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सरकार ने बदल दिए CGHS के नियम, केंद्रीय कर्मचारियों को होगा बड़ा फायदा, देखिए पूरी जानकारी

सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को गुड न्यूज दी है। केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना (CGHS) पैकेज के रेट्स को रिवाइज कर दिया गया है। वहीं, CGHS के तहत रेफरल की प्रक्रिया को भी सरल बना दिया गया है।

 
CGHS

केंद्रीय कर्मचारियों को सरकार ने एक गुड न्यूज दी है। दरअसल, केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना (CGHS) पैकेज के रेट्स को रिवाइज कर दिया गया है। वहीं, CGHS के तहत रेफरल की प्रक्रिया को भी सरल बना दिया गया है। सरकार के नए फैसले से ₹240-₹300 करोड़ के बीच अतिरिक्त भार आने की संभावना है। आइए जानते हैं कि अब क्या कुछ बदल गया है।

कंसल्टेंसी फीस: केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना के तहत डॉक्टर को दिए जाने वाले कंसल्टेंसी फीस को बदल दिया गया है। वर्तमान में ओपीडी कंसल्टेंसी फीस 150 रुपये है। इसी तरह, आईपीडी कंसल्टेंसी फीस 300 रुपये है। नए बदलाव के बाद ओपीडी और आईपीडी कंसल्टेंसी फीस, दोनों ही 350 रुपये हो जाएगा।

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वार्ड का किराया: योजना के तहत जनरल वार्ड, सेमी-प्राइवेट वार्ड और प्राइवेट वार्ड के किराये में भी बदलाव किया गया है। वर्तमान में किराया क्रमश: 1000 रुपये, 2000 रुपये और 3000 रुपये है। योजना में नए बदलाव के बाद किराया क्रमश: 1500 रुपये, 3000 रुपये और 4500 रुपये हो जाएगा।

इसी तरह ICU चार्जेज में भी बदलाव हुए हैं। अभी के नियम के तहत एनएबीएच के लिए 862 रुपये+वार्ड पात्रता के अनुसार कमरे का किराया है। बदलाव के बाद 5,400 रुपये तक चार्जेज लगाए जाएंगे।

रेफरल अब हुआ आसान: सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक वीडियो कॉल से भी अब रेफरल प्रक्रिया की जा सकेगी। पहले CGHS लाभार्थी को स्वयं CGHS वेलनेस सेंटर पर जाकर अस्पताल के लिए रेफरल लेना पड़ता था। अब CGHS लाभार्थी अगर जाने में असक्षम है तो वह अपनी तरफ से किसी को वेलनेस सेंटर भेज कर रेफरल ले सकता है।

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मेडिकल ऑफिसर द्वारा डॉक्युमेंट चेक करके वह लाभार्थी को अस्पताल जाने के लिए रेफर कर सकता है। इसके अलावा CGHS लाभार्थी वीडियो कॉल से भी अब रेफरल ले सकते हैं।  आपको बता दें कि इस योजना का लाभ लाखों केंद्रीय कर्मचारियों को मिलता है। इसमें कुल 79 शहर कवर्ड हैं।

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