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Pension: नहीं मिली पेंशन, 91 साल की महिला 46 साल से कर रही इंतजार!

Pension News: शुक्रवार को जस्टिस बिराजा प्रसन्ना सतपथी की सिंगल बेंच ने कहा, "आदेश का पालन करने के लिए अवमाननाकर्ता को एक महीने का अतिरिक्त समय देकर इस अवमानना याचिका का निपटारा किया जाता हैं। 

 
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Haryana Update: आपको बता दें, की उड़ीसा HC ने केंद्रपाड़ा जिला कलेक्टर सूर्यवंशी मयूर विकास को एक 91 वर्षीय महिला को पारिवारिक पेंशन देने के लिए एक महीने का समय दिया है। 46 साल पहले मर चुके महिला के पति एक स्कूल शिक्षक थे।

हाई कोर्ट ने चार महीने पहले केंद्रपाड़ा जिला कलेक्टर को हारा साहू को पारिवारिक पेंशन देने का आदेश दिया था। 26 अगस्त 1977 को हारा साहू के पति का निधन हो गया।

अदालत ने पेंशन को "आदेश की प्राप्ति की तारीख से दो महीने की अवधि के भीतर बकाया रकम के साथ" देने का आदेश दिया। 15 नवंबर, 2023 को अधिसूचना पारित हुई, लेकिन महिला को पेंशन नहीं मिली।

हारा साहू की अवमानना याचिका पर शुक्रवार को जस्टिस बिराजा प्रसन्ना सतपथी की सिंगल बेंच ने कहा, "आदेश का पालन करने के लिए अवमाननाकर्ता को एक महीने का अतिरिक्त समय देकर इस अवमानना याचिका का निपटारा किया जाता है," हाल ही में पेश हुई रिपोर्ट के अनुसार।“यदि विस्तारित समय के भीतर आदेश का अनुपालन नहीं किया जाता, तो इसे इस अदालत के आदेश का जानबूझकर उल्लंघन माना जाएगा, उन्होंने चेतावनी दी।

केंद्रपाड़ा जिले के पलेई डेराकुंडी में रहने वाली बुजुर्ग महिला अपने बेटे, 60 वर्षीय रिटायर्ड मत्स्य विभाग कर्मचारी, बहू, तीन पोते और दो पोतियों के साथ रहती है।

क्या पूरा मुद्दा है?
Case Records बताते हैं कि महिला ने 1991 से केंद्रपाड़ा में स्कूलों और जन शिक्षा अधिकारियों के सामने कई याचिकाएं दायर की हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

21 अगस्त, 2023 को, केंद्रपाड़ा जिला कलेक्टर ने पारिवारिक पेंशन, ग्रेच्युटी और अन्य सेवाओं के लिए उनका दावा खारिज कर दिया। दलील थी कि मामला पारिवारिक पेंशन के लिए योग्य नहीं था क्योंकि योजना 1980-81 में शुरू की गई थी और पति 1977 में मर गया था।

19 अक्टूबर 2023 को महिला ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। केंद्रपाड़ा कलेक्टर के आदेश को अदालत ने खारिज कर दिया और कहा कि अगर पति जीवित होता तो वह 1983 में रिहाटयर हो जाता, जिससे वह पेंशन योजना के लिए पात्र होता।