8th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों की वेतन में आया 44.44% का बंपर उछाल!
8th pay commission latest news:फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक है जिसके माध्यम से वेतन और पेंशन को संशोधित किया जाता है। 7वें वेतन आयोग ने 2.57 का फिटमेंट फैक्टर सुझाया था, जिससे न्यूनतम वेतन ₹7,000 से बढ़कर ₹17,990 हो गया।

8th pay commission latest news (Haryana Update) : केंद्रीय कर्मचारियों के लिए इससे बड़ी खुशखबरी और क्या हो सकती है कि खुद प्रधानमंत्री मोदी ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। साल 2026 में जब 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल खत्म होगा, तब 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें आएंगी। लेकिन, इस खबर के बाद सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की हो रही है कि कर्मचारियों की सैलरी में कितना बड़ा अंतर आएगा।
इसमें सबसे बड़ी भूमिका फिटमेंट फैक्टर की होगी। फिटमेंट फैक्टर पर गरमागरम बहस चल रही है, जो सैलरी और पेंशन में संशोधन का मुख्य आधार है। महंगाई को देखते हुए फिटमेंट में बदलाव बेहद जरूरी है। सैलरी रिवीजन का पता 8वें वेतन आयोग के समय ही चलेगा। लेकिन, 8वें वेतन आयोग में होने वाली बढ़ोतरी 6वें वेतन आयोग से भी बड़ी हो सकती है।
फिटमेंट फैक्टर क्या है और यह क्यों जरूरी है?
फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक है, जिसके जरिए सैलरी और पेंशन में संशोधन किया जाता है। 7वें वेतन आयोग ने 2.57 का फिटमेंट फैक्टर सुझाया था, जिसके चलते न्यूनतम सैलरी ₹7,000 से बढ़कर ₹17,990 हो गई थी. अब देखना यह है कि 8वें वेतन आयोग में कितना फिटमेंट फैक्टर रखा जाएगा. वेतन आयोग के चेयरमैन 2026 तक अपनी सिफारिशें पेश करेंगे. उसके बाद ही यह बात पता चल पाएगी.
क्या हर साल बदलेगी सैलरी?
7वें वेतन आयोग के गठन के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी में सबसे कम बढ़ोतरी हुई. दरअसल, फिटमेंट फैक्टर के हिसाब से सैलरी में बढ़ोतरी की गई. इसमें इसे 2.57 गुना रखा गया. इससे बेसिक सैलरी 18000 रुपये हो गई. अगर इसी फॉर्मूले को आधार माना जाए तो 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर की अधिकतम सीमा के तहत न्यूनतम सैलरी 26000 रुपये हो जाएगी.
कब-कब और कितनी बढ़ी कर्मचारियों की सैलरी?
चौथे वेतन आयोग में केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में 27.6% की बढ़ोतरी की गई थी। इसमें उनका न्यूनतम वेतनमान 750 रुपये तय किया गया था।
पांचवें वेतन आयोग में कर्मचारियों को बड़ा तोहफा मिला और उनके वेतन में 31% की बढ़ोतरी की गई। इससे उनका न्यूनतम वेतन सीधे 2550 रुपये प्रति माह हो गया।
छठे वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर लागू किया गया था। उस समय इसे 1.86 गुना रखा गया था। इससे कर्मचारियों को वेतन में सबसे बड़ी बढ़ोतरी मिली। उनके न्यूनतम वेतन में 54% की बढ़ोतरी हुई। इससे मूल वेतन बढ़कर 7000 रुपये हो गया।
सातवें वेतन आयोग का गठन वर्ष 2014 में हुआ था। फिटमेंट फैक्टर को आधार मानकर 2.57 गुना की बढ़ोतरी की गई थी। लेकिन, वेतन में जो बढ़ोतरी हुई वह सिर्फ 14.29% थी।
आठवें वेतन आयोग में कितनी बढ़ोतरी की उम्मीद है?
अब 8वें वेतन आयोग के गठन के बाद अगर सरकार पुराने स्केल पर ही सैलरी रिवीजन रखती है तो फिटमेंट फैक्टर को भी आधार माना जाएगा। इस आधार पर कर्मचारियों के फिटमेंट में 3.68 गुना की बढ़ोतरी हो सकती है। इस आधार पर कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में 44.44% की बढ़ोतरी हो सकती है। इससे कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 26000 रुपये हो सकता है।
आठवें वेतन आयोग का गठन कब होगा?
अभी तक सरकार ने 8वें वेतन आयोग को सिर्फ इतनी जानकारी दी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे मंजूरी दे दी है। हालांकि अभी मंजूरी की कई और परतें बाकी हैं। अब इसे प्रस्ताव के लिए कैबिनेट के पास भी लाया जाएगा। इसके बाद फाइल तैयार होगी और वेतन आयोग का औपचारिक रूप से गठन हो जाएगा। इसके पैनल में कौन-कौन होंगे, यह भी तभी तय होगा। आयोग का जो भी अध्यक्ष होगा, उसकी सिफारिशों को लागू किया जाएगा। उम्मीद है कि इसका गठन 2026 में हो जाएगा। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को इसका बेसब्री से इंतजार है। सभी की निगाहें सरकार पर टिकी हैं कि वह न्यायोचित संशोधन पर ध्यान केंद्रित करेगी।