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UP News : यूपी का ये इलाका है सबसे ज्यादा प्रदूषण की चपेट में, ठंड भी सबसे ज्यादा है यहीं

UP मौसम : यूपी में हवा का प्रदूषण बहुत खराब हो गया है। सुबह कई शहरों में धुंध की चादर दिखाई देती है। एनसीआर सहित उत्तर प्रदेश के कई जिलों में प्रदूषण से लोगों की हालत खराब हो रही है। मौसम विभाग ने कहा कि आज से क्षेत्र में उत्तर-पश्चिमी सर्द हवाओं की गति बढ़ेगी।

 
UP News : यूपी का ये इलाका है सबसे ज्यादा प्रदूषण की चपेट में, ठंड भी सबसे ज्यादा है यहीं 

यूपी में हवा का प्रदूषण बहुत खराब हो गया है। दिवाली के बाद से ही इसमें कोई सुधार नहीं हुआ है। सुबह कई शहर धुंध से ढके हुए हैं। इसका प्रभाव बहुत देर तक रहता है। एनसीआर सहित उत्तर प्रदेश के कई जिलों में प्रदूषण से लोगों की सेहत खतरे में है। सोमवार को मेरठ ने दुर्घटना और प्रदूषण में दो रिकॉर्ड कायम किए। मेरठ प्रदेश में प्रदूषण में सबसे आगे रहा, लेकिन मैदानों में सबसे ठंडा था।

नवंबर में न्यूनतम तापमान में मेरठ सबसे ठंडा था। मैदानों में आज से उत्तर-पश्चिमी सर्द हवाएं चलने लगी हैं। मेरठ में अगले तीन-चार दिनों तक दिन-रात के तापमान में कमी और प्रदूषण में कमी की उम्मीद है। पश्चिमी विक्षोभ फिर से पहाड़ों पर आ जाएगा, जिससे मैदानों में हवाओं की गति रुक जाएगी और प्रदूषण का ग्राफ फिर से ऊपर जाने लगेगा। मैदानों तक भी संभावित विक्षोभ का असर हो सकता है। मेरठ में सोमवार को न्यूनतम तापमान 10.6 डिग्री सेल्सियस था, मौसम विभाग के बुलेटिन के अनुसार। मेरठ में यह सबसे कम तापमान था। सोमवार को मेरठ की रात यानी मैदानों में सबसे ठंडी रही।

रात में कम हुआ तापमान-
मेरठ में दिन में 26.4 डिग्री सेल्सियस का तापमान रहा। रविवार को दिन का तापमान 0.4 डिग्री सेल्सियस बढ़ा और रात में 0.9 डिग्री सेल्सियस गिरा। डिग्री सेएक डिग्री का ज़  मेरठ का एक्यूआई 348 भी बहुत बुरा था। सोमवार को उत्तर प्रदेश का मेरठ ही एक्यूआई 348 पर रहा। मेरठ देश में सबसे प्रदूषित शहर में छठे स्थान पर रहा।

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हवा की खराब गुणवत्ता—
रात नौ बजे गंगा नगर का एक्यूआई 359 था, जबकि पल्लवपुरम का 362 था। जयभीम नगर में कोई जानकारी नहीं है। गंगा नगर में पीएम-2.5 का स्तर 443, 441 और पल्लवपुरम में 404, 405 था। दोनों केंद्रों पर पीएम-2.5 स्तर था, जबकि पीएम-10 स्तर पांच सौ से नीचे था। बावजूद इसके, इन दोनों केंद्रों पर बहुत बुरा प्रदूषण है।


ताजपुर की हवा नहीं सुधर रही—
आगरा, भारत की राजधानी, हवाओं से कार्बन मोनो आक्साइड कम नहीं हो रहा है। वाहनों से हवा में जहर निकलता है। लोगों की सेहत इस जहर से खराब हो रही है। कोई उपाय सफल नहीं हुआ है।

सोमवार को भी शहर में बहुत अधिक कार्बन था। संजय प्लेस क्षेत्र सबसे बुरा है। इसके बावजूद, यहां कई सरकारी कार्यालय हैं। सीडीओ कार्यालय में लगभग दो दर्जन विभाग हैं। इसके अतिरिक्त कई निजी कार्यालय हैं। दैनिक रूप से हजारों लोग इस महत्वपूर्ण कार्यस्थल में आते हैं। यहाँ कार्बन की अधिकता से धुआं लोगों के फेंफड़ों तक पहुंच रहा है। इस क्षेत्र में कार्बन अपने मानकों से 35 से 40 गुना अधिक है। थोड़ी देर खुले रहने पर आंखों और खांसी होने लगती है। जबकि ताजमहल के करीबी क्षेत्र में आवास विकास कालोनी और शस्त्रपुरम में सूक्ष्म और धूल कण कम नहीं हो रहे हैं। मुख्य सड़कों के अलावा दूसरे स्थानों पर भी छिड़काव नहीं किया जा रहा है।

तापमान गिरेगा, धुंध भी छाएगी—
सोमवार को आगरा में अधिकतम तापमान 28.1 डिग्री सेल्सियस था, जो सामान्य से एक डिग्री कम था। न्यूनतम तापमान 14.7 डिग्री सेल्सियस था, जो सामान्य से दो डिग्री अधिक था। आर्द्रता का सर्वाधिक प्रतिशत ९४ था। मौसम विभाग का कहना है कि मंगलवार से रात का तापमान गिर जाएगा और तीन दिनों तक धुंध रहेगी। तब आसमान साफ होगा।

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