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UP News: हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, पुरानी पेंशन मामले में यूपी कर्मचारियों की माँगे होगी पूरी

UP News: यूपी हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए शिक्षकों और कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना से लाभ लेने का अधिकार दिया है। यह निर्णय उन कर्मचारियों के लिए लागू होता है जिनकी भर्ती 1 अप्रैल 2005 से पहले हुई थी लेकिन बाद में नियुक्त हुए।

 
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UP News: यूपी हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए शिक्षकों और कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना से लाभ लेने का अधिकार दिया है। यह निर्णय उन कर्मचारियों के लिए लागू होता है जिनकी भर्ती 1 अप्रैल 2005 से पहले हुई थी लेकिन बाद में नियुक्त हुए।

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यूपी हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए शिक्षकों और कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना से लाभ लेने का अधिकार दिया है। यह निर्णय उन कर्मचारियों के लिए लागू होता है जिनकी भर्ती 1 अप्रैल 2005 से पहले हुई थी लेकिन बाद में नियुक्त हुए।

निर्णय का परिचय

उपरोक्त फैसले के तहत 1 अप्रैल 2005 से पहले चुने गए लेखपालों को पूर्ववर्ती पेंशन स्कीम का लाभ मिलेगा। हाई कोर्ट ने शून्य में यह फैसला सुनाया है, जो साबित करता है कि सरकार ने उन कर्मचारियों की मांगों को समझते हुए सही निर्णय लिया है।

शिक्षकों और स्टाफ की मांग

हाई कोर्ट के निर्णय के बाद, लेखपाल एसोसिएशन और अन्य संस्थाओं ने कहा कि चयनित लेखपालों को भी ओपीएस का लाभ मिलना चाहिए क्योंकि वे 2005 से पहले चुने गए थे और 1 अप्रैल, 2005 के बाद नियुक्त किए गए थे। हालाँकि, इन कर्मचारियों को पूर्ववर्ती पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल सका, क्योंकि राज्य सरकार ने अप्रैल 2005 से नई पेंशन योजना लागू की।

कर्मचारियों की मांगें

कर्मचारी याचिकाकर्ताओं ने नई पेंशन योजना के तहत वेतन से कटौती को ओपीएस के तहत जीपीएफ में समायोजित करने की भी मांग की है। यह मांग भी फैसले को समर्थित करती है और कर्मचारियों ने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए कड़ी मेहनत की है।

मामला कोर्ट में कैसे आया?

इस मामले में लेखपाल संघ और अन्य संगठनों ने दावा किया कि उनका चयन 2005 से पहले हुआ था, लेकिन 1 अप्रैल 2005 के बाद नियुक्ति मिली। परिणामस्वरूप, उच्च न्यायालय ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया, जो कर्मचारियों को उनके अधिकारों का लाभ देने का सही और कारगर उपाय है।

उपरोक्त फैसले के तहत 1 अप्रैल 2005 से पहले चुने गए लेखपालों को पूर्ववर्ती पेंशन स्कीम का लाभ मिलेगा। हाई कोर्ट ने शून्य में यह फैसला सुनाया है, जो साबित करता है कि सरकार ने उन कर्मचारियों की मांगों को समझते हुए सही निर्णय लिया है।

शिक्षकों और स्टाफ की मांग

हाई कोर्ट के निर्णय के बाद, लेखपाल एसोसिएशन और अन्य संस्थाओं ने कहा कि चयनित लेखपालों को भी ओपीएस का लाभ मिलना चाहिए क्योंकि वे 2005 से पहले चुने गए थे और 1 अप्रैल, 2005 के बाद नियुक्त किए गए थे। हालाँकि, इन कर्मचारियों को पूर्ववर्ती पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल सका, क्योंकि राज्य सरकार ने अप्रैल 2005 से नई पेंशन योजना लागू की।

कर्मचारियों की मांगें

कर्मचारी याचिकाकर्ताओं ने नई पेंशन योजना के तहत वेतन से कटौती को ओपीएस के तहत जीपीएफ में समायोजित करने की भी मांग की है। यह मांग भी फैसले को समर्थित करती है और कर्मचारियों ने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए कड़ी मेहनत की है।

मामला कोर्ट में कैसे आया?

इस मामले में लेखपाल संघ और अन्य संगठनों ने दावा किया कि उनका चयन 2005 से पहले हुआ था, लेकिन 1 अप्रैल 2005 के बाद नियुक्ति मिली। परिणामस्वरूप, उच्च न्यायालय ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया, जो कर्मचारियों को उनके अधिकारों का लाभ देने का सही और कारगर उपाय है।

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