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Income Tax : टैक्सपेयर्स के लिए आई बड़ी खबर, फटाफट जान टैक्स के ये नियम

अगर आपके घर भी आ जाता है Income tax का नोटिस तो जरूर करें ये काम, वरना हो जाएगी बड़ी मुसीबत 
 
Income Tax : टैक्सपेयर्स के लिए आई बड़ी खबर, फटाफट जान टैक्स के ये नियम 

Haryana Update : ये बात Taxpeyarsके लिए काफी चिंता का सबब बन सकती है, खासकर जब से ये Tax पेमेंट से जुड़ा है। लेकिन अगर इससे सही तरीके से निपटा जाए तो चिंता की कोई बात नहीं है। यहां बताया गया है कि ऐसे Taxpeyars इस पूरी स्थिति को कैसे संभाल सकते हैं।

सबसे पहले नोटिस को समझें

इनकम Tax डिपार्टमेंट के पास ढेरों डिटेल्स तक पहुंच है जो व्यक्तियों और संस्थाओं की ओर से किए गए लेनदेन को लेकर है। ये आय के कई रूपों से जुड़े हुए होते हैं, जो Taxpeyars की ओर से कमाए गए होंगे। इन डिटेल्स के Aadhar पर Tax विभाग टैक्सपेयर की ओर से कमाई गई आय की गणना करता है, और फिर TDS और पहले से भुगतान किए गए एडवांस Tax को देखता है।

अगर भुगतान किया गया टैक्स, उससे कम है जितना कि भुगतान किया जाना है, तो टैक्सपेयर को इस Tax की कमी के बारे में ई-मेल और SMS के जरिये सूचित किया जाएगा। अब टैक्सपेयर को पूरी प्रक्रिया के इस हिस्से को समझना होगा क्योंकि टैक्सपेयर कोई कदम उठाए उससे पहले कैलकुलेशन का सोर्स और सूचना पता होनी चाहिए।

कहीं जानकारी अधूरी तो नहीं?

सिर्फ इसलिए कि इनकम Tax विभाग से कोई सूचना मिली है, इसका मतलब ये नहीं है कि यहां सब कुछ सही है, या कि सभी जानकारी कवर कर ली गई है। ऐसी बहुत सी जानकारी होती है जो टैक्सपेयर अपने लेनदेन से जेनरेट करता है। जिसमें निवेश और दूसरे एसेट्स की बिक्री भी शामिल है।

जब ट्रेडिशनल डिटेल्स, जैसे फिक्स्ड डिपॉजिट interest या डिविडेंड और यहां तक कि सैलरी और प्रोफेशनल फी पेमेंट, सबकुछ Tax डिपार्टमेंट के पास रहता है। कई बार ऐसा भी होता है कि जब कई जानकारियां जिसकी वजह से कुछ कमाई या नुकसान होता है, Tax विभाग के पास मौजूद नहीं होती है। ऐसी स्थिति में Taxpeyars सिर्फ इस बात पर भरोसा करके नहीं बैठ सकता जो Tax डिपार्टमेंट कर रहा है, कई बार उन्हें अतिरिक्त विवरण भी शामिल करने की जरूरत होगी। ताकि ये सुनिश्चित हो सके कि वो सही तरीके से काम कर रहे हैं।

अपनी कैलकुलेशन भी करें

एक बार जब मौजूदा और कोई गायब डिटेल्स दोनों ही इकट्ठा हो जाएं, इसके बाद Tax के मोर्चे पर असली स्थिति जानने के लिए कैलकुलेशन करना चाहिए। टैक्सपेयर को सभी तरह की इनकम और वित्तीय वर्ष के अंतिम कुछ हफ्तों में आने वाली इनकम को जोड़ना होगा। इसके सामने, Taxpeyarsको Tax कलेक्टेड एट सोर्स और यहां तक की एडवांस Tax को भी देखना होगा, जो उन्होंने पहले किस्तों में भुगतान किया होगा। अगर अतिरिक्त Tax का भुगतान किया गया है, तो आगे कोई भी कदम उठाने की जरूरत नहीं है। टैक्सपेयर कुछ महीनों बाद Tax रिटर्न फाइल करने के बाद रिफंड के लिए अप्लाई कर सकता है।


बाकी नोटिस से अलग

टैक्सपेयर को ये समझना होगा कि भुगतान किए जाने वाले Tax को लेकर इस तरह की सूचनाएं दूसरी तरह के notice से अलग होती है, जो Tax के असेसमेंट पूरा होने पर जारी की जाती है।

ये अंतर महत्वपूर्ण है क्योंकि असेसमेंट में टैक्सपेयर की ओर से पहले ही सभी डिटेल्स Tax विभाग को दिए जा चुके होते हैं और फिर अंतिम फैसला Tax विभाग करता है। ऐसे में जो भी कमी होगी उसे पूरा करने के लिए अभी भी समय है। टैक्सपेयर तय तारीख तक एडवांस Tax का भुगतान कर सकता है।

अगर इसके बाद भी कुछ रकम बकाया रह जाती है, तो वो सेल्फ-असेसमेंट Tax के रूप में अपना रिटर्न दाखिल करते समय interest की जरूरी कैलकुलेशन के साथ उस रकम का भुगतान कर सकते हैं। तो, इस मामले में interest के रूप में एक लागत शामिल है जो इकट्ठा हो जाएगी, लेकिन उसको पूरा करने के लिए अब भी मौका है।

 


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