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International Yoga Day: क्यों श्रीनगर डल झील पर ही योग दिवस मनाएंगे पीएम मोदी?

International Yoga Day: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जम्मू-कश्मीर का दौरा है बहुत खास, योग दिवस के जरिए यहां की जनता को दे रहे अहम संदेश

 
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International Yoga Day: लोकसभा चुनाव 2024 में हैट्रिक लगाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने 100 दिन के मिशन में जुट गए हैं. आगामी चुनावों से लेकर अहम फैसलों तक अधिकारियों से लेकर नेताओं और मंत्रियों तक बैठकों के दौर और दौरे शुरू हो चुके हैं. प्रधानमंत्री मोदी खुद इस मिशन को लेकर काफी गंभीर हैं. यही वजह है कि उन्होंने आने वाले इवेंट्स में भी पार्टी के मिशन को जोड़ना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में उन्होंने सरकार संभालते ही पहले किसानों के हित में फैसला लिया, फिर एक विदेश यात्रा के जरिए उन्होंने भारत की ताकत को दिखाने की कोशिश की और इसके बाद उन्होंने बिहार में तीसरे कार्यकाल का पहला दौरा भी किया.

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राजनीतिक दृष्टि से देखें तो पीएम मोदी लगातार वही कदम उठा रहे हैं जिसका आने वाले वक्त में उन्हें फायदा मिल सके. इसी कड़ी में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस भी शामिल है. ये तो सभी जानते हैं सत्ता में आने के बाद से ही योग को लेकर पीएम मोदी का विजन अलग ही रहा है. इसे प्रमोट करने के लिए वह लगातार अलग-अलग जगहों पर योग आसन कर जागरूकता बढ़ाने का काम कर रहे हैं. इस बार भी पीएम मोदी 21 जून को आ रहे इंटरनेशनल योगा डे पर जम्मू-कश्मीर में रहेंगे. इस दौरान वह डल लेक पर योग के आसान लगाएंगे. हालांकि ये सिर्फ योग से जुड़ा इवेंट नहीं बल्कि बड़ा सियासी संकेत भी है. पीएम मोदी ऐसे वक्त पर जम्मू-कश्मीर जा रहे हैं जब यहां लगातार आतंकी हमले हो रहे हैं. यही नहीं इसी वर्ष चुनाव आयोग जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने की बात भी कह चुका है. आइए जानते हैं ऐसे वक्त पर पीएम मोदी के जम्मू-कश्मीर में योग आसन लगाने के क्या हैं मायने. 

जम्मू-कश्मीर के दौरे में छिपा बड़ा संदेश

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूं ही कहीं का दौरा नहीं करते हैं. हर दौरे के पीछे एक वजह होती है. योगा दिवस पर जम्मू-कश्मीर जाने के पीछे भी अहम वजह है. यह वजह है कि यहां की जनता को संदेश देना कि बीजेपी के शासन में घाटी सुरक्षित है, यहां के लालचौक तिरंगा भी फहराया जा सकता है और योग दिवस पर सेहत के लिए योगा आसन भी लगाए जा सकते हैं. 

हालांकि बीते कुछ दिनों से घाटी में आतंकियों की गूंज ने शांति में खलल डालने का काम किया है, लेकिन सेना के जवान और पुलिस ने हर मोर्चे पर इन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया है. फिर चाहे जंगल हों या फिर जमीन का कोई हिस्सा हर कोने में घुसकर जवानों ने इन आतंकियों को खदेड़ा है. यही वजह है कि पीएम मोदी खुद इस बात का संदेश देंगे कि यहां पर हर कोई सुरक्षित है सुरक्षा व्यवस्था भी चाक चौबंद है. 

आतंकियों को भी चेतावनी
पीएम मोदी की विजिट से आतंकियों को भी सीधी चेतावनी मिलेगी कि देश का प्रधान भी यहां दौरा कर रहा है लिहाजा इस जगह पर अशांति फैलाना उन्हें काफी महंगा पड़ सकता है. हालांकि पीएम के दौरे से पहले भी यहां पर पहले के मुकाबले अब काफी शांति बहाल हो चुकी है. लोग न सिर्फ इंटरनेट सुविधा का लाभ ले रहे हैं बल्कि कोराबारी दृष्टि से भी जम्मू-कश्मीर में काफी बदलाव देखने को मिले हैं. धारा 370 हटने के बाद यहां की फिजा काफी बदल चुकी है. 

हमलों के बीच अमरनाथ यात्रा की तैयारी

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पीएम मोदी के दौरा ऐसे वक्त पर भी हो रहा है जब जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा शुरू होना है. यात्रा की तारीख 29 जून है. यानी यात्रा से ठीक पहले पीएम मोदी यहां पहुंचकर ये भी संदेश देना चाहते हैं कि सबकुछ ठीक है और इस बार भी यात्रा को सुरक्षित तरीके से ही आयोजित किया जाएगा. इसको लेकर दिल्ली में केंद्रीय स्तर पर बैठकों का दौर चल रहा है. 

खुद गृहमंत्री अमित शाह ने भी हाल में एक बैठक की और यात्रा को लेकर जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा इंतजामों पर समीक्षा बैठक की. उन्होंने पीएम मोदी के दौरे से पहले ही चप्पे-चप्पे की सुरक्षा व्यवस्था का भी रोडमैप बड़े अधिकारियों से मांगा. बता दें कि बीते वर्ष 4.28 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने अमरनाथ यात्रा की थी. इस यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए 500 कंपनियां तैनात की जा रही हैं. खुद पीएम मोदी ने भी 13 जून को इस यात्रा को लेकर अहम बैठक की थी. 

चुनाव और पर्यटन भी केंद्र
पीएम मोदी के जम्मू-कश्मीर पहुंचने के पीछे दो और बड़ी वजह हैं. पहली आगामी विधानसभा चुनाव. बीजेपी को उम्मीद है कि धारा 370 हटाए जाने का उनकी पार्टी को फायदा मिलेगा. इसके साथ ही लोकसभा के रिजल्ट भी पार्टी के लिए सकारात्मक संदेश बना रहे हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला ही लोकसभा चुनाव में अपनी सीट नहीं बचा पाए जो बताता है कि घाटी में लोग क्या चाहते हैं. ऐसे में पीएम मोदी का दौरा बीजेपी के लिए जमीन तैयार करने में मददगार साबित हो सकता है. इसके साथ पीएम मोदी ने जहां-जहां दौरा किया वहां पर्यटन को बढ़ावा मिला. फिर चाहे वह लक्ष्यद्वीप हो या फिर कन्याकुमारी का द रॉक मेमोरियल. हर जगह उनकी विजिट के बाद से ही लोगों का हुजूम यहां पहुंचने लगा है.

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