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High Court ने किया साफ! ससुर की प्रॉपर्टी में दामाद का है इतना अधिकार

High Court On Property Rules : आज के समय में शादी होते ही पत्नी पति की आधी संपत्ति की हकदार हो जाती है। इसी तरह आज हम जानेंगे कि दामाद का ससुर की संपत्ति पर अधिकार है या नहीं। आज हम इसी विषय पर चर्चा करने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं इसके बारे में पूरी जानकारी विस्तार से... 

 
 ससुर की प्रॉपर्टी में दामाद का है इतना अधिकार
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High Court On Property Rules (Haryana Update) : शादी हर व्यक्ति के जीवन का अहम हिस्सा होती है। देखा जाता है कि बेटी के माता-पिता उसे ससुराल में सही तरीके से रखने की पूरी कोशिश करते हैं, ताकि उनकी बेटी को किसी तरह की परेशानी न हो। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे ससुराल वालों की हर मांग पूरी करते रहें, चाहे वह सही हो या गलत। इससे जुड़े एक मामले में कोर्ट ने साफ कर दिया कि दामाद का अपने ससुर की संपत्ति पर कोई कानूनी अधिकार नहीं है, भले ही उसने उस संपत्ति को खरीदने या बनाने में आर्थिक मदद की हो।

हां, अगर ससुर अपनी संपत्ति दामाद के नाम कर देता है तो वह संपत्ति दामाद की कानूनी संपत्ति हो जाती है और ससुर का उस पर कोई अधिकार नहीं होता। लेकिन, अगर यह धोखाधड़ी या बलपूर्वक किया जाता है तो इसे अदालत में चुनौती दी जा सकती है। इसी तरह पत्नी के मामले में भी कुछ ऐसा ही होता है। 

पत्नी का अपने पति या ससुराल वालों की पैतृक संपत्ति पर कोई कानूनी अधिकार नहीं होता। अगर पति की मृत्यु हो जाती है तो पत्नी को उतना ही हिस्सा मिलता है जितना उसके पति को मिलता। अगर पति के बाद ससुराल वालों की मृत्यु हो जाती है तो महिला को संपत्ति पर अधिकार मिल सकता है। लेकिन यह तभी संभव है जब ससुराल वालों ने अपनी जमीन किसी और को न दी हो। तभी पत्नी को उस संपत्ति में अधिकार मिल सकता है। केरल हाईकोर्ट ने भी इसी तरह के फैसले में साफ किया था कि दामाद का अपने ससुर की संपत्ति या इमारत पर कोई कानूनी अधिकार नहीं है। न्यायमूर्ति एन अनिल कुमार ने कन्नूर के तलिपरंबा के डेविस राफेल की अपील को खारिज करते हुए यह आदेश दिया। 

डेविस राफेल ने पय्यान्नूर उप-न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसमें उनके ससुर हेंड्री थॉमस की संपत्ति पर उनके दावे को खारिज कर दिया गया था। पत्नी के मामले में भी यही स्थिति है। पत्नी का अपने ससुराल वालों की पैतृक संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं है। अगर पति की मृत्यु हो जाती है, तो पत्नी को उतना ही हिस्सा मिलता है, जितना उसके पति का था। अगर पति की मृत्यु के बाद सास-ससुर की मृत्यु हो जाती है और उन्होंने संपत्ति किसी और को नहीं दी है, तो पत्नी को संपत्ति पर अधिकार मिल सकता है।

क्या है पूरा मामला?
मामला यह है कि इस संपत्ति विवाद में ससुर ने निचली अदालत में एक मामला दायर किया था, जिसमें उन्होंने अपने दामाद डेविस के खिलाफ स्थायी निषेधाज्ञा मांगी थी। ससुर ने आरोप लगाया था कि डेविस उनकी संपत्ति में अवैध रूप से घुसपैठ कर रहा है और उनके घर और संपत्ति के शांतिपूर्ण कब्जे में हस्तक्षेप कर रहा है। मामले की जानकारी के अनुसार हेंड्री ने दावा किया कि उसे यह संपत्ति थ्रीचंबरम स्थित सेंट पॉल चर्च से उपहार के रूप में मिली थी, जो उसे चर्च के फादर जेम्स नसरथ के माध्यम से मिली थी। 

हेंड्री ने कहा कि उसने अपनी मेहनत की कमाई से एक पक्का मकान बनवाया है, जिसमें वह अपने परिवार के साथ रहता है। उसने दलील दी कि इस संपत्ति पर उसके दामाद का कोई कानूनी अधिकार नहीं है, इसलिए वह कोई दावा नहीं कर सकता। वहीं दामाद ने अपनी दलील में कहा कि यह संपत्ति संदिग्ध है, क्योंकि यह उपहार चर्च के अधिकारियों द्वारा परिवार को दिया गया था। उसने कहा कि उसने हेंड्री की इकलौती बेटी से शादी की थी और शादी के बाद उसे परिवार का सदस्य माना जाता है, इसलिए उसे उस घर में रहने का अधिकार है। 

निचली अदालत ने फैसला दिया था कि दामाद का अपने ससुर की संपत्ति पर कोई कानूनी अधिकार नहीं है। वैसे भी कानून में पहले से ही स्पष्ट है कि दामाद अपने ससुर की संपत्ति पर दावा नहीं कर सकता। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि दामाद को परिवार का सदस्य मानना ​​मुश्किल है। कोर्ट ने दामाद की उस दलील को खारिज कर दिया, जिसमें उसने कहा था कि शादी के बाद उसे परिवार के सदस्य के तौर पर अपनाया गया था। कोर्ट ने इसे शर्मनाक दलील करार दिया।