HCS भर्ती परीक्षा को लेकर सुरजेवाला ने HPSC पर लगाए आरोप, अटैची कांड’ के बाद पेपर लीक अपनाई की नई तकनीक
सुरजेवाला ने कहा कि अपने ‘घपले-घोटालों’ के कारण अपनी विश्वसनीयता खो चुके आयोग ने पिछले साल के सवाल दोहराकर न केवल अपनी अयोग्यता साबित की है बल्कि खुद अपना ही पेपर लीक करने का घृणित कार्य भी किया है।

Haryana Update: दो दिन पहले 21 मई को आयोजित HCS की प्रिलिमिनरी एग्जाम के दूसरे पेपर में 32 प्रश्न 2022 के निकलने पर बवाल मच गया है। कांग्रेस ने इसको लेकर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने खट्टर सरकार व स्टेट पब्लिक सर्विस कमीशन पर तीखा हमला बोला है।
सुरजेवाला ने कहा कि अपने ‘घपले-घोटालों’ के कारण अपनी विश्वसनीयता खो चुके आयोग ने पिछले साल के सवाल दोहराकर न केवल अपनी अयोग्यता साबित की है बल्कि खुद अपना ही पेपर लीक करने का घृणित कार्य भी किया है।
HC के सिटिंग जज करें जांच
सुरजेवाला ने मांग की कि HPSC तथा भ्रष्ट आयोग को बर्खास्त करके उच्च न्यायालय के सिटिंग जज से साढ़े 8 साल में इनके घोटालों की जांच करवाई जाए। पिछली बार HSSC का डिप्टी सेक्रेटरी अनिल नागर रुपए की भरी अटैची और अभ्यर्थियों की OMR शीट के साथ पकड़ा गया था।
उस समय तो खट्टर साहब की विजिलेंस ने अकेले अनिल नागर को बलि का बकरा बनाकर सरकार की बाकी सभी बड़ी मछलियों को बचा लिया था।
अटैची कांड का दिया हवाला
सुरजेवाला ने कहा कि नौकरियों में भर्ती घोटालों के चलते HSSC के ‘अटैची कांड’ का भंडाफोड़ हो जाने के बाद HPSC ने पर्चा लीक करने की यह नई तकनीक ईजाद की है। खट्टर सरकार को उन 93,000 युवाओं से तुरंत माफी मांगनी चाहिए, जिन्होंने उनके पारदर्शिता के झूठे नारों पर विश्वास करके परीक्षा का फॉर्म भरा था। इस परीक्षा को तुरंत रद्द करके दुबारा पेपर करवाया जाए।
सीसेट में 33 प्रतिशत अंक जरूरी
HCS की प्रिलिमिनरी परीक्षा में दो पेपर होते हैं। इनमें से एक पेपर सामान्य ज्ञान और दूसरा पेपर सिविल सर्विस एप्टिट्यूड टेस्ट होता है जिसे ‘सीसेट’ कहा जाता है। इस ‘सीसेट’ की परीक्षा में पास होने के लिए हर अभ्यर्थी को 33 प्रतिशत अंक लेने अनिवार्य हैं,
तभी उसका सामान्य ज्ञान का पेपर चेक होता है जिसके आधार पर मेरिट बनती है। यदि इस ‘सीसेट’ के पेपर में अभ्यर्थी 33 प्रतिशत अंक नही ले पाता तो वह मेरिट से स्वतः बाहर हो जाता है।
पर्चा लीक का है षडयंत्र
'सीसेट’ के पेपर में 100 में से 32 प्रश्न पिछली बार की परीक्षा के पेपर से कॉमा-फुलस्टॉप तक बदले बिना यूं के यूं नकल करके दे दिए। कैंडिडेट्स को इस पेपर को क्वालीफाई करने के लिए केवल 33 प्रतिशत अंक ही लेने होते हैं और इनमें 32 प्रश्न व उनकी कुंजी पिछले साल से ही सार्वजनिक पटल पर होने के चलते आउट कर रखे हैं। यह सीधे-सीधे पर्चा लीक करने का षडयंत्र है। ये लोग हर परीक्षा में नकल करके प्रश्न देते हैं जो कि पर्चा लीक करने का बड़ा व सुरक्षित तरीका है।