फिटमेंट फैक्टर करेगा सरकारी कर्मचारियों की सैलरी तय! जानिए क्या होता ये?
8th Pay Commission:कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी का मुख्य आधार फिटमेंट फैक्टर होगा। अगर फिटमेंट फैक्टर कम है तो वेतन में बढ़ोतरी कम होगी, वहीं अगर यह ज्यादा है तो वेतन में काफी बढ़ोतरी देखी जा सकती है, तो आइए एक बार फिटमेंट फैक्टर के बारे में जान लेते हैं।

8th Pay Commission (Haryan Update) : केंद्र सरकार द्वारा आठवें वेतन आयोग को मंजूरी दिए जाने के बाद सरकारी कर्मचारियों के मन में सबसे बड़ा सवाल यह है कि इसमें कितनी बढ़ोतरी हो सकती है। कर्मचारियों की सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी इसका मुख्य आधार फिटमेंट फैक्टर होगा। अगर फिटमेंट फैक्टर कम होगा तो सैलरी में बढ़ोतरी कम होगी, वहीं अगर यह ज्यादा होगा तो सैलरी में काफी बढ़ोतरी देखी जा सकती है, तो आइए एक बार फिटमेंट फैक्टर के बारे में जान लेते हैं।
फिटमेंट फैक्टर कैसे काम करेगा?
पिछले सातवें वेतन आयोग के दौरान कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये की गई थी। ऐसा 2.57 के फिटमेंट फैक्टर के आधार पर किया गया था। इसी तरह छठे वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.86 था। अब आठवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.86 या इससे ज्यादा रहने की उम्मीद है। अगर आठवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.86 तय होता है तो इसमें बढ़ोतरी देखी जा सकती है। हालांकि बढ़ोतरी कितनी होगी, यह अभी पता नहीं है। यह वेतन बैंड और ग्रेड पे में सरकार द्वारा किए गए बदलावों के आधार पर ही तय होगा। अभी इसका सही अनुमान लगाना संभव नहीं है। हालांकि, अगर कर्मचारी यूनियनों की मांग पर इसे 3.68 कर दिया जाता है तो यह बढ़ोतरी और भी ज्यादा हो सकती है।
फिटमेंट फैक्टर की विशेषताएं-
फिटमेंट फैक्टर सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन को महंगाई के अनुरूप रखने का एक महत्वपूर्ण साधन है। यह मूल वेतन को एक निश्चित गुणक से बढ़ाकर नए वेतनमान में समायोजित करता है। इसका सीधा असर सकल वेतन और पेंशन पर पड़ता है। इसके जरिए कर्मचारियों की क्रय शक्ति को बनाए रखना और आर्थिक स्थिति में सुधार सुनिश्चित किया जाता है।
क्या कहते हैं कर्मचारी संघ?
कर्मचारी संघ लगातार फिटमेंट फैक्टर को 2.57 से बढ़ाकर 3.68 करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि महंगाई और जीवन स्तर में सुधार को देखते हुए वेतन में पर्याप्त वृद्धि होनी चाहिए। सरकार की आर्थिक स्थिति और महंगाई दर को ध्यान में रखते हुए फिटमेंट फैक्टर को अंतिम रूप दिया जाएगा।