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UP के 12 जिलों से होकर गुजरेगा यह नया एक्सप्रेस!

UP Expressway News: गंगा एक्सप्रेसवे से कुंभ पहुंचना आसान होगा, इसलिए इसका निर्माण तेजी से पूरा करने का प्रयास भी चल रहा है। साल 2025 में प्रयागराज में परंपरागत 12 वर्षों के बाद महाकुंभ का आयोजन होना है।

 
UP Expressway News

Haryana Update: हमारे सफर को सड़कें आसान बनाती हैं और जब सड़कें अच्छी और अच्छी हों तो यात्रा और भी सुगम हो जाती है। अब सड़कों का डिजाइन बदल चुका है। वाहनों के बढ़ते बोझ को कम करने के लिए हाईवे से अधिक एक्सप्रेसवे का जाल बनाने पर जोर दिया जा रहा है। वर्तमान में गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण पूरा हो चुका है, जो उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा राजमार्ग है।

शाहजहांपुर में 3.5 किलोमीटर की हवाई पट्टी भी बनाई गई है, जहां से भारतीय वायुसेना के विमान किसी भी आपातकालीन परिस्थिति में उड़ान भर सकेंगे। वर्तमान में राजमार्ग के 500 किमी भाग का काम पूरा हो चुका है। यूपी सरकार ने प्रयागराज महाकुंभ 2025 से पहले इसे खोला जाएगा। हर स्तर पर इसके लिए तेजी से काम किया जा रहा है। यही कारण है कि आज लेख में हम आपको इस हाई स्पीड सड़क मार्ग की विशेषताओं से परिचित कराएंगे। साथ में, वे बताएंगे कि ये यातायात के लिए कब खोला जाएगा और कितना पैसा खर्च हुआ है?

मेरठ एक्सप्रेसवे कहाँ से गुजरेगा
प्रमुख शहर हैं हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल और बदायूं।
शाहजहांपुर (Shahjahanpur) और हरदोई
उन्नाव
रायबरेली
प्रतापगढ़

Ganga ExpressWay एक्सप्रेसवे मेरठ से शुरू होकर प्रयागराज में जाकर खत्म होता है। इस बीच, गंगा एक्सप्रेसवे 12 जिलों को शामिल करेगा। इस परियोजना पर लगभग 40हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। तीर्थयात्रियों के लिए गंगा एक्सप्रेसवे से कुंभ पहुंचना आसान होगा, इसलिए इसका निर्माण तेजी से पूरा करने का प्रयास भी चल रहा है। साल 2025 में प्रयागराज में परंपरागत 12 वर्षों के बाद महाकुंभ का आयोजन होना है। इसलिए इसका काम तेजी से होता है। भक्तों को प्रयाग तक पहुंचने में कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए।

गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण से मेरठ से प्रयागराज 8 घंटे में पहुंच जाएगा। इसका डिजाइन ऐसा था कि वाहन 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकें। साथ ही, बीच-बीच में टोल प्लाजा बनाए जाएंगे, ताकि एक्सप्रेसवे पर चलने वाली गाड़ियों से टोल वसूला जा सके। कुल बारह रैम्प टोल प्लाजा इस तरह बनेंगे। शाहजहांपुर में एयरस्ट्रीप भी बनाया जाएगा, जिससे आपातकालीन मामले में हेलिकॉप्टर या प्लेन उतारा जा सके। गंगा एक्सप्रेसवे बिजौली गांव से शुरू होकर मेरठ-बुलंदशहर (एनएच 334) पर प्रयागराज (एनएच 19) पर जूडापुर दादू गांव के पास खत्म होगा।

मेरठ के बाद गंगा एक्सप्रेसवे हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ से होकर इन धार्मिक स्थानों तक पहुंच करेगा। यह भी 12 चरणों में बनाया जा रहा है। उधर, ये एक्सप्रेसवे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, यमुना एक्सप्रेसवे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को सीधे कनेक्ट करेंगे। उधर, मेरठ में शहीद स्मारक हापुड़ को गढ़मुक्तेश्वर से जोड़ेगा।

इसका अगला पड़ाव बुलंदशहर होगा, जहां औद्योगिक कॉरिडोर बनाया जाएगा। ये राजमार्ग अमरोहा से गुजरेगा और बुलंदशहर से प्रसिद्ध वासुदेव मंदिर तक पहुंचेगा। आगे संभल के कैलादेवी से जुड़ जाएगा। बदायूं से आगे बन रहा है। यहां यह इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और हनुमान मंदिर से जुड़ जाएगा। राष्ट्रीय राजधानी को पूर्वी यूपी से गंगा एक्सप्रेसवे से सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी। इसके बनने से प्रयागराज से दिल्ली की यात्रा 6 से 7 घंटे की होगी। हालाँकि, यात्रियों को दिल्ली से प्रयागराज पहुंचने में लगभग दस से बारह घंटे लगते हैं।

फिलहाल, गंगा एक्सप्रेसवे पर वाहन की स्पीड 120 किमी/घंटा होगी. इससे उद्योग-धंधों को रफ्तार मिलेगी। यही कारण है कि मेरठ से प्रयागराज पहुंचने में सिर्फ आठ घंटे लगेंगे। गंगा एक्सप्रेसवे से कॉरिडोर की कनेक्टिविटी में सुधार होगा। इससे कॉरिडोर का विकास होगा। ये पूर्वी उत्तर प्रदेश से पश्चिमी उत्तर प्रदेश की यात्रा आसान बना देंगे। गंगा एक्सप्रेसवे से व्यापार, कृषि और औद्योगिक क्षेत्रों के साथ-साथ पर्यटन भी तेजी से बढ़ेगा। इससे बहुत से लोगों को नौकरी मिलेगी और स्थानीय रोजगार पर भी असर पड़ेगा। साथ ही इन जिलों का सामाजिक और आर्थिक विकास भी सुधरेगा। इसके निर्माण से राज्य में सबसे लंबी सड़क बन जाएगी।

मुख्य बिंदु: एक्सप्रेसवे से जुड़े जानकारी विवरण: एक्सप्रेसवे की लंबाई 594 किमी है, परियोजना की लागत 40,000 करोड़ रुपये है, शुरुआती बिंदु बिजौली गांव है (मेरठ), अंतिम बिंदु जूडापुर दादू गांव है (प्रयागराज), सड़क लेन 6 से 8 तक विस्तार निर्माणकर्ता कंपनी UPEIDA है, कार्य पूरा होने का समय 2024 है, एयर स्ट्रिप 3.5 कि

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