ये सुविधाओं से युक्त नया शहर जापानी कंपनियों को मिलेगा
UP News: आज यूपी का विकास काफी तेजी से हो रहा है और विदेशों से काफी निवेश भी आ रहा है। जापानी कंपनियां यूपोइ में काफी निवेश कर रही हैं, और सरकार इन जापानी कंपनियों के कर्मचारियों के लिए नए शहर बनाने जा रही है। इस शहर में दुनिया भर की सुविधाएँ होंगी | इस नए शहर को जानें
Updated: Feb 13, 2024, 15:28 IST
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Haryana Update: वर्तमान में यूपी (UP News) में विदेशी कंपनियां काफी दिलचस्पी दिखा रही हैं। यूपी की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था ने दुनिया भर का ध्यान खींचा है, इसलिए जापानी कंपनियां भी राज्य के कई क्षेत्रों में निवेश करने जा रही हैं। जापानी कंपनियों ने यूपी के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करने के उत्साह को देखते हुए एक नई सिटी बनाने की योजना बनाई है। जापानी कंपनियां चाहती हैं कि वे नोएडा या आसपास बड़े जमीन पर अपनी छोटी-बड़ी परियोजनाएं लगा सकें। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Yamuna Expressway Industrial Development Authority) ने इसके लिए पांच सौ एकड़ की जमीन अधिग्रहण की है। जापानी कंपनियों के लिए अलग शहर बनाया जाएगा।
इलेक्ट्रानिक्स कंपनियां इन्वेस्टमेंट सिटी बनने वाले क्षेत्र में आएंगी। विशेष रूप से, सेमी कंडक्टर, आर्टीफिशियल इंटलीजेंस, ग्रीन हाइड्रोजन इनर्जी, सोलर इनर्जी और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में निवेश होगा। औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सरकार इस प्रस्तावित सिटी में आधारभूत ढांचा बनाएगी। इसमें उच्चस्तरीय सड़कें, बिजली, सुरक्षा और नागरिक सुविधाएं होंगी। जापान की कंपनियों में काम करने वाले लोगों को घर, स्कूल और अस्पताल जैसे सुविधाएं दी जाएंगी।
सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के आठवें पे कमीशन को किया क्लीयर
हाल ही में, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) और स्थानीय अधिकारियों ने जापानी राजनयिकों और अधिकारियों के एक शिष्टमंडल से मुलाकात की, जिसमें निवेश प्रस्तावों और प्रस्तावित शहर पर चर्चा हुई। जापानी कंपनियों के प्रतिनिधिमंडल को इस बैठक के बाद यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी में जमीन भी दिखाई गई। यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी द्वारा अधिग्रहण की गई जमीन अब एक सिटी बन जाएगी।
यूपी सरकार की एफडीआई नीति के तहत जापानी कंपनियां निवेश करेंगी। एफडीआई पॉलिसी में निवेश करने पर कंपनियों को कई तरह की छूट मिलती है। विशेष रूप से, इसमें जमीन की कीमत में ८० प्रतिशत तक की छूट का प्रावधान है। जापान की कंपनी फूजी सिल्वरटेक कंक्रीट भी राज्य सरकार (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) को एफडीआई पॉलिसी के तहत पहला निवेश मिल गया है। 500 एकड़ की इस सिटी में जापान की विभिन्न क्षेत्रों की कंपनियां लगभग 15000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने का अनुमान है।
इलेक्ट्रानिक्स कंपनियां इन्वेस्टमेंट सिटी बनने वाले क्षेत्र में आएंगी। विशेष रूप से, सेमी कंडक्टर, आर्टीफिशियल इंटलीजेंस, ग्रीन हाइड्रोजन इनर्जी, सोलर इनर्जी और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में निवेश होगा। औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सरकार इस प्रस्तावित सिटी में आधारभूत ढांचा बनाएगी। इसमें उच्चस्तरीय सड़कें, बिजली, सुरक्षा और नागरिक सुविधाएं होंगी। जापान की कंपनियों में काम करने वाले लोगों को घर, स्कूल और अस्पताल जैसे सुविधाएं दी जाएंगी।
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हाल ही में, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) और स्थानीय अधिकारियों ने जापानी राजनयिकों और अधिकारियों के एक शिष्टमंडल से मुलाकात की, जिसमें निवेश प्रस्तावों और प्रस्तावित शहर पर चर्चा हुई। जापानी कंपनियों के प्रतिनिधिमंडल को इस बैठक के बाद यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी में जमीन भी दिखाई गई। यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी द्वारा अधिग्रहण की गई जमीन अब एक सिटी बन जाएगी।
यूपी सरकार की एफडीआई नीति के तहत जापानी कंपनियां निवेश करेंगी। एफडीआई पॉलिसी में निवेश करने पर कंपनियों को कई तरह की छूट मिलती है। विशेष रूप से, इसमें जमीन की कीमत में ८० प्रतिशत तक की छूट का प्रावधान है। जापान की कंपनी फूजी सिल्वरटेक कंक्रीट भी राज्य सरकार (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) को एफडीआई पॉलिसी के तहत पहला निवेश मिल गया है। 500 एकड़ की इस सिटी में जापान की विभिन्न क्षेत्रों की कंपनियां लगभग 15000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने का अनुमान है।