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किसानों की हुई मौज, सरकार दे रही इतने जमा करने पर प्रति एकड़ की फसल पर मिलेगा 40 हजार का बीमा

Farmers News: किसानों के हित में राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई भावांतर भरपाई योजना और बागवानी बीमा योजना को किसानों के लिए एक अनूठी योजना बताया जा रहा है, जानिए पूरी खबर। 

 
Farmers News

Haryana Update: आपको बता दें, की देश की नींव हमार देश के किसान हैं। किसानों की आय को बढ़ाने के लिए सरकार ने फसल बीमा योजना (Fasal Bima Yojna) जैसे कई कार्यक्रमों को लागू किया है। इन योजनाओं से किसानों को लाभ मिल रहा है। इस कड़ी में, हरियाणा सरकार ने किसानों की आय में वृद्धि करने और बागवानी फसलों को नुकसान से बचाने के लिए एक विशिष्ट योजना लागू की है। हरियाणा सरकार ने भावांतर भरपाई योजना के साथ किसानों को नुकसान की भरपाई के लिए एक विशिष्ट कार्यक्रम भी शुरू किया है। 

हरियाणा सरकार की इस योजना को किसानों को उनकी उपज की कम कीमत की भरपाई के लिए एक अनूठी पहल बताया जा रहा है। किसान राजधानी के किसान मुख्यमंत्री भावांतर भरपाई योजना और बागवानी बीमा योजनाओं के तहत अपनी फसलों को बीमा करवाकर एक निश्चित राशि का भुगतान करके फसलों को मुआवजा मिल सकता है। 

किसानों को सरकारी योजना के तहत 1000 रुपये प्रति एकड़ का प्रीमियम देकर 40 हजार रुपये प्रति एकड़ का बीमा मिल सकता है। योजना, जो 2021 में शुरू हुई थी, अब तक कई किसानों को फायदा मिल चुका है। 

किसानों को स्कीम से राहत मिलती है: भावांतर भरपाई योजना और बागवानी बीमा योजना के तहत किसानों को फसल की खेती के दौरान और उत्पादन के बाद हुए नुकसान की जानकारी दी जाती है।  

अधिकारियों का कहना है कि किसानों को भावांतर भरपाई योजना और बागवानी बीमा योजना का लाभ मिल रहा है, जो किसानों की आय में वृद्धि करते हैं और फसल विविधीकरण के तहत लगाई गई बागवानी फसलों में होने वाले नुकसान को भरपाते हैं। यह योजना जिले के बागवानी किसानों को फसल की खेती के दौरान और उसके उत्पादन के बाद होने वाले जोखिमों को कम करने में मदद कर सकती है। 

किन फसलों को राहत मिलती है? 
किसानों के हित में राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई भावांतर भरपाई योजना और बागवानी बीमा योजना को किसानों के लिए एक अनूठी योजना बताया जा रहा है। 

किसानों ने भावांतर भरपाई कार्यक्रम के तहत आलू, फूल गोभी, गाजर, मटर, टमाटर, प्याज, शिमला मिर्च, बैंगन, भिंडी, मिर्च, करेला, बंद गोभी, मूली, किन्नू, अमरूद, चीकू, आडू, आलूबुखारा, आम, नाशपाती, लीची, आंवला, बेर, लहसुन और हल्दी का उत्पादन किया। सरकार ने इन सभी फसलों के संरक्षित मूल्यों को पहले से ही निर्धारित किया है। 

सब्जी काश्तकारों को जोखिम से बचाने के लिए योजना की विशिष्ट बातें 
योजना 40000 से 56000 रुपये प्रति एकड़ की आय सुनिश्चित करती है। 
योजना के चार सब्जियों (फूलगोभी, आलू, प्याज और टमाटर) का संरक्षित मूल्य निर्धारित करना। 
www.hsamb.gov.in पर BBY ई-पोर्टल के माध्यम से किसान अपना पंजीकृत कर सकते हैं। 
सरकार रजिस्टर्ड किसानों को संरक्षित मूल्य तक भाव के अंतर का भुगतान करती है। 
भूमि मालिक, पट्टेदार या किराये पर काश्तकार इस स्कीम का लाभ उठाते हैं। 

योजना का क्या उद्देश्य है?
बता दें कि किसानों को अक्सर अपनी बची हुई फसलों को कम कीमत पर बेचने की जरूरत थी। यही कारण था कि वे भारी कर्ज में फंस गए, जो अंततः उनकी आत्महत्या का प्रमुख कारण बन गया। हरियाणा सरकार ने ऐसी घटनाओं से बचने के लिए भावांतर भरपाई योजना की शुरुआत की थी। किसानों की सुरक्षा इसका उद्देश्य है। 

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