CIBIL Score : ओह तेरी ! पहले क्यों नहीं पता थी ये बात
CIBIL Score : अगर आप लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई कर रहे हैं तो आपका CIBIL Score बेहद अहम होता है। CIBIL कंपनी ने खुद बताया है कि यह स्कोर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री, लोन रिपेमेंट, क्रेडिट कार्ड उपयोग और अन्य वित्तीय गतिविधियों के आधार पर तय किया जाता है। बेहतर स्कोर से लोन मिलने में आसानी होती है, जबकि कम स्कोर से दिक्कत आ सकती है। नीचे जानिए पूरी डिटेल।

Haryana Update : जब भी आप Loan लेने Bank जाते हैं, तो सबसे पहले आपका Credit Score (CIBIL Score) (CIBIL Score) चेक किया जाता है। इसे Credit Score (CIBIL Score) भी कहा जाता है, जो आपकी वित्तीय स्थिति का रिपोर्ट कार्ड होता है। यह Score 300 से 900 के बीच होता है, लेकिन 750 या उससे ऊपर का Score अच्छा माना जाता है। अगर आपका Score कम है, तो Loan मिलने में दिक्कत आ सकती है।
कैसे किया जाता है Credit Score (CIBIL Score) का कैलकुलेशन?
Credit Score (CIBIL Score) को मुख्य रूप से 4 बड़े फैक्टर्स के आधार पर तय किया जाता है। अगर आप इन बिंदुओं का ध्यान रखेंगे, तो आपका Credit Score (CIBIL Score) बेहतर बना रहेगा।
1. पेमेंट हिस्ट्री का असर
आपकी पेमेंट हिस्ट्री (Payment History) Credit Score (CIBIL Score) का सबसे अहम हिस्सा होती है। इसमें देखा जाता है कि आपने कितनी बार समय पर अपनी EMI या अन्य भुगतान किए हैं। अगर किसी भी EMI का भुगतान देर से हुआ है या किस्त बाउंस हुई है, तो इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। Credit Score (CIBIL Score) की गणना में पेमेंट हिस्ट्री का योगदान 30% होता है।
2. Credit एक्सपोजर की भूमिका
Credit एक्सपोजर (Credit Exposure) का मतलब यह होता है कि आपके नाम पर कुल कितना कर्ज (Loan) चल रहा है और आपने उसमें से कितना इस्तेमाल किया है। अगर आप अपने Credit लिमिट का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, तो यह Credit Score (CIBIL Score) को प्रभावित कर सकता है। इस फैक्टर की हिस्सेदारी 25% होती है।
3. सेक्योर्ड और अनसेक्योर्ड Loan का प्रभाव
Credit Score (CIBIL Score) तय करने में यह भी देखा जाता है कि आपके पास कितने सेक्योर्ड (Secured Loan) और अनसेक्योर्ड Loan (Unsecured Loan) हैं। होम Loan या कार Loan जैसे सिक्योर्ड Loan का प्रभाव सकारात्मक होता है, जबकि Credit कार्ड Loan या पर्सनल Loan जैसे अनसेक्योर्ड Loan की अधिकता से Credit Score (CIBIL Score) कम हो सकता है। इस फैक्टर का प्रभाव 25% तक होता है।
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4. अन्य वित्तीय गतिविधियां
Credit Score (CIBIL Score) की गणना में बाकी बचा 20% हिस्सा आपकी अन्य वित्तीय गतिविधियों पर निर्भर करता है। इसमें यह देखा जाता है कि आपने हाल ही में कितने Loan लिए हैं, कितने Loan अकाउंट खोले और बंद किए गए हैं, और आपका Credit यूटिलाइजेशन रेश्यो (Credit Utilization Ratio) कितना है। Credit यूटिलाइजेशन रेश्यो 30-40% से अधिक नहीं होना चाहिए, वरना यह Score पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
Credit Score (CIBIL Score) बनाए रखने के लिए क्या करें?
अगर आप चाहते हैं कि आपका Credit Score (CIBIL Score) अच्छा बना रहे, तो समय पर Loan की EMI चुकाएं, अनसेक्योर्ड Loan लेने से बचें, और अपनी Credit लिमिट का 30-40% से ज्यादा उपयोग न करें। इससे भविष्य में Loan लेने में आसानी होगी और आपको कम ब्याज दर पर Loan मिल सकता है।