Budget 2025: क्या इस बार मिडिल क्लास को मिलेगा टैक्स में बड़ा फायदा? जानें
Budget 2025 में मिडिल क्लास को लेकर बड़ी उम्मीदें जताई जा रही हैं। इस बार टैक्स में कुछ अहम बदलाव हो सकते हैं, जिससे मिडिल क्लास को फायदा मिल सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, टैक्स स्लैब में बदलाव या नई छूट की उम्मीद है, जो उनकी वित्तीय स्थिति को बेहतर बना सकती है। जानें, मिडिल क्लास के लिए क्या हो सकते हैं खास फायदे और किस प्रकार के बदलाव की उम्मीद है। पूरी जानकारी के लिए नीचे पढ़ें।
वर्तमान बजट चर्चाएँ:
- टैक्स स्लैब में बदलाव और नई राहत की उम्मीदें हैं।
- टैक्स कानूनों में सुधार की चर्चा, ताकि प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी बनाया जा सके।
विशेषज्ञों की राय:
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आशीष अग्रवाल (Dhruva Advisors):
- उन्होंने कहा कि TDS और TCS के जटिल प्रावधानों को सरल बनाने की आवश्यकता है।
- मेक-इन-इंडिया को बढ़ावा देने के लिए 15% की रियायती कॉरपोरेट टैक्स दर को अगले पांच साल तक बढ़ाने का सुझाव दिया।
- विदेशी टैक्सपेयर्स के लिए ई-फाइलिंग और टैक्स रिफंड की प्रक्रिया को सरल बनाने का सुझाव।
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सुधीर कौशिक (Taxspanner):
- सीनियर सिटीजन्स के लिए टैक्स छूट की उम्र 75 से घटाकर 70 साल करने का सुझाव दिया।
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शेफाली मुंद्रा (ClearTax):
- सेक्शन 80D में बदलाव की संभावना, स्वास्थ्य बीमा पर टैक्स छूट सीमा को ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1,00,000 करने की संभावना।
- होम लोन ब्याज छूट को ₹2 लाख से बढ़ाकर ₹3 लाख करने का सुझाव।
- सेक्शन 80C की सीमा को बढ़ाकर और टैक्स-सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे निवेशों को बढ़ावा देने की उम्मीद।
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अग्रवाल और कौशिक ने टैक्स स्लैब में बदलाव की बात की है:
- प्रस्तावित टैक्स स्लैब में 5 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं, 5–7 लाख रुपये पर 5%, 7–10 लाख रुपये पर 10% और 12–15 लाख रुपये पर 20% टैक्स के प्रस्ताव दिए गए हैं।
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अधिकारियों के अनुसार:
- कॉर्पोरेट टैक्स रेट में कोई बड़ी वृद्धि की संभावना नहीं है, लेकिन सरकार उत्पादन और अनुसंधान के लिए प्रोत्साहन देने की दिशा में कदम उठा सकती है।
क्या हो सकते हैं टैक्स स्लैब में बदलाव?
- वर्तमान टैक्स स्लैब में ₹3 लाख तक कोई टैक्स नहीं, लेकिन इसके ऊपर स्लैबों में कुछ राहत की संभावना है।
- प्रस्तावित टैक्स स्लैब में 5 लाख रुपये तक टैक्स नहीं लगाने का सुझाव, जिससे आम आदमी को राहत मिल सकती है।
निष्कर्ष:
बजट 2025 के दौरान टैक्स सुधारों की दिशा में व्यापक बदलाव और सरलता की उम्मीद है। आयकर स्लैब में प्रस्तावित राहत और कृषि क्षेत्र और कॉर्पोरेट टैक्स के लिए विशेष घोषणाएं अर्थव्यवस्था को सशक्त करने में मदद कर सकती हैं।