Share Market Knowledge : शेयर्स की गिरावट से बचने के लिए 5 टिप्स! नहीं खाएंगे धोखा
Haryana Update, Investment Tips : शेयर बाजार में निवेश करने वाले अधिकांश लोगों का मानना है कि उनका भाग्य बहुत बुरा है। जब वे स्टॉक खरीदते हैं, भाव गिरने लगता है। यह स्पष्ट है कि शेयर बाजार हमें ही लक्ष्य कर रहा है और हमें ही बचाने के लिए है! क्या आप भी इसी तरह सोचते हैं? यदि आप ऐसा करते हैं, तो ये लेख आपकी बहुत कुछ जानेंगे। क्या आप जानेंगे कि ऐसा क्यों होता है?
शेयर बाजार में निवेश करने वालों को सबसे पहले बाजार की प्रक्रिया को समझना चाहिए। इसका संचालन कौन करता है? रोजाना शेयर बाजार में लाखों करोड़ रुपये की कमाई कौन करता है? शेयर बाजार को चलाने वाले लोग हम और आप जैसे रिटेल निवेशक नहीं हैं। इसके बाद कौन हैं? दरअसल, शेयर बाजार में बड़े निवेशक (विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs), घरेलू संस्थागत निवेशक (DIIs), और बड़े पैसे वाले इंडिविजुअल्स) और रिटेल या छोटे निवेशक शामिल हैं। दोनों निवेशकों में सबसे बड़ा अंतर पैसा है। जबकि संस्थागत निवेशकों के पास लाखों करोड़ों रुपये का धन होता है, एक रिटेल निवेशक कुछ हजार रुपये से लेकर कुछ लाख रुपये लेकर शेयर बाजार में आता है। वास्तव में, यह स्मार्ट मनी है जो बाजार को चलाती है।
ऐसे होता है असली खेल?
बड़े निवेशकों को कंपनियों के अंदर की जानकारी से लेकर अधिक रिसर्च और बेहतर एनालिसिस मिलता है। इस सारे काम के लिए उनके पास बड़ी टीम है, जो अच्छी सैलरी पाती है। बड़े निवेशक जब कोई शेयर गिर जाता है तो वहां पैसा डालना शुरू करते हैं। शेयर की कीमत धीरे-धीरे बढ़ने लगती है। दूसरे लेवल के बड़े निवेशक, जो करोड़ों रुपये के मालिक हैं, इसके बाद धन लगाना शुरू करते हैं। इन्हें भी बेहतर एनालिसिस मिलता है। इन दोनों में पैसा लगाने के बाद शेयर बहुत बढ़ जाता है। टीवी चैनल्स और अखबार चर्चा करने लगे। यही समय छोटे या रिटेल निवेशक को शेयर के बारे में पता चलता है। चर्चा के कारण छोटे निवेशकों को भी यह शेयर आकर्षित करने लगता है। यही समय है जब छोटे निवेशक अपने पैसे लगाते हैं। उन्हें लगता है कि यह शेयर जल्द ही महान हो जाएगा। भाव जैसे-जैसे रिटेल ट्रेडर शेयर खरीदते हैं, उच्च होने लगता है।
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डिमांड एंड सप्लाई का चक्र
इस प्रश्न के जवाब में, कोरा (Quora) पर मौजूद एक ट्रेडर ने इसी तरह की जानकारी दी है। जय हयूर नामक वित्तीय विश्लेषक का कहना है कि जब रिटेल ट्रेडर निवेश करता है, भाव ऊपर आ जाता है। यहां आने के बाद बड़े निवेशकों को, जो नीचे के लेवल से स्टॉक खरीदते हैं, अच्छा लाभ दिखाई देता है। यहीं से लोगों का प्रॉफिट बुकिंग शुरू होता है। जैसे-जैसे वे पैसे निकालते हैं, शेयर की कीमत गिरने लगती है। उनके पास इतने अधिक शेयर हैं कि रिटेल निवेशक उनकी सप्लाई को पूरा नहीं कर सकते, इससे भाव गिरता है। यहां सप्लाई और डिमांड का नियम भी लागू होता है। खरीदने वाले कम होते हैं जब बेचने वाले (सप्लाई) कम होते हैं। यह सौदा केवल बड़े संस्थागत निवेशकों को खुश करता है। जब बाजार ऊपर जाता है, डिमांड बढ़ने लगती है. बड़े निवेशक पूरी डिमांड सोखने के बाद बेचने लगते हैं। इसी तरह यह चक्र चलता रहता है।
तो छोटे निवेशक करें तो क्या करें?
यदि आप एक छोटे से निवेशक हैं, तो कुछ उपायों से बच सकते हैं। शेयर बाजार में पैसा कमाने के लिए आपको बस कुछ नियमों का पालन करना होगा। ये नियम हैं:
1. FOMO लहर में शेयर न खरीदें: FOMO का अर्थ है फाइट ऑफ मिसिंग आउट। छोटे निवेशकों को लगता है कि उन्हें जल्दी से पैसा लगाना चाहिए जब शेयरों का हल्ला मचता है। बाजार में शेयर कभी देर नहीं होती। आपको फोमो को अपने दिमाग से बाहर निकालकर धीरे-धीरे पैसे कमाने की कोशिश करनी चाहिए।
2. पेशेंस रखना जरूरी : एक बार पैसा डालने के बाद आपको आश्वस्त रहना चाहिए। 2 से 3 साल तक भूल जाना चाहिए। रातों-रात शेयरों की गिरावट और उछाल से आपको लाभ नहीं मिलेगा।
3. पैसा वही लगाएं, जो बफर में हो : आपके बफर में मौजूद धन को शेयर बाजार में लगाना चाहिए। पैसे, जिनकी आपको निकट भविष्य में जरूरत नहीं होगी। उधार लेकर कभी पैसा नहीं लगाना चाहिए।
4. बड़े प्रॉफिट के लिए बैठें : जब छोटे निवेशकों को कुछ लाभ मिलने लगता है, तो वे शेयर बेचकर निकल जाते हैं, जबकि लॉस होने लगता है। छोटे निवेशकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे कमाई करते रहेंगे और कमाई करते रहेंगे।
5. टिप्स के झांसे में न आएं : दैनिक रूप से उपलब्ध टिप्स पर भरोसा नहीं करना चाहिए। यदि आप शेयर बाजार में कुछ भी नहीं जानते हैं, तो निवेश से पहले एक सर्टीफाइड निवेशक से बात करना चाहिए।
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