इन 10 तरह की नौकरियां करने वाले लोगों को होता है अस्थमा का सबसे ज्यादा खतरा
Asthma Risk Factors: अस्थमा एक श्वसन समस्या है, जिससे दुनिया भर में लाखों लोग प्रभावित हैं। हाल ही में हुए एक अध्ययन में अस्थमा को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इसमें बताया गया है कि कौन सी नौकरी करने वाले लोगों को अस्थमा होने का खतरा अधिक होता है।
New Study on Asthma (Haryana Update) : हर साल अस्थमा के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। यह एक श्वसन संबंधी समस्या है, जिसके कारण सांस लेना मुश्किल हो जाता है। अस्थमा होने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन कई चीजें ऐसी हैं, जिन्हें करने से इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि जो लोग हेयर ड्रेसर का काम करते हैं और पालतू जानवरों की देखभाल करते हैं उन्हें भी अस्थमा होने का खतरा कई गुना ज्यादा हो सकता है। इसका खुलासा यूनाइटेड किंगडम (यूके) की लॉ फर्म सिम्पसन मिलर ने किया है। कंपनी ने ऐसे लोगों की एक सूची बनाई है, जिन्हें अस्थमा का खतरा ज्यादा है। इनमें कई तरह के काम करने वाले लोग शामिल हैं.
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, सिम्पसन मिलर का दावा है कि
हेयरड्रेसर
पालतू जानवरों की देखभाल करने वाले
बेकरी कर्मचारी
सफाई कर्मचारी
मिल संचालक
धातु श्रमिक
फार्मास्युटिकल श्रमिक
रसायन निर्माता
कालीन निर्माता
खाद्य उत्पादन श्रमिक
चिपकने वाले निर्माता
ये सभी वे पेशेवर हैं जिनमें अस्थमा विकसित होने का जोखिम सबसे अधिक होता है, खासकर उनके बीच जो अस्थमा उत्पाद बनाते हैं।
इन सभी प्रकार के काम करने वाले लोग अपने काम के दौरान कई प्रकार के प्रदूषण तत्वों, धूल, मिट्टी और खतरनाक कणों के संपर्क में आते हैं, जिसके कारण ये खतरनाक प्रदूषण तत्व उनके शरीर में पहुंच जाते हैं। इस वजह से इन लोगों को अस्थमा होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे लोगों को काम करते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। काम के कारण होने वाले अस्थमा को व्यावसायिक अस्थमा कहा जाता है। चिंता की बात यह है कि अस्थमा के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।
लंबे समय तक लगातार प्रदूषक तत्वों और उत्तेजक पदार्थों के संपर्क में रहने से अस्थमा का खतरा बढ़ जाता है। साल 2021 में ब्राजील से एक स्टडी सामने आई, जिसमें पाया गया कि 16% लोग अपने प्रोफेशन की वजह से अस्थमा से पीड़ित हैं. अब यह आंकड़ा बढ़कर करीब 21.5 फीसदी हो गया है. WHO के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया में अस्थमा के मरीजों की संख्या 26 करोड़ से ज्यादा है. हर साल इस बीमारी से 4 लाख से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा देते हैं। इसे रोकने के लिए इन्हेलर और दवाएं दी जाती हैं, लेकिन लगातार प्रदूषण के संपर्क में रहने से यह शुरू हो जाता है।