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Blue Aadhar Card बनवाने के लिए करना होगा ये छोटा सा काम

आज के टाइम में आधार कार्ड होना बहुत ही जरूरी है आधार कार्ड से हर तरह की सुविधा मिलती है तथा आधार कार्ड के बिना कोई भी काम नहीं होता है एक सामान्य आधार कार्ड के अलावा एक ब्लू कार्ड भी बनाया जाता है जानिए ब्लू आधार कार्ड बनवाना क्यों जरूरी है
 
Blue Aadhar Card बनवाने के लिए करना होगा ये छोटा सा काम 

Haryana Update : देश में Aadhar card तो लगभग सभी लोगों ने बनवा रखा होगा। शायद ही कुछ ही लोग होंगे, जिन्‍होंने Aadhar card अभी तक नहीं बनवाया होगा। सामान्‍य Aadhar card के अलावा एक Blue Aadhar Card भी होता है।

इसे बनवाना भी जरूरी होता है। यह Aadhar card क्‍यों बनता है, किसके लिए जरूरी होता है और न बनवाने में क्‍या नुकसान हो सकता है। जिस तरह बड़ों का Aadhar card बनता है, उसी तरह पांच वर्ष से कम उम्र के बच्‍चों का भी Aadhar card बनता है। इस Aadhar card को Blue Aadhar Card कहते हैं। इसे बनवाना जरूरी होता है।

Blue Aadhar Card बनवाने का तरीका बहुत ही आसान है। पांच वर्ष से कम के बच्‍चों का बायोमेट्रिक नहीं होता है। कार्ड में फोटो जरूरत नहीं होती है। बच्‍चे को आधार केन्‍द्र ले जाने की आवश्‍यकता नहीं है। नवजात या पांच वर्ष से कम बच्‍चों के Aadhar card के लिए केवल बर्थ Certificate की जरूरत पड़ती है।

हो सकती है परेशानी

सामान्‍य रूप में इतने छोटे बच्चे के Aadhar card की जरूरत नहीं होती है, लेकिन कभी-कभी अचानक पहचान पत्र की जरूरत होती है। मसलन पासपोर्ट या वीजा बनवाने में जरूरत पड़ती है। उस समय अगर आधार नहीं बना हुआ तो परेशानी हो सकती है। इसलिए पांच वर्ष से कम उम्र के बच्‍चे का Blue Aadhar Card समय से बनवा लेना चाहिए।

इस उम्र के बाद अपडेट जरूरी

बच्‍चों का Aadhar card वयस्‍क होने से पहले दो बार अपडेट कराना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने से आधार उपयोगी नहीं होगा। पहली बार जब बच्‍चे की उम्र पांच वर्ष की हो तो उसे आधार केन्‍द्र ले जाकर बायोमेट्रिक कराना चाहिए और दूसरी बार 15 वर्ष की बायोमेट्रिक अपडेट कराना अनिवार्य है।


इस बात का ध्‍यान रखना चाहिए कि यह Certificate केवल नगर निगम का होना चाहिए। यही मान्‍य है। अस्‍पताल का बर्थ Certificate मान्‍य नहीं होता है। इसके साथ ही, परिवार के मुखिया का Aadhar card अनिवार्य है।

इसमें ध्‍यान रखने वाली यह बात होती है कि बर्थ Certificate में माता-पिता का वही नाम होना चाहिए, जो आधार में हो। अगर नाम कुछ भी बदलाव है तो Aadhar card नहीं बनेगा।
 

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