Business News: गुटखा और तंबाकू बनाने वाली कंपनियों के बदले नियम, नहीं तो भरना पड़ सकता है 1 लाख रुपये तक का जुर्माना
Business News: गुटखा और तंबाकू बनाने वाली कंपनियों को अपनी हर मशीन जीएसटी अधिकारियों के पास रजिस्टर्ड करवानी होगी। अप्रैल से प्रत्येक गैर-रजिस्टर्ड मशीन के लिए ₹1 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा।
1 अप्रैल से 1 लाख रुपये जुर्माना
प्रत्येक गैर-रजिस्टर्ड मशीन के लिए ₹1 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा। कुछ स्थितियों में गैर-अनुपालन वाली मशीनों को जब्त किया जा सकता है। जीएसटी काउंसिल ने पिछले साल तंबाकू निर्माताओं द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली मशीनों को रजिस्टर्ड करने के लिए एक विशेष प्रक्रिया की सिफारिश की थी। मौजूदा और नई लगी मशीनों का विवरण, उनकी पैकिंग क्षमता सहित फॉर्म जीएसटी एसआरएम-आई में देना होगा। हालांकि, ऐसा करने में विफल रहने पर कोई दंड की घोषणा नहीं की गई है।
पहले नहीं था जुर्माने का प्रावधान
राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि जीएसटी परिषद ने पहले पान मसाला, गुटखा और इसी तरह के उत्पादों में उपयोग होने वाली मशीनों को उनकी उत्पादन क्षमता की निगरानी के लिए पंजीकृत करने का निर्णय लिया था। उन्होंने कहा, "हालांकि, अगर वे पंजीकरण करने में विफल रहे तो कोई जुर्माना नहीं था। इसलिए, काउंसिल ने फैसला किया कि कुछ दंड होना चाहिए। इसलिए वित्त विधेयक में आपको मशीनों को पंजीकृत नहीं करने के लिए एक लाख रुपये तक का जुर्माना देखने को मिलता है।"
काउंसिल ने दी थी पैनल की रिपोर्ट को मंजूरी
पिछले साल फरवरी में जीएसटी परिषद ने पान मसाला और गुटखा उद्योगों में टैक्स चोरी को रोकने पर राज्य के वित्त मंत्रियों के एक पैनल की रिपोर्ट को मंजूरी दी थी। जीओएम ने सिफारिश की थी कि राजस्व के पहले चरण के कलेक्शन को बढ़ावा देने के लिए पान मसाला और चबाने वाले तंबाकू उत्पादों पर मुआवजा उपकर लगाने की व्यवस्था को यथामूल्य से एक विशिष्ट दर-आधारित शुल्क में बदला जाए।
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