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क्या है IDV ? Car Insurance लेने से पहले जान लें

अगर आप भी Car इंश्योरेंस लेने जा रहे हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद खास होने वाली है यदि आपको गाड़ी चलानी है तो तो आपके पास इंश्योरेंस पॉलिसी होना बहुत जरूरी है वहां का बीमा करवाते समय idv का उपयोग किया जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह क्या है
 
Car Insurance लेने से पहले जान लें क्या है IDV ?

Haryana Update : Car डैमेज या चोरी हो जाए तो Insurance से इसकी भरपाई हो जाती है. मगर Insurance कंपनी आपके नुकसान की किस हद तक भरपाई करेगी, ये चीज कैसे तय होगी? जब हम Car Insurance लेते हैं तो आपने आईडीवी (IDV) के बारे में जरूर सुना होगा. पॉलिसी खरीदते समय आईडीवी (IDV) पर ध्यान देना बहुत जरूरी है, क्योंकि इसी से तय होता है कि आपको Car की कितनी वैल्यू मिलेगी. आईडीवी (IDV) का मतलब इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू होता है. यह Car डैमेज या चोरी होने पर आपको ज्यादा से ज्यादा मिलने वाली रकम होती है.


आईडीवी (IDV) इसलिए जरूरी है क्योंकि इससे आपको यह जानने में मदद मिलती है कि नुकसान या चोरी की स्थिति में आपको कितनी राशि मिलेगी. अगर आप कम आईडीवी (IDV) चुनते हैं, तो आप Insurance कंपनी से Car के नुकसान या चोरी होने की हालत में उचित भरपाई नहीं ले पाएंगे. इससे आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है.
 
आईडीवी (IDV) कैसे तय होता है?

आईडीवी (IDV) कई चीजों के आधार पर तय किया जाता है-

गाड़ी का मॉडल और वेरिएंट: महंगे मॉडलों और वेरिएंट्स का आईडीवी (IDV) ज्यादा होगा.
गाड़ी का रजिस्ट्रेशन ईयर: पुराने गाड़ियों का आईडीवी (IDV) कम होगा.

गाड़ी का IDV: आईडीवी (IDV) तय करते समय इंजन कैपेसिटी, माइलेज, और दूसरे फीचर्स को भी ध्यान में रखा जाता है.

मर्केट वैल्यू: आईडीवी (IDV) तय करते समय गाड़ी की मौजूदा मार्केट वैल्यू भी ध्यान में रखी जाता है.

आईडीवी (IDV) चुनते समय इन बातों का ध्यान रखें

आईडीवी (IDV) चुनते समय अपनी Car की मौजूदा मार्केट वैल्यू को ध्यान में रखें. आईडीवी (IDV) को बहुत कम या बहुत ज्यादा नहीं रखना चाहिए. इसके अलावा आपको अपनी जरूरत और बजट पर भी फोकस करना है. जो आपके बजट, जरूरत और मार्केट वैल्यू के अनुसार सही लगे उसी हिसाब आईडीवी (IDV) को चुनना चाहिए.
 
कहीं हो ना जाए नुकसान

अगर आपकी Car को इस तरह का नुकसान पहुंचा है जो रिपेयर होने से ज्यादा है तो आपको Car की आईडीवी (IDV) के अनुसार रकम मिल जाएगी. अगर आप ज्यादा आईडीवी (IDV) चुनेंगे तो महंगा प्रीमियम भरना पड़ेगा. वहीं, कम आईडीवी (IDV) लेने से मुआवजा कम हो जाएगा. इसलिए आपको एक बैलेंस आईडीवी (IDV) चुननी चाहिए, ताकि फ्यूचर में नुकसान ना उठाना पड़े.
 

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