UP News : जन्म प्रमाण पत्र को लेकर सरकार ने किया बड़ा बदलाव, अब सीधे होगा ये काम
प्रदेश के अस्पतालों में जन्म लेने वाले बच्चों को 'मां नवजात ट्रैकिंग सिस्टम एप', जिसे मंत्रा भी कहते हैं, के माध्यम से तुरंत जन्म प्रमाण पत्र मिलेगा। इसके लिए एप को सीआरएस पोर्टल से जोड़ा जा रहा है। इस्तेमाल प्रदेश के लगभग एक हजार अस्पतालों में शुरू किया गया है। इसे जल्द ही सभी अस्पतालों में लागू किया जाएगा।
जन्म लेने वाले बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में ही बनाया जाता है। इसके लिए अस्पताल अधीक्षक के हस्ताक्षर वाले प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं। अब इसे डिजिटलाइज्ड सीआरएस पोर्टल से जोड़ा जा रहा है। ऐसे बच्चों को तुरंत प्रमाण पत्र मिलेगा।
प्रमाण पत्र पर डिजिटल हस्ताक्षर होगा। यह भी सीआरएस पोर्टल पर तुरंत अपडेट होगा। स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मंत्रा एप पहले से काम कर रहा है। इसे बेहतर बनाया जा रहा है। आशा कार्यकत्री अभी मां नवजात ट्रैकिंग एप से घर-घर जाकर परिवार कल्याण संबंधी डाटा अपडेट करती हैं।
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मंत्रा ऐप को पुरस्कार मिल चुका है-
केंद्र सरकार की ई-गर्वनेंस स्कीम के तहत प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने मंत्रा एप को सिल्वर अवार्ड दिया है। केंद्र सरकार की डिजीटल ट्रांसफॉर्मेशन योजना के अन्तर्गत कैटेगरी-1 में यह पुरस्कार दिया गया है। मंत्रा एप से सभी प्रसव सुविधाओं की जानकारी आसानी से मिलती है, साथ ही किस केंद्र पर कितना प्रसव हुआ है।
इसके माध्यम से संबंधितों को नवजात शिशु के जन्म, टीकाकरण और जन्म से जुड़े अन्य मुद्दों को संभालना भी सिखाया गया। इसके परिणामस्वरूप गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े आंकड़े डिजिटल हो गए हैं। गर्भवती महिला को एडमिट करते समय स्टाफ नर्स उसके स्वास्थ्य की स्थिति, उपचार और एडमिशन का समय बताते हैं। इससे शिशु और मां का ट्रैक करना आसान हो गया है।