EPFO ने की पेंशनधारको की मौज! बेसिक पेंशन ₹1000 से बढ़ाकर की ₹7500

EPFO Minimum Pension (Haryana Update) : हाल ही में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने पेंशनभोगियों के लिए कुछ अच्छे बदलाव किए हैं, जो उनके जीवन को आसान बनाने के उद्देश्य से किए गए हैं। खास तौर पर EPS-95 पेंशन स्कीम में बदलाव और उच्च पेंशन की प्रक्रिया में सुधार पर काम किया गया है। इस लेख में हम आपको इन बदलावों और पेंशन बढ़ाने की सरकार की योजना के बारे में आसान और सरल भाषा में बताएंगे।
EPFO के नए बदलाव और पेंशनभोगियों के लिए खुशखबरी-
EPFO ने 1 जनवरी 2025 से सेंट्रलाइज्ड पेंशन पेमेंट सिस्टम (CPPS) लागू कर दिया है। इसका मतलब है कि अब पेंशनभोगी किसी भी बैंक ब्रांच से अपनी पेंशन ले सकते हैं और उन्हें पेंशन पेमेंट ऑर्डर (PPO) ट्रांसफर करने की जरूरत नहीं होगी। इससे पेंशन पाना और भी आसान हो जाएगा। साथ ही EPS-95 पेंशन को बढ़ाकर 7,500 रुपये करने की मांग भी सरकार से की जा रही है और इस पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
क्या है EPS-95 पेंशन स्कीम?
ईपीएफओ ने 1995 में ईपीएस-95 पेंशन योजना शुरू की थी, जिसके तहत निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन दी जाती है। अभी तक इस योजना के तहत न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये प्रति माह थी, जिसे बहुत कम माना जाता है। पेंशनभोगियों ने इसे बढ़ाकर 7,500 रुपये करने की मांग की है, ताकि उनके जीवन स्तर में सुधार हो सके।
योगदान प्रक्रिया-
निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के मूल वेतन का 12% ईपीएफ खाते में जाता है, और इसमें से 8.33% ईपीएस में डाला जाता है। शेष 3.67% ईपीएफ में जाता है।
ईपीएफओ की नई गाइडलाइन
ईपीएफओ ने हाल ही में पेंशन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण बदलाव इस प्रकार हैं:
सीपीपीएस लागू: अब पेंशनभोगी किसी भी बैंक से अपनी पेंशन प्राप्त कर सकते हैं। पीपीओ में ट्रांसफर करने की जरूरत नहीं।
संयुक्त घोषणा प्रक्रिया का सरलीकरण: अब पेंशन प्रक्रिया को और भी सरल बना दिया गया है, और दस्तावेज जमा करने की प्रक्रिया भी आसान कर दी गई है।
उच्च पेंशन के लिए स्पष्टीकरण: ईपीएफओ ने उच्च वेतन पाने वालों के लिए पेंशन प्रक्रिया को स्पष्ट कर दिया है। सभी पेंशनभोगियों के लिए एक समान पेंशन गणना सुनिश्चित की जाएगी।
सदस्य प्रोफ़ाइल अपडेट करना आसान: आधार-सत्यापित यूएएन वाले सदस्य अब दस्तावेज़ अपलोड किए बिना अपनी जानकारी अपडेट कर सकते हैं।
ईपीएस-95 पेंशन बढ़ाने की मांग-
पेंशनभोगी लंबे समय से न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि 1,000 रुपये की पेंशन उनके लिए पर्याप्त नहीं है। उनकी मांग है कि इसे 7,500 रुपये प्रति माह किया जाना चाहिए। इसके अलावा पेंशनभोगियों ने महंगाई भत्ते (डीए) में बढ़ोतरी और मुफ्त चिकित्सा उपचार की भी मांग की है। 10 जनवरी, 2025 को पेंशनभोगियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की और अपनी मांगें रखीं। वित्त मंत्री ने आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।
उच्च पेंशन प्रक्रिया-
ईपीएफओ ने उच्च पेंशन के लिए आवेदन करने वालों के लिए कुछ अपडेट दिए हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2025 है, तथा नियोक्ता को 15 जनवरी 2025 तक EPFO द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण देने होंगे। इस प्रक्रिया के तहत कुल 17,48,775 आवेदन प्राप्त हुए हैं, तथा 2.6 लाख आवेदनों को अस्वीकृत किया गया है।
ऑनलाइन सेवाएं-
EPFO ने पेंशनभोगियों के लिए कुछ ऑनलाइन सेवाएं भी शुरू की हैं, जिनमें UAN-आधार लिंकिंग, डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा करना, पेंशन का ऑनलाइन हस्तांतरण तथा शिकायत निवारण प्रणाली शामिल हैं। इन सेवाओं के माध्यम से पेंशनभोगी अब अपने घर से ही अधिकांश काम कर सकते हैं।
EPS-95 पेंशन बढ़ाने के लाभ-
यदि सरकार EPS-95 पेंशन को बढ़ाकर 7,500 रुपये करती है, तो इससे पेंशनभोगियों को कई लाभ होंगे:
वित्तीय स्थिति में सुधार: पेंशन में वृद्धि से पेंशनभोगियों की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा।
जीवन स्तर में सुधार: पेंशन में वृद्धि से पेंशनभोगी अपने जीवन स्तर में सुधार कर सकते हैं।
स्वास्थ्य सेवा व्यय: पेंशन में वृद्धि से पेंशनभोगियों को स्वास्थ्य सेवा पर अधिक खर्च करने की क्षमता मिलेगी।
वित्तीय सुरक्षा: उच्च पेंशन से जीवन में सुरक्षा का अहसास होगा।
आगे की चुनौतियां-
ईपीएस-95 पेंशन बढ़ाने की मांग के बावजूद कुछ चुनौतियां हैं। सबसे बड़ी चुनौती सरकार पर पड़ने वाला वित्तीय बोझ है। इसके अलावा ईपीएफओ को अतिरिक्त फंड की जरूरत होगी और सरकार को विभिन्न हितधारकों के हितों को ध्यान में रखना होगा। फिर भी सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रही है और जल्द ही कोई ठोस फैसला लिया जा सकता है। ईपीएफओ द्वारा किए गए बदलाव और ईपीएस-95 पेंशन बढ़ाने की मांग पेंशनभोगियों के लिए अच्छा संकेत है। सीपीपीएस और अन्य सुधारों से पेंशनभोगियों को राहत मिलेगी। हालांकि पेंशन में बढ़ोतरी को लेकर कुछ चुनौतियां हैं, लेकिन सरकार इस पर विचार कर रही है और जल्द ही इस पर फैसला ले सकती है।