Haryana Update: योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में नए राजमार्ग बनाकर कनेक्टिविटी को बढ़ाया है। अब इन राजमार्गों के किनारे एक औद्योगिक केंद्र बनाने और उसे औद्योगिक गलियारे में बदलने का भी विचार है। सीएम योगी के निर्देश पर यूपीडा (उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण) ने औद्योगिक केंद्रों के लिए जगहों का चयन किया है। योजना के अनुसार, यूपीडा राज्य में पांच राजमार्गों के किनारे औद्योगिक केंद्र बनाएगा। इनमें आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे और गंगा एक्सप्रेस-वे हैं। योगी सरकार की अनुमानित लागत 7,000 करोड़ रुपये होगी।
सात जिलों को जोड़ने वाले बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे पर भी छह स्थानों का नामकरण किया गया है। 1884 हेक्टेयर की जमीन पर 1500 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने का अनुमान है।
30 स्थानों और 5800 हेक्टेयर से अधिक जमीन का नामांकन
ऐसा ही आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जुड़े दस जिलों में पांच स्थान चुने गए हैं। इसका क्षेत्रफल 532 हेक्टेयर है और इसके विकास पर लगभग 650 करोड़ रुपये खर्च होंगे। दूसरी ओर, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर 1586 हेक्टेयर के प्रस्तावित क्षेत्र के साथ नौ जिलों को जोड़ने वाले औद्योगिक गलियारे के लिए पांच स्थानों का चयन किया गया है, जिसका अनुमानित खर्च 2,300 करोड़ रुपये होगा। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पांचवां और अंतिम राजमार्ग है। इसके चार जिलों में दो जगहों को औद्योगिक केंद्रों के लिए चुना गया है, जिनका अनुमानित व्यय 320 करोड़ रुपये है और 345 हेक्टेयर का क्षेत्रफल है। कुल मिलाकर, इन पांच राजमार्गों पर ३० स्थानों का पता लगाया गया है, जिनका क्षेत्रफल 5800 हेक्टेयर से अधिक है।
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यूपीडा की सभी 30 जगहों से जुड़े 108 गांवों को राज्य सरकार ने अधिसूचित किया है। भूमि खरीदने के लिए भी छह जिला कलेक्टरों को 200 करोड़ रुपये दिए गए हैं। साथ ही, बुंदेलखंड औद्योगिक प्राधिकरण को जमीन खरीदने के लिए ₹1500 करोड़ देने का आदेश दिया गया है। वर्तमान में, राज्य स्तर पर जमीन खरीदने के लिए दरें निर्धारित की जा रही हैं।
उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा राजमार्ग हैं