Haryana Update: प्रशासनिक प्रणाली में सुधार हुआ है। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि बातचीत सब कुछ हल करेगी। कमेटी को कुछ मुद्दे बनाकर हल करने की जरूरत है।
बैठक पांच घंटे चली।
किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के बीच 12 फरवरी की रात चंडीगढ़ में साढ़े पांच घंटे तक चली बैठक में न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून और कर्ज माफी पर सहमति नहीं बन पाई। किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवन सिंह पंधेर ने इसके बाद दिल्ली मार्च की घोषणा की।
सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के आठवें पे कमीशन को किया क्लीयर
पंजाब-हरियाणा के शंभू, खनौरी और डबवाली बॉर्डर पर किसानों से आह्वान किया गया है। Pandey ने कहा कि सरकार किसानों की मांगों पर गंभीर नहीं है। सरकार को भ्रम है। वह बस समय बर्बाद करना चाहती है। हम सरकार की योजना पर विचार करेंगे, लेकिन आंदोलन जारी रहेगा।
2 वर्ष पहले भी आंदोलन जारी था
किसान आंदोलन दो साल पहले भी शुरू हुआ था। 17 सितंबर 2020 को किसानों ने दिल्ली की सीमा पर आंदोलन शुरू किया था, तीन कृषि कानूनों के खिलाफ। गुरु नानक देव की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कानूनों को वापस लेने की घोषणा की। बाद में किसानों ने 11 दिसंबर को आंदोलन समाप्त करने का ऐलान किया। आंदोलन 378 दिनों तक चला। किसान संगठनों के अनुसार आंदोलन में सैंकड़ों किसान मारे गए।