World Yoga Day: हर साल 21 जून को क्यों मनाया जाता है विश्व योग दिवस, जानिए...
World Yoga Day: भगवान शंकर को आदियोगी यानी विश्व का पहला योगी कहा जाता है। वे हमेशा योग मुद्रा में लीन रहते हैं। भारत के चारों वेदों और उपनिषदों में योग की महिमा का वर्णन किया गया हैं।

Haryana Update: आज विश्वभर में तमाम देश शुक्रवार को यानि 21 जून को दसवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रहे हैं। योग दिवस पर देशभर में जगह जगह योग शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। यह भारत की वह अनमोल धरोहर है, जिसकी खुशबू धीरे-धीरे अब पूरी दुनिया में फैल रही है। दुनिया के तमाम देशों में योग कार्यक्रम हो रहे हैं। दुनिया भर में फैले भारतीय दूतावासों और उच्चायोग भी बड़े पैमाने पर योग को प्रोत्साहित करने वाले कार्यक्रम करेंगे।
दुनिया के पहले आदियोगी हैं भगवान शंकर
आपको बता दें कि योग अनंतकाल से भारत की संस्कृति का हिस्सा है। भगवान शंकर को आदियोगी यानी विश्व का पहला योगी कहा जाता है। वे हमेशा योग मुद्रा में लीन रहते हैं। भारत के चारों वेदों और उपनिषदों में योग की महिमा का वर्णन किया गया है और इसके अनेक फायदों के बारे में बताया गया है, देश के तमाम योग गुरुओं ने भी देश की इस महान परंपरा को आगे बढ़ाकर विश्व के तमाम देशों में फैलाया, जिसके चलते भारत को योगगुरु का दर्जा मिला.
पीएम मोदी ने रखा योग दिवस का प्रस्ताव
देश की महान परंपरा को वैश्विक बनाने का सराहनीय कार्य साल 2014 में हुआ, जब मोदी देश के प्रधानमंत्री बने. उन्होंने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाषण देते हुए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा। उनके इस प्रस्ताव का 177 देशों ने समर्थन किया। इसके बाद वर्ष 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई। इसी के साथ ही 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का ऐलान कर दिया गया।
21 जून की तिथि ही क्यों तय हुई?
आपको बता दें कि असल में 21 जून उत्तरी गोलार्ध का सबसे लंबा दिन होता है, इसे हम ग्रीष्म संक्रांति कहते हैं। यह वर्ष का सबसे लंबा दिन माना जाता है। इस ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन में इंट्री कर जाता है. दोनों अवधि के बीच के इस समय को योग और अध्यात्म के लिए बहुत ही खास माना जाता है। जिसके अनेक शारीरिक और मानसिक फायदे हैं। यही वजह है कि योग दिवस के लिए 21 जून का दिन तय किया गया