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हरियाली से भरपूर 380 किमी लंबा यह एक्सप्रेसवे यूपी के इन इलाकों को जोड़ेगा, जानें पूरी खबर

UP News: गांवों भी इस नवीन एक्सप्रेसवे से प्रभावित होंगे। एक रिपोर्ट के अनुसार, कन्नौज, फ़तेहपुर, बुलन्दशहर और अन्य क्षेत्रों में रियल एस्टेट क्षेत्र में वृद्धि होगी। यहाँ व्यावसायिक और आवासीय भूमि की मांग बढ़ सकती है।

 
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Haryana Update: आपको बता दें, की दिल्ली यूपी का विकास तेजी से हो रहा है। इनमें से एक है नवीनतम एक्सप्रेसवे का निर्माण। यूपी में नए हाईवे और एक्सप्रेसवे बनाए जा रहे हैं, जिससे दिल्ली-एनसीआर के कई शहरों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। इनमें गंगा एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे शामिल हैं। 

इस भाग में एक और नाम है गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे. 380 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के नौ जिलों को जोड़ता है और एक महत्वपूर्ण सड़क परियोजना है। विशेष बात यह है कि इस एक्सप्रेसवे के बनने से औद्योगिक केंद्र बनाए जाएंगे और दोनों शहरों के बीच यात्रा की अवधि कम होगी। यह एक ग्रीनफील्ड मार्ग होगा।

शुरू में यह चार लेन का एक्सप्रेसवे होगा, जो छह लेन तक बढ़ाया जा सकेगा। आइये आपको बताते हैं कि गाजियाबाद से कानपुर तक चलने वाले इस एक्सप्रेसवे से उत्तर प्रदेश के कौन-से जिले कवर होंगे।

गाजियाबाद-कानपुर राजमार्ग उत्तर प्रदेश के नौ जिलों से गुजरेगा। दक्षिणी छोर 62.7 किमी लंबे कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जुड़ा होगा, जबकि उत्तरी छोर NH-9 (Ghaziabad-Hapur Highway) से जुड़ा होगा। ग्रीनफील्ड कॉरिडोर भी गाजियाबाद के मेरठ एक्सप्रेसवे को हापुड से जोड़ेगा।

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गाजियाबाद-कानपुर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (Ghaziabad-Kanpur Greenfield Expressway) के निर्माण से दिल्ली-एनसीआर से यूपी के कई शहरों में कनेक्टिविटी और बेहतर होगी, जो सिर्फ साढ़े 3 घंटे में सफर करेगा। विशेष बात यह है कि इस एक्सप्रेसवे पर गाजियाबाद से कानपुर की दूरी सिर्फ साढ़े तीन घंटे में पूरी होगी। हालाँकि NH-91 कानपुर और गाजियाबाद को जोड़ता है, लेकिन यह 468 किलोमीटर का है और 8 घंटे लगता है।

इससे रियल एस्टेट उद्योग में मांग बढ़ेगी
ध्यान दें कि छोटे शहरों और गांवों भी इस नवीन एक्सप्रेसवे से प्रभावित होंगे। एक रिपोर्ट के अनुसार, कन्नौज, फ़तेहपुर, बुलन्दशहर और अन्य क्षेत्रों में रियल एस्टेट क्षेत्र में वृद्धि होगी। यहाँ व्यावसायिक और आवासीय भूमि की मांग बढ़ सकती है।

तैयार जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इस एक्सप्रेसवे के लिए आवश्यक जमीन का 90 प्रतिशत अधिग्रहण पूरा कर लिया है। 2026 तक गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे पूरा होने की उम्मीद है।