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शीर्ष अदालत ने केजरीवाल की याचिका पर आदेश पारित करने में देरी पर उठाया सवाल

Delhi News : गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने आबकारी नीति से जुड़े मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत और गिरफ्तारी को खारिज करने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया। इस दौरान, शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट द्वारा इस मामले में आदेश पारित करने में देरी पर आश्चर्य व्यक्त किया।
 
शीर्ष अदालत ने केजरीवाल की याचिका पर आदेश पारित करने में देरी पर उठाया सवाल

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हाईकोर्ट को मामले की विस्तृत दलीलों को सुनने से पहले अपनी राय देनी चाहिए थी यदि उसे लगता था कि याचिकाकर्ता को ट्रायल कोर्ट पहले जाना चाहिए था। उनका कहना था कि ठीक है, हाईकोर्ट को इस मामले पर आदेश पारित करना चाहिए था उसी दिन जिस दिन मामले में नोटिस जारी किया गया था। 

तीन पंक्तियाँ लिखने में सात दिन लगे: जस्टिस भुइयां ने आश्चर्य व्यक्त किया कि हाईकोर्ट ने तीन पैरा का आदेश लिखने में सात दिन लगे। सीबीआई के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने इस पर हाईकोर्ट के आदेश का बचाव करते हुए कहा कि मामले की सुनवाई के लिए हाईकोर्ट छुट्टी के दिन भी बैठा। शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी सीबीआई की दलील पर की, जिसमें कहा गया था कि केजरीवाल ने हाईकोर्ट से सीधे जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जाने की जगह हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।


सीबीआई ने कहा कि आमने-सामने मामले के अन्य आरोपी भी पहले ट्रायल कोर्ट गए थे।

सुनवाई के दौरान सीबीआई के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने पीठ को बताया कि अन्य आरोपी मनीष सिसोदिया और संजय सिंह पहले ट्रायल कोर्ट और फिर हाईकोर्ट गए, लेकिन मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सीधे हाईकोर्ट का रुख किया।
एसजी राजू ने कहा कि अदालत ने पहले कई फैसलों में माना है कि जहां समवर्ती क्षेत्राधिकार का प्रश्न है, ट्रायल कोर्ट को पहले बुलाया जाना चाहिए। 
पंजाब में जांच की आंच पहुंचेगी: सीबीआई ने बताया कि दिल्ली सरकार की आबकारी नीतियों में अनियमितता पंजाब से जुड़ी है। ASSG Raju ने कहा कि सीबीआई इस मामले में पंजाब सरकार की भूमिका की जांच करना चाहती है, लेकिन राज्य सरकार इसकी अनुमति नहीं दे रही है। उन्हें लगता था कि पंजाब के देव लिकर को इस मामले में मार डाला गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर पूछा कि क्या Lord Likar वर्तमान मामले में गवाह है। एसजी राजू ने इस पर नकारात्मक उत्तर दिया।


केजरीवाल जमानत की शर्तों को पूरा करते हैं: सिंधवी केजरीवाल के वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सीबीआई की दलीलों का विरोध किया। उनका दावा था कि हाईकोर्ट को भी समवर्ती अधिकार है। केजरीवाल, मैं ट्रायल कोर्ट में वापस नहीं भेजा जा सकता। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आपको लगता है कि ट्रायल कोर्ट भेजना व्यर्थ की कोशिश होगी। 
सिंघवी ने पीठ को बताया कि केजरीवाल जमानत के लिए आवश्यक तीन शर्तों को पूरा करते हैं। सिंघवी ने कहा कि याचिकाकर्ता केजरीवाल मुख्यमंत्री हैं और उनके भागने का कोई खतरा नहीं है। यद्यपि केजरीवाल अदालत में नियुक्ति रूप से उपस्थित होंगे, साक्ष्यों को छेड़छाड़ नहीं होगी क्योंकि वे दस्तावेजी हैं और जांच एजेंसी द्वारा जुटाए गए हैं।

जमानत देते समय वरिष्ठ अधिवक्ता सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का हवाला दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नेता सिसोदिया को जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट भेजना सांप सीढ़ी की तरह होगा। 


केजरीवाल ने पहले से ही तैयारी की थी: सीआईए

दिल्ली में वरिष्ठ संवाददाता 
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर सीबीआई ने कथित आबकारी घोटाला मामले में आरोप लगाया कि दिल्ली में शराब कारोबार को निजीकरण करने की पूर्वयोजना थी। यह उनकी पार्टी को अवैध लाभ देता था। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा को सीबीआई ने केजरीवाल के खिलाफ दायर अपने पूरे आरोप पत्र में ये आरोप लगाए। 3 सितंबर को, केजरीवाल, आप विधायक दुर्गेश पाठक और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र अदालत को प्रस्तुत किया गया था।

 

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