट (Income Tax Relief) का तोहफा मिलने की संभावना जताई जा रही है। मोदी सरकार 3.0 की ओर से मिडिल क्लास वर्ग को इस बार बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि कई सुधारों और छूटों की घोषणा की जा सकती है।
आयकर में जरूरी सुधारों की उम्मीद
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए जाने वाले केंद्रीय बजट 2025 से संबंधित तैयारियां अंतिम दौर में हैं। करदाताओं के लिए इस बजट में कई जरूरी सुधारों की उम्मीद जताई जा रही है। खासकर सैलरी बेस्ड कर्मचारी और सीनियर सिटीजन के लिए आयकर छूट की संभावना बढ़ी है। आयकर विशेषज्ञों का मानना है कि इस बजट में आयकर रिटर्न (ITR) की स्लैब में बदलाव किया जा सकता है, ताकि करदाताओं को और राहत मिल सके। साथ ही, सरकार इस बजट में कई बड़े सुधारों की घोषणा कर सकती है, जिनसे आम जनता को प्रत्यक्ष फायदा हो।
आयकर स्लैब में बदलाव की उम्मीद
भारत में अब दो प्रकार की टैक्स रिजीम हैं: पुरानी टैक्स रिजीम और नई टैक्स रिजीम। वित्त मंत्री नई टैक्स रिजीम को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए आयकर स्लैब (Income Tax Slab) में बदलाव कर सकती हैं। आयकर विशेषज्ञ इस बारे में सुझाव दे रहे हैं कि 20 लाख रुपये से अधिक आय वाले करदाताओं पर 30 प्रतिशत की दर लागू की जाए। इस प्रकार का बदलाव करने से, नई टैक्स रिजीम को बढ़ावा मिलेगा और करदाता इसका अधिक लाभ उठा सकेंगे। इसके साथ ही सैलरी बेस्ड करदाताओं को भी राहत मिलेगी, जो इन स्लैब में फंसकर ज्यादा कर भर रहे हैं।
वरिष्ट नागरिकों के लिए विशेष छूट
इस समय, नई टैक्स रिजीम सभी करदाताओं के लिए समान रूप से लागू होती है, चाहे उनकी आय का स्तर कुछ भी हो। लेकिन आयकर विशेषज्ञों ने 60 साल से अधिक आयु वाले नागरिकों के लिए अलग से टैक्स स्लैब बनाने की सिफारिश की है। इस नए टैक्स स्लैब में, इन नागरिकों पर ज्यादा आय पर कम दर का ब्याज लागू हो सकता है, जिससे उन्हें अधिक राहत मिलेगी। इस बदलाव से वरिष्ठ नागरिकों को उनके कार्यकाल के बाद आने वाली चुनौतियों को देखते हुए एक बड़ा फायदा हो सकता है, जो उनके वित्तीय भविष्य को सुरक्षित बना सकता है।
स्टैंडर्ड कटौती बढ़ाने की सलाह
सैलरी बेस्ड कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड कटौती को 1 लाख रुपये करने की सलाह दी जा रही है। वर्तमान में पुरानी टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड कटौती 50 हजार रुपये है, जबकि नई टैक्स रिजीम में यह 75 हजार रुपये है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसे बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया जाना चाहिए, ताकि कर्मचारियों को अतिरिक्त राहत मिल सके। इस बदलाव से कर्मचारियों को उनके खर्चों में एक बड़ी राहत मिलेगी और उनका टैक्स भार कम होगा, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार हो सकेगा।
सोने के आयात शुल्क में बदलाव
इस बजट में सोने के आयात शुल्क (Gold Import Duty) में बदलाव हो सकता है। व्यापार घाटे को नियंत्रित करने के लिए सरकार इस शुल्क को बढ़ा सकती है। कुछ समय पहले आयात शुल्क को 15 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत किया गया था, लेकिन अब इसे फिर से बढ़ाया जा सकता है, जिससे व्यापार घाटा कम करने में मदद मिलेगी। इस कदम का असर सोने के बाजार पर पड़ेगा, लेकिन यह रुपये की स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। इसके अलावा, सोने की बढ़ती मांग को देखते हुए, सरकार इस कदम से सोने के आयात को और नियंत्रित कर सकती है।
धारा 80सी में बदलाव की संभावना
आयकर धारा 80सी के तहत कटौती सीमा में भी बदलाव की उम्मीद जताई जा रही है। वर्तमान में, यह सीमा 1.5 लाख रुपये तक है, लेकिन विशेषज्ञों का सुझाव है कि इसे बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये किया जाए। इसके अलावा, होम लोन इंटरेस्ट की कटौती को इस धारा से अलग कर, उच्च सीमा देने की मांग भी की जा रही है। यदि यह प्रस्ताव लागू होता है, तो इससे करदाताओं को आर्थिक राहत मिल सकती है और उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार हो सकता है। इससे लोग होम लोन पर अधिक निवेश कर सकेंगे, क्योंकि यह आर्थिक योजनाओं में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
केंद्रीय बजट 2025 में यदि ये सुधार लागू होते हैं, तो इससे न सिर्फ मिडिल क्लास को बल्कि सभी करदाताओं को एक बड़ी राहत मिल सकती है। सरकार का यह कदम आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने और वित्तीय सुधार को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।