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Health Insurance: हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय ना करें ये 5 गलतियां, बाद में पड़ेगा पछताना

Health Insurance: हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते समय इन आम गलतियों से बचें, नहीं तो पॉलिसी क्लेम में हो सकती है मुश्किलें। सही इंश्योरेंस प्लान चुनने के टिप्स जानें।

 
Health Insurance: हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय ना करें ये 5 गलतियां, बाद में पड़ेगा पछताना
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Health Insurance: आज के समय में हेल्थ इंश्योरेंस हर किसी के पास होना जरूरी हो गया है। खासकर कोरोना महामारी के बाद से स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति जागरूकता काफी बढ़ गई है, जिससे हेल्थ इंश्योरेंस की मांग भी तेजी से बढ़ी है। यदि आप पहली बार हेल्थ इंश्योरेंस लेने जा रहे हैं, तो कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है ताकि जरूरत पड़ने पर आप आसानी से इलाज करवा सकें और क्लेम प्रक्रिया में कोई दिक्कत न आए।

अपनी और परिवार की मेडिकल हिस्ट्री को समझें

नया हेल्थ इंश्योरेंस लेने से पहले सबसे पहले अपनी और अपने परिवार की स्वास्थ्य स्थिति को ध्यान में रखें। इससे आपको ऐसी पॉलिसी चुनने में मदद मिलेगी जो आपकी आवश्यकताओं के अनुसार सही कवरेज प्रदान करे। साथ ही, अपने बजट के अनुसार ही इंश्योरेंस प्लान का चयन करें, ताकि प्रीमियम का बोझ भी manageable रहे।

वेटिंग पीरियड को जानना जरूरी

हर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में एक वेटिंग पीरियड होता है, जिसके दौरान आप क्लेम नहीं कर सकते। यह अवधि अलग-अलग कंपनियों में भिन्न हो सकती है, लेकिन आम तौर पर 30 दिनों का वेटिंग पीरियड रखा जाता है। इसलिए पॉलिसी खरीदने से पहले यह जानना जरूरी है कि आपके चुने हुए प्लान में वेटिंग पीरियड कितना है। इससे आप क्लेम के नियमों को समझ पाएंगे और भविष्य में परेशानी नहीं होगी।

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क्लेम सेटलमेंट रेट को देखें

क्लेम सेटलमेंट रेट का मतलब है कि कंपनी कितनी आसानी से और जल्दी क्लेम को मंजूरी देती है। कुछ कंपनियां क्लेम प्रक्रिया में बहुत जटिलताएं पैदा कर सकती हैं, जिससे आपको इलाज के बाद पैसा पाने में परेशानी हो सकती है। इसलिए ऐसे इंश्योरेंस प्रदाता का चयन करें जिसकी क्लेम सेटलमेंट रेट अच्छी हो, ताकि जब आपको ज़रूरत पड़े, आपको समय पर मदद मिल सके।

प्रीमियम और कवरेज का संतुलन

प्रीमियम बहुत कम देखकर ऐसी पॉलिसी लेने से बचें क्योंकि इससे जरूरी कवर छूट सकता है। कम प्रीमियम वाली पॉलिसी में कई बार गंभीर बीमारियों के इलाज का खर्चा शामिल नहीं होता, जिससे बाद में हॉस्पिटल बिल भारी पड़ सकता है। इसलिए अपने बजट के अनुसार ऐसे प्लान चुनें जिसमें अच्छे कवरेज के साथ प्रीमियम भी उचित हो।

नेटवर्क हॉस्पिटल की संख्या

यह देखना भी जरूरी है कि आपकी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के कितने नेटवर्क हॉस्पिटल हैं। यदि आप नेटवर्क हॉस्पिटल में इलाज कराते हैं, तो कैशलेस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं, जिससे इलाज का खर्च सीधे कंपनी द्वारा भुगतान हो जाता है। जितने अधिक नेटवर्क हॉस्पिटल होंगे, आपकी पॉलिसी उतनी ही सुविधाजनक और भरोसेमंद मानी जाएगी।

डे केयर फैसिलिटी का महत्व

आजकल कई बीमारियों और ट्रीटमेंट के लिए अस्पताल में भर्ती होना जरूरी नहीं रहता। इसलिए डे केयर फैसिलिटी भी जरूरी हो गई है। कई कंपनियां केवल उन क्लेम को स्वीकार करती हैं जहां कम से कम 24 घंटे का अस्पताल में भर्ती होना आवश्यक हो। लेकिन डे केयर ट्रीटमेंट में यह आवश्यकता नहीं होती। इसलिए ऐसी पॉलिसी लें जिसमें डे केयर फैसिलिटी शामिल हो, ताकि छोटे-छोटे इलाजों के लिए भी आप बिना परेशानी के क्लेम कर सकें।

हेल्थ इंश्योरेंस चुनते समय ध्यान रखें कि यह आपकी और आपके परिवार की स्वास्थ्य आवश्यकताओं के अनुसार हो। क्लेम सेटलमेंट रेट, प्रीमियम, नेटवर्क हॉस्पिटल और वेटिंग पीरियड जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को समझना जरूरी है। सही पॉलिसी का चुनाव आपको आर्थिक सुरक्षा देने के साथ-साथ इलाज के दौरान आर्थिक बोझ से भी बचाएगा। इसलिए सावधानी से अपनी जरूरतों का विश्लेषण करें और एक भरोसेमंद कंपनी से ही हेल्थ इंश्योरेंस लें।