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CIBIL Score: खराब सिबिल स्कोर वालों के लिए एक और नई मुसीबत, लोन के साथ अब ये होगा मुश्किल

अगर आपका CIBIL स्कोर खराब है, तो आपके लिए एक और मुसीबत सामने आ सकती है। अब सिर्फ लोन की मंजूरी ही नहीं, बल्कि क्रेडिट कार्ड प्राप्त करना भी मुश्किल हो सकता है। बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशंस ने खराब CIBIL स्कोर वालों के लिए नए नियम लागू किए हैं, जिससे उनकी वित्तीय सुविधाओं तक पहुंच सीमित हो सकती है। जानें इस नई समस्या के बारे में पूरी जानकारी और इससे बचने के उपाय।
 
CIBIL Score: खराब सिबिल स्कोर वालों के लिए एक और नई मुसीबत, लोन के साथ अब ये होगा मुश्किल
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Haryana update : हाल ही में एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसे जानकर खराब सिबिल स्कोर वाले लोगों की चिंता और बढ़ सकती है। पहले जहां लोन और क्रेडिट कार्ड मिलने में दिक्कतें आती थीं, वहीं अब सिबिल स्कोर कम होने पर एक नई समस्या का सामना करना पड़ेगा। यह समस्या केवल आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोगों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसका असर उन सभी व्यक्तियों पर पड़ेगा जिनका सिबिल स्कोर कम है। इस कारण अब सिबिल स्कोर को सही बनाए रखना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।

इसलिए अब आपको सिबिल स्कोर को मेंटेन रखने में कोई लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। ध्यान रखें कि यह न केवल आपके लोन की मंजूरी या क्रेडिट कार्ड के लिए जरूरी है, बल्कि नौकरी पाने के लिए भी एक अहम कारक बन चुका है।

नौकरी के लिए सिबिल स्कोर भी महत्वपूर्ण

आजकल नौकरी पाने के लिए केवल शिक्षा और कौशल ही नहीं, बल्कि क्रेडिट स्कोर भी एक अहम भूमिका निभाने लगा है। सरकारी बैंकों ने यह नियम लागू किया है कि जो उम्मीदवार अच्छे क्रेडिट स्कोर वाले होंगे, उन्हें ही नौकरी के लिए प्राथमिकता दी जाएगी। पहले क्रेडिट स्कोर का इस्तेमाल मुख्य रूप से लोन और क्रेडिट कार्ड के लिए होता था, लेकिन अब यह नौकरी पाने के लिए भी आवश्यक हो गया है। अगर किसी का क्रेडिट स्कोर खराब है, तो ऐसे व्यक्तियों को नौकरी मिलने में दिक्कत हो सकती है।

बैंकों की नीतियों में बदलाव

बैंकों का मानना है कि जिनकी वित्तीय स्थिति मजबूत होती है, वह दूसरों की बेहतर तरीके से सहायता कर सकते हैं। इसलिए उन्होंने उम्मीदवारों के लिए एक मानक तय किया है, जिसके तहत खराब क्रेडिट स्कोर वाले उम्मीदवारों के नौकरी के लिए किए गए आवेदन सीधे खारिज कर दिए जाते हैं। इससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनी रहे।

इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सेलेक्शन (IBPS), जो बैंकों के लिए कर्मचारियों का चयन करता है, ने भी अपनी भर्ती नीतियों में बदलाव किए हैं। अब बैंकों को ऐसे उम्मीदवारों की तलाश है जिनका वित्तीय ट्रैक रिकॉर्ड मजबूत हो और जिनका क्रेडिट स्कोर एक विशिष्ट मानक के अनुरूप हो।

क्रेडिट स्कोर का मानक

बैंकों ने यह तर्क दिया है कि बैंक के पास बेहद संवेदनशील फाइनेंशियल जानकारी होती है, जिसे सुरक्षित और सही तरीके से हैंडल करने के लिए आर्थिक स्थिति और क्रेडिट ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा होना चाहिए। यदि किसी उम्मीदवार का क्रेडिट स्कोर 650 से कम है, तो उसे प्रोबेशनरी ऑफिसर या क्लर्क के पद के लिए योग्य नहीं माना जाएगा। यह मानक नौकरी के चयन में अब एक अनिवार्य मानक बन चुका है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जो व्यक्ति बैंकिंग से जुड़ा काम करेगा, उसकी वित्तीय स्थिति अच्छी हो और उसे ट्रैक करने में कोई समस्या न हो।

अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने भी अपनाया नया मानक

भारतीय बैंकों के अलावा, बड़ी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने भी अब कर्मचारियों की भर्ती में एक नया मानक अपनाया है। पहले यह नियम केवल बैंकों तक सीमित था, लेकिन अब सिटीबैंक, ड्यूश बैंक, और टी-सिस्टम जैसी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने भी नौकरी देने से पहले उम्मीदवारों की वित्तीय स्थिति की जांच करना शुरू कर दिया है। इससे यह सुनिश्चित हो रहा है कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे और उम्मीदवार का ट्रैक रिकॉर्ड साफ-सुथरा हो।

इस बदलाव से यह साफ हो गया है कि अब केवल शिक्षा और कौशल ही नौकरी पाने के लिए जरूरी नहीं हैं, बल्कि सिबिल स्कोर और आर्थिक स्थिति भी उसी महत्व की हो गई हैं।

इसलिए, अगर आप नौकरी की तलाश में हैं या भविष्य में आवेदन करना चाहते हैं, तो सिबिल स्कोर को सुधारना और मेंटेन रखना अब पहले से कहीं अधिक जरूरी हो गया है।