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Army Canteen में क्यों मिलता है इतना सस्ता सामान, जानिए...

Army Canteen: जो आम लोगों को भी उपलब्ध हैं। सेना के अधिकारी और जवान इनका उपयोग करके कैंटीन से सामान खरीद सकते हैं। स्मार्ट कार्ड दो तरह के होते हैं। दो कार्ड हैं: एक ग्रॉसरी कार्ड और दूसरा लिकर कार्ड।

 
Army Canteen
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Haryana Update: आपको बता दें, की आर्मी कैंटीन के बारे में आपने अक्सर सुना होगा, जहां सामान बहुत सस्ता है। आर्मी कैंटीन से घरेलू सामान, कपड़े, जूते और घड़ियां खरीदने के लिए कई लोग उत्सुक हैं। सेना के जवानों और वरिष्ठ अफसरों ही इस कैंटीन का उपयोग कर सकते हैं।

 क्या आप जानते हैं कि आर्मी कैंटीन में सामान की कीमत बाजार की कीमत से कम क्यों है? सेना के जवानों को यहां उपलब्ध उत्पाद बहुत कम मूल्य पर मिलते हैं, यह एक महत्वपूर्ण कारण है।

भारतीय सेना के कैंटीन स्टोर डिपार्टमेंट (CSD) में सेवारत और सेवानिवृत्त जवानों को अच्छी कीमतों पर सामान मिलता है। 1 करोड़ 30 लाख से अधिक युवा और उनके परिवारों को सीएसडी का लाभ मिल रहा है।
 
आर्मी कैंटीन की शुरुआत कब हुई?
1948 में कैंटीन स्टोर डिपार्टमेंट (CSD) का गठन हुआ। दैनिक जीवन के आवश्यक सामान यहाँ उपलब्ध हैं। इनमें ग्रॉसरी से लेकर कपड़े, जूते और इलेक्ट्रॉनिक सामान तक बहुत कुछ है। सेना के जवान ही सीएसडी स्टोर चलाते हैं, जो सभी महत्वपूर्ण सैनिक अड्डों पर खुले हुए हैं। CSD डिपो देश भर में कई मिलिट्री स्टेशन पर हैं। देश में लगभग 3700 रन कैंटीन हैं।
 
आर्मी कैंटीन में सामान खरीदने के लिए सैनिकों को स्मार्ट कार्ड मिलते हैं, जो आम लोगों को भी उपलब्ध हैं। सेना के अधिकारी और जवान इनका उपयोग करके कैंटीन से सामान खरीद सकते हैं। स्मार्ट कार्ड दो तरह के होते हैं। दो कार्ड हैं: एक ग्रॉसरी कार्ड और दूसरा लिकर कार्ड।

किराने का सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद आदि खरीदने के लिए एक स्थान है जो ग्रासरी कार्ड का उपयोग करता है। विपरीत, लिकर कार्ड का उपयोग करके शराब की खरीद की जाती है। सेना के जवानों ही यहां से सामान खरीद सकते हैं, इसलिए आम लोग इससे खरीद नहीं सकते।

आर्मी कैंटीन में इतना सस्ता सामान क्यों मिलता है? मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सरकार सीएसडी कैंटीन में मिलने वाले उत्पादों पर जीएसटी में पचास प्रतिशत की छूट देती है। इसलिए यहां सामान सस्ता है। सेना के हर जवान को यहां से कुछ खरीदने की सीमा है, इससे ज्यादा नहीं खरीद सकते।