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Salary hike : सरकारी कर्मचारियों की सैलरी बढ़ेगी, फिटमेंट फैक्टर 1.92 से 2.57 तक जाएगा

Salary hike :  सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में बड़ा बदलाव होने वाला है। फिटमेंट फैक्टर 1.92 से बढ़कर 2.57 हो जाएगा, जिससे सैलरी में दोगुना से ज्यादा का इजाफा होगा। जानें इस सैलरी हाइक के बारे में पूरी जानकारी।
 
Salary hike : सरकारी कर्मचारियों की सैलरी बढ़ेगी, फिटमेंट फैक्टर 1.92 से 2.57 तक जाएगा
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Salary hike : देश में करीब एक करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी लंबे समय से आठवें वेतन आयोग की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं। इस साल जनवरी में इस आयोग के गठन की घोषणा हुई थी, लेकिन अभी तक इसके सदस्यों की आधिकारिक नियुक्ति नहीं हुई है। उम्मीद जताई जा रही है कि यह आयोग अगले साल तक अपनी रिपोर्ट पेश करेगा, जिसके बाद कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में सुधार होगा।

महंगाई भत्ते का विलय और वेतन वृद्धि
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि इस बार आठवें वेतन आयोग में महंगाई भत्ते (डीए) को मूल वेतन में जोड़ने की योजना है। पहले के वेतन आयोगों में भी इस प्रक्रिया को अपनाया गया था, जहां डीए को मूल वेतन में शामिल किया जाता था ताकि वेतन में स्थिरता आ सके। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि यदि डीए को मूल वेतन में मिलाने के बाद फिटमेंट फैक्टर लागू किया गया, तो वेतन वृद्धि का प्रतिशत कम हो सकता है।

वर्तमान वेतन संरचना और संभावित बढ़ोतरी
सातवें वेतन आयोग के अनुसार, अभी महंगाई भत्ता 55% तक पहुंच चुका है। लेवल 1 के कर्मचारी का न्यूनतम मूल वेतन ₹18,000 है, जो डीए बढ़ोतरी के बाद लगभग ₹27,900 हो गया है। अगर आठवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर इसी नए मूल वेतन पर लागू किया गया, तो कर्मचारियों को बेहतर वेतन वृद्धि मिलेगी।

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रिपोर्ट्स के अनुसार, फिटमेंट फैक्टर 1.92 से 2.86 के बीच हो सकता है। इसका मतलब यह हुआ कि ₹18,000 वाले मूल वेतन पर फिटमेंट फैक्टर लगाकर वेतन ₹53,568 से लेकर ₹79,794 तक बढ़ सकता है। वहीं अगर फिटमेंट फैक्टर 2.57 रहा, तो वेतन लगभग ₹71,703 होगा।

सरकार की ओर से अब तक की गतिविधियां
16 जनवरी को सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की थी और कहा था कि इसके सदस्यों के नाम जल्द ही घोषित किए जाएंगे। फिलहाल इस संबंध में कोई आधिकारिक सूची जारी नहीं हुई है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि आयोग अपनी रिपोर्ट 2026 की दूसरी छमाही तक प्रस्तुत कर सकता है। साथ ही, यह भी माना जा रहा है कि आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होंगी।

8वें वेतन आयोग की मुख्य चुनौतियां
इस बार का वेतन आयोग महंगाई, कर्मचारियों की मांगें और आर्थिक स्थिरता के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए काम करेगा। सरकार की आर्थिक स्थिति और बजट प्रतिबंध भी इस आयोग के निर्णयों पर प्रभाव डाल सकते हैं। इसलिए यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि वेतन आयोग कितनी बढ़ोतरी की सिफारिश करता है और इसके लागू होने का समय क्या रहेगा।

कर्मचारियों की उम्मीदें और पेंशनभोगियों की आवश्यकताएं
केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को उम्मीद है कि इस बार वेतन आयोग उनकी मांगों को ध्यान में रखेगा और वेतन में उचित बढ़ोतरी करेगा। खासकर महंगाई भत्ते को मूल वेतन में मिलाने से उनकी आय में स्थिरता आएगी और वे वित्तीय रूप से बेहतर स्थिति में आ सकेंगे। इसके अलावा, पेंशन में भी बढ़ोतरी से वरिष्ठ नागरिकों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

पिछले वेतन आयोगों का रिकॉर्ड
पिछले वेतन आयोगों ने भी कर्मचारियों की आय में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी की थी, जिससे सरकारी कर्मचारियों की जीवनशैली में सुधार आया। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 2016 में लागू हुईं थीं और तब से कई बार महंगाई भत्ते में वृद्धि हुई है। आठवें वेतन आयोग के लिए भी उम्मीद जताई जा रही है कि यह समान रूप से लाभकारी होगा।

आगे क्या होगा?
अब यह देखने की बात होगी कि सरकार आठवें वेतन आयोग के सदस्यों की नियुक्ति कब तक करती है और आयोग कब अपनी रिपोर्ट पेश करता है। आयोग के सुझावों के आधार पर सरकार वेतन और पेंशन में वृद्धि के निर्णय लेगी। इसके बाद कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को वित्तीय राहत मिल सकेगी।


देश के केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी लंबे समय से वेतन आयोग की घोषणा और रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। महंगाई भत्ते को मूल वेतन में मिलाने और बेहतर फिटमेंट फैक्टर के कारण वेतन वृद्धि की संभावना प्रबल है। सरकार के जल्द कदम उठाने से इन लाखों परिवारों को आर्थिक लाभ होगा और उनकी जीवन गुणवत्ता में सुधार होगा।