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FD Rates : पैसा निवेश करने वालों जरूर जान लो ये बात

FD Rates : अगर आप Fixed Deposit (FD) में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो कुछ जरूरी बातों को जानना बेहद जरूरी है। ब्याज दरों, लॉक-इन पीरियड, टैक्स और समय से पहले निकासी के नियमों को समझे बिना निवेश करने से नुकसान हो सकता है। कई बार लोग ज्यादा रिटर्न के चक्कर में गलत स्कीम चुन लेते हैं, जिससे फायदे की जगह घाटा हो सकता है। निवेश से पहले सही जानकारी लें। नीचे पढ़ें पूरी डिटेल।

 
FD Rates : पैसा निवेश करने वालों जरूर जान लो ये बात 
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Haryana Update, FD Rates : FD उन निवेशकों के लिए एक सुरक्षित और गारंटीड Return वाला विकल्प माना जाता है, जो अपने पैसों पर बिना किसी जोखिम के Byaz पाना चाहते हैं। खासतौर पर सीनियर सिटीजन के लिए यह एक अच्छा ऑप्शन होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि FD (FD Investment Risks Updates) के सिर्फ फायदे ही नहीं होते, बल्कि इसमें कुछ खामियां भी हैं, जो आपके Invest पर असर डाल सकती हैं। आइए जानते हैं उन कमियों के बारे में।  

1. Interest Rate रहती हैं निश्चित  -FD Rates

FD में आपको फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट (Fixed interest rates in FD) ऑफर की जाती हैं, जिसका मतलब है कि Byaz दर में कोई बदलाव नहीं होता। अगर बाजार में Interest Rate बढ़ती भी हैं, तो भी आपको वही तय दर पर Byaz मिलेगा। इसके मुकाबले स्टॉक मार्केट या म्यूचुअल फंड जैसे Invest विकल्पों में ज्यादा Return मिलने की संभावना रहती है।  

2. प्रीमैच्योर विड्रॉल पर लगेगा चार्ज  -FD Rates

अगर आप FD को मेच्योरिटी से पहले तोड़ते हैं, तो आपको प्री-विड्रॉल चार्ज (Payment of pre-withdrawal charges) देना होगा। यह शुल्क अलग-अलग बैंकों में अलग होता है, लेकिन आमतौर पर यह FD निवेशकों के लिए नुकसानदायक साबित होता है।  

3. बाजार की तेजी का नहीं मिलता फायदा  -FD Rates

FD की Interest Rate तय होती हैं, इसलिए अगर बाजार में तेजी आती भी है, तो आपको ज्यादा Return नहीं मिलेगा। जबकि शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड जैसी स्कीमों में बाजार की तेजी से सीधा फायदा मिलता है।  

4. लॉक-इन पीरियड में फंस जाता है पैसा  -FD Rates

FD में एक लॉक-इन पीरियड (Lock-in period) होता है, जिसके दौरान आप अपनी जमा राशि नहीं निकाल सकते। अगर किसी इमरजेंसी में आपको पैसों की जरूरत पड़ जाए, तो FD को समय से पहले तोड़ने पर भारी पेनल्टी देनी पड़ती है।  

5. Byaz पर देना होता है टैक्स  -FD Rates

FD पर मिलने वाले Byaz पर टैक्स (Tax deduction in FD) देना पड़ता है। अगर आपका Byaz एक वित्तीय वर्ष में ₹40,000 (सीनियर सिटीजन के लिए ₹50,000) से ज्यादा हो जाता है, तो उस पर TDS (Tax Deducted at Source) कटता है, जिससे आपका कुल Return कम हो जाता है।  

6. इन्फ्लेशन के मुकाबले कम Return  FD Rates

अगर किसी Invest का Return इन्फ्लेशन रेट (महंगाई दर) से कम है, तो असल में आपको नुकसान हो रहा है। आमतौर पर FD की Interest Rate इन्फ्लेशन को मात नहीं दे पाती हैं, जिससे आपकी पूंजी का मूल्य समय के साथ कम हो जाता है।  FD Rates

7. नहीं मिलता कैपिटल गेन्स का लाभ  

FD Invest में कैपिटल गेन्स (Capital Gains) का फायदा नहीं मिलता। शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड्स में लॉन्ग टर्म Invest करने से कैपिटल गेन्स टैक्स छूट और ज्यादा Return का लाभ मिलता है, लेकिन FD में ऐसा कोई फायदा नहीं मिलता।  

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8. Bank के डूबने पर खतरा  

हालांकि FD को सबसे सुरक्षित Invest विकल्प माना जाता है, लेकिन अगर Bank दिवालिया हो जाता है, तो आपकी जमा पूंजी भी खतरे में आ सकती है। Bank डूबने की स्थिति में DICGC (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) के तहत ₹5 लाख तक की राशि ही सुरक्षित रहती है, उससे ज्यादा अमाउंट पर कोई गारंटी नहीं होती।  

क्या FD में Invest करना सही रहेगा?  FD Rates

अगर आप एक सुरक्षित Invest चाहते हैं और ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते, तो FD आपके लिए सही हो सकता है। लेकिन अगर आप महंगाई से बचाव, ज्यादा Return और टैक्स बचत के विकल्प चाहते हैं, तो म्यूचुअल फंड, स्टॉक्स, या सरकारी बॉन्ड्स जैसे Invest पर विचार कर सकते हैं।